नफरत नहीं, मोहब्बत चाहिए मुल्क को – देवबंदी उलेमा कारी इसहाक गोरा का बड़ा बयान

सहारनपुर। शुक्रवार की जुमे की नमाज के बाद उठे ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद पर देवबंद के उलेमा कारी इसहाक गोरा ने एक अहम और सधा हुआ बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा कि “लव कोई अपराध नहीं है, बल्कि इंसान की सबसे बड़ी जरूरत है। आज मुल्क को नफरत नहीं, बल्कि मोहब्बत और भाईचारे की दरकार है।”

कारी इसहाक गोरा ने इस दौरान बरेली की घटना, जहां लाठीचार्ज हुआ था, पर गहरी चिंता जताई और सवाल किया कि “क्या अब मोहब्बत जताने पर भी सजा भुगतनी पड़ेगी?” उनका कहना था कि हिंदुस्तानी हमेशा से मोहब्बत के भूखे रहे हैं और अगर उनसे प्यार से बात की जाए, तो वे अपनी जान तक देने को तैयार हो जाते हैं।

“लव को अपराध बनाना देश के लिए खतरनाक”

उन्होंने कहा कि अगर मोहब्बत को अपराध की शक्ल दी जाएगी, तो यह समाज और मुल्क दोनों के लिए खतरनाक होगा। उलेमा ने अपील की कि मोहब्बत का इजहार दिल से होना चाहिए, न कि टकराव और पोस्टरों से। उन्होंने दोहराया कि इस्लाम हिंसा की तालीम नहीं देता, बल्कि अमन और सब्र की सीख देता है।

तनावपूर्ण माहौल में संयम जरूरी

कारी गोरा ने सहारनपुर की घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि युवक ने सिर्फ अपनी मोहब्बत का इजहार करने की कोशिश की थी, लेकिन जब माहौल पहले से ही तनावपूर्ण हो और पुलिस-प्रशासन मौके पर मौजूद हो, तो ऐसे हालात में संयम और समझदारी बरतना जरूरी है।

“भाईचारा ही हिंदुस्तान की पहचान”

उन्होंने अंत में कहा कि हिंदुस्तान हमेशा से भाईचारे और धार्मिक सम्मान की मिसाल रहा है। यहां हर धर्म के लोग एक-दूसरे की आस्थाओं का सम्मान करते आए हैं और यही परंपरा भविष्य में भी जारी रहनी चाहिए। “नफरत नहीं, भाईचारा ही हिंदुस्तान की पहचान है।”

✍️ "समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए मुजफ्फरनगर से पत्रकार गुलवेज आलम की खास रिपोर्ट
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