बीएसएफ जवान की संदिग्ध मौत पर पत्नी ने लगाया हत्या का आरोप उच्चस्तरीय जांच और शहीद का दर्जा देने की मांग, अंतिम संस्कार से किया इंकार पत्नी भी है बीएसएफ में तैनात, विभागीय अधिकारियों पर खड़े किए गंभीर सवाल

 


शामली। जिले में पहुंचे बीएसएफ के जवान के शव का परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। बंगाल में पोस्टिंग के दौरान जवान का गोली लगा शव बरामद हुआ था। मृतक की पत्नी भी बीएसएफ में तैनात है, जिसने पति की हत्या का आरोप लगाते हुए खुद की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े किए हैं। पत्नी द्वारा हत्या की उच्चस्तरीय जांच, शहीद का दर्जा देने, और इस मामले से जुड़े बीएसफ के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग उठाई है। परिजनों ने उचित आश्वासन मिलने तक जवान के शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया है।जानकारी के अनुसार 99 बटालियन बीएसएफ के जवान विकास कुमार


की पश्चिम बंगाल में मौत का मामला तूल पकड़ गया है। बुधवार की सुबह जवान का शव जनपद शामली के पैतृक गांव लांक में पहुंचा। पत्नी ने शव के हालातों को देखकर पति की हत्या का दावा किया है। कई गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं। परिजनों ने अपनी मांगों पर उचित आश्वासन मिलने तक जवान का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। इसके चलते बीएसएफ से लेकर स्थानीय अधिकारियों में खलबली मच गई है।

 सूचना पर शामली जिला मुख्यालय से अपर पुलिस अधीक्षक, एसडीएम सदर और सीओ सिटी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने जवान के परिजनों को समझाने बुझाने की कोशिश की, लेकिन मृतक की पत्नी और परिवार के अन्य लोगों ने अपनी मांगों को अधिकारियों के सामने रखते हुए उचित आश्वासन मिलने तक जवान के शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। इसके बाद मौके पर राजनैतिक दलों के लोग भी पहुंच गए। राजनैतिक दलों के लोगों ने भी परिजनों को इंसान दिलाने की मांग शुरू कर दी। इसके चलते दोपहर बाद तक भी जवान के शव का अंतिम संस्कार नही हो पाया।

क्या है जवान के परिवार की मांग?

जवान की पत्नी पंपा मेहता ने बताया कि उनके पति की हत्या को बीएफएफ के अधिकारियों ने आत्महत्या दर्शाया है, लेकिन शव को देखने पर पता चल रहा है कि यह हत्या है। जवान की पत्नी और परिवार के लोगों ने सरकार के सामने कई मांगे रखी है। परिजनों का कहना है कि डाक्टरों के विशेष पैनल द्वारा पुनः डेडबॉडी का पोस्टमार्टम होना चाहिए। भारत सरकार विश्वसनीय एजेंसी से इस पूरे मामले की जांच कराए। जवान को शहीद का दर्जा मिले. विभाग के दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो। परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिले,

केंद्र व राज्य सरकार द्वारा पीडित परिवार को आर्थिक अनुदान निर्गत किया जाए। बीएसफ के अधिकारियों द्वारा मृतक की पत्नी को तंग न किया जाए एवं बच्चों को साथ रखने की अनुमति मिले। इसके अलावा पत्नी का नजदीक स्थानांतरण हो और राष्ट्रीय सम्मान के साथ जवान का अंतिम संस्कार हो। परिजनों का कहना है कि इन मांगों का पालन होने के बाद ही वें जवान के शव का अंतिम संस्कार करेंगे।

क्या है पूरा मामला 

शामली के लांक गांव निवासी भंवर सिंह का पुत्र विकास कश्यप 2013 में 99 बटालियन बीएसएफ में भर्ती हुआ था। जवान की तैनाती पश्चिमी बंगाल के नदिया में चल रही थी। 2018 में विकास ने पंपा मेहता से शादी की थी। पंपा मेहता भी बीएसएफ में तैनात है, जिनकी पोस्टिंग पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में है। 31 अगस्त की सुबह जवान विकास कुमार का गोली लगा शव मिला था। बताया जा रहा है कि उस दौरान विकास ड्यूटी पर था और उसकी रायफल भी पास में ही पड़ी हुई थी। बुधवार की सुबह जवान का शव पैतृक गांव लांक लाया गया, जिसे देखकर परिजनों में कोहराम मचा गया। परिजनों ने शव के हालातों को देखकर जवान की हत्या का दावा कर रहे हैं। पत्नी पंपा मेहता के अनुसार उन्हें महकमें द्वारा बताया गया कि पति ने आत्महत्या की है, लेकिन पश्चिमी बंगाल में किसी ने उन्हें पति का शव देखने की इजाजत नही दी। अब जब शव घर आया है, तो शरीर पर चोट के निशान दिखाई दे रहे हैं। हाथ और पैरों के नाखून भी उखाड़े गए हैं, जिससे यह मामला हत्या का प्रतीत हो रहा है।

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