शिक्षक सम्मान महाभियान तृतीय दिवस प्राइमरी से डिग्री कॉलेज तक के 119 शिक्षकों का सम्मान


भारत में गुरु-शिष्य की समृद्धिशाली परंपरा।

जब आक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज व कैलीफोर्निया जैसे देशों में प्राइमरी स्कूल का कहीं दूर तक नामोनिशान तक नहीं था तब हमारे यहाँ नालंदा, तक्षशिला व विक्रमशिला जैसे विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालय थे। तक्षशिला विश्वविद्यालय में लगभग 10,500  भारतीय और विदेशी छात्र अध्ययन करते थे जिन्हें करीब 2,000 विद्वान शिक्षकों द्वारा


शिक्षा प्रदान की जाती थी। पाणिनी, कौटिल्य (चाणक्य), चन्द्रगुप्त, जीवक, कौशलराज, प्रसेनजित जैसे विद्वानों ने इसी विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की थी , ये बातें शिक्षक सम्मान महाभियान के तृतीय दिन आज दुर्गा प्रसाद पब्लिक स्कूल बुढ़ाना रोड में शिक्षक सम्मान समारोह सभा को संबोधित करते हुए निवर्तमान चेयरमैन अरविंद संगल ने कही

हमारे यहाँ गुरु-शिष्य की बड़ी आदर्श व समृद्धिशाली परंपरा रही है। प्राचीन काल में शिष्य गुरु के आश्रम में रहकर ही ज्ञानार्जन करते थे। गुरु संदीपन के आश्रम में रहकर ही एक ग्वाला योगीराज श्रीकृष्ण बना। गुरु वशिष्ठ के आश्रम में रहकर ही एक राज कुमार मर्यादा पुरुषोत्तम राम बनता है। चंद्रगुप्त मौर्य को चंद्रगुप्त मौर्य बनाने में उसके गुरु चाणक्य की ही प्रमुख भूमिका थी। स्वामी रामकृष्ण परमहंस के कारण ही विवेकानंद, विवेकानंद बन सके। एकलव्य का उदाहरण सबने पढ़ा है जिसने अपने मानस गुरु द्रोणाचार्य के कहने पर अपना अंगूठा गुरु दक्षिणा में दे दिया था। शिवाजी अपने गुरु रामदास के लिए शेरनी का दूध लाने में भी नहीं हिचकिचाए थे। 


हमारे शास्त्रों व धर्म ग्रंथों में गुरु को ईश्वर से भी बढ़कर माना गया है : आचार्यों देवो भव: और उन्होंने गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि कबीर दास जी कहते हैं - सब धरती कागज करूँ, लेखनी सब वनराय। सात समुद्र की मसि: करूँ "गुरुगुण" लिखा न जाय। हमारा अतीत शिक्षा में बड़ा गौरवशाली रहा है। हम शिक्षा में विश्व के सिरमौर देश रहे हैं।  इस अवसर पर अरविंद संगल ने बताया कि शिक्षक सम्मान पखवाड़े के अंतर्गत हम प्राईमरी शिक्षक से लेकर डिग्री कॉलेज के प्रोफेसर तक 1842 शिक्षकों का सम्मान करेंगे,


जिनमें से आज तीसरे दिन 119 शिक्षकों का सम्मान किया गया । इनमें मुख्यत: डॉक्टर सुधीर कुमार प्रधानाचार्य वी. वी. डिग्री कॉलेज, श्री लोकेंद्र रघुवंशी प्रधानाचार्य आर के इंटर कॉलेज, श्री राजवीर सिंह प्रधानाचार्य सत्यनारायण जूनियर हाई स्कूल, श्री कुलदीप वशिष्ठ प्रधानाचार्य दुर्गा प्रसाद पब्लिक स्कूल, अंकित कुमार, रामपाल सिंह, अनुज कुमार, योगेंद्र शर्मा, प्रमोद कुमार, रजनीश कुमार,सुशील तोमर, राधेश्याम, अनिल शर्मा, सतीश शर्मा, रामनाथ, मनोज कुमार, घनश्याम शर्मा, नीना छोकर, भूपेन्द्र कुमार, प्रताप कुमार आदि का सम्मान किया गया ।


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