शिक्षक बच्चों के भविष्य विधाता हैं - सूरज ब्रम्हे, धरना स्थल पर पहुंचे राष्ट्रीय संयोजक


 पूरे मध्यप्रदेश में आजाद अध्यापक  शिक्षक संघ के बैनर तले पुरानी पेंशन बहाली के साथ ही 11 सूत्रीय मांगों में   अनुकम्पा नियुक्ति में सरलीकरण किया जाए , 2006,2007,2008 एवं 2009 में नियुक्त अध्यापक संवर्ग की प्रथम क्रमोन्नत्ति , वेतनमान, एवं 1998 से 2001 में नियुक्त अध्यापक संवर्ग के द्वितीय क्रमोन्नत्ति, समयमान, वेतनमान के आदेश जारी किए जाये, गुरुजी संवर्ग के अध्यापक शिक्षक संवर्ग को भी शिक्षक गारंटी शाला से शासकीय शाला से उन्नयन दिनाँक से वरिष्ठता का लाभ दिया जाए एवं अन्य मांगों को लेकर  अनिश्चित कालीन धरने पर 22 सितम्बर से बैठे हुवे हैं। इसी के तहत बैहर के शिवमंदिर चौक में शिक्षकों के धरना स्थल पर नरेंद्र मोदी विचार मंच के राष्ट्रीय संयोजक पहुंच कर शिक्षकों के न्यायउचित मांगो का समर्थन करते हुवे कहा कि मध्यप्रदेश सरकार को शिक्षकों के धरना-प्रदर्शन को गंभीरता से लेते हुवे उनकी न्यायोचित मांगो को शीघ्र पूर्ण कर उनको धरने से उठाना चाहिए।

क्योंकि यदि शिक्षक धरने पर बैठेंगे तो बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है। आपने कहा कि शिक्षक का दर्जा भगवान से भी ऊपर होता है। हमें पढ़ाया जाता था कि गुरु गोविंद दऊ खड़े काके लागू पाय, बलहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताये। भगवान ने स्वयं कहा कि गुरु का दर्जा भगवान से बड़ा है पहले उनके चरण पड़ो। आज देश के भाग्य विधाता अपनी समस्या को लेकर धरना करने पर मजबूर हैं। आपने कहा कि शिक्षक देश के बच्चों जो देश का भविष्य है उनके भाग्य विधाता हैं। श्री ब्रम्हे ने मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री, महामहिम राज्यपाल महोदय मध्यप्रदेश शासन से मांग की है कि शीघ्र ही शिक्षकों की मांगों को गंभीरता से लेते हुवे उनकी मांगों को पूरा किया जाये जिससे 2023 एवं 2024 के चुनाव में इसका लाभ मिल सके संगठन को मिल सके। और चुनाव के पूर्व गुरु दक्षिणा के रूप में उन्हें पुरानी पेंशन बहाली कर गुरु दक्षिणा के बोझ से मुक्त हो सकें। 

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