मशहूर कवि, साहित्यकार, गीतकार एवम पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित डॉक्टर गोपाल दास नीरज को उनके जन्म दिवस पर याद किया गया और खिराजे अकीदत पेश किया गया : नवाबजादा सैय्यद मासूम रज़ा, एडवोकेट

 


लखनऊ : मशहूर कवि, साहित्यकार, गीतकार एवम पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित डॉक्टर गोपाल दास नीरज को उनके जन्म दिवस पर याद किया गया और खिराजे अकीदत पेश किया गया। सल्तनत मंजिल, हामिद रोड, निकट सिटी स्टेशन, लखनऊ के रॉयल फेमिली के नवाबजादा सैयद मासूम रज़ा, एडवोकेट ने कहा कि डॉक्टर नीरज 4 जनवरी 1925 को इटावा, उत्तर प्रदेश में पैदा हुएं। यह श्री मुलायम सिंह यादव, पूर्व मुखमंत्री, यू. पी. घराने से बेहद करीब माने जाते हैं। 1965 में मुम्बई आ गएं और सबसे पहले आर चंद्रा फिल्म "नई उम्र की नई फसल" के लिए गीत लिखा। उन्होंने गीतकार के रूप में शशि कपूर और राखी अभिनीत फिल्म "शर्मीली" के बेहतरीन गीत लिखकर 1971 में आसमान की ऊंचाइयों को छू लिया। डॉक्टर नीरज का लिखा "अब तो मजहब कोई ऐसा भी चलाया जाए, जिसमे इंसान को इंसान बनाया जाए".... बेहद मशहूर हुआ। डॉक्टर नीरज की इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में तीन पुस्तकें काव्यांजलि, नीरज के संग कविता और नीरज संचय' रिलीज हुई इस अवसर नवाबजादा सैय्यद मासूम रज़ा को डॉक्टर नीरज से मिलने का मौक़ा मिला। इसके इलावा अटल बिहारी बाजपेई कन्वेंशन सेंटर, लखनऊ के एक कार्यक्रम में उनसे और मौलाना डॉक्टर कल्बे सादिक साहेब के साथ बात करने का अवसर प्राप्त हुआ जिसके लिए नवाबजादा रज़ा अपने को भाग्यशाली समझते है। लिखे जो खत तुझे....गाने के मशहूर गीतकार नीरज जी ने इस दुनिया को 93 साल की उम्र में 19 जुलाई 2018 को हमेशा हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।

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