जयपुर : राजस्थान में समस्त राजकीय कार्यालयों में विभिन्न पदों पर प्लेसमेंट एजेंसी के मार्फत, सेवा प्रदाता फर्म के मार्फत, जॉब बेसिस आधारित, मैन विद् मशीन, निविदा माध्यम या अन्य ठेका प्रणाली के माध्यम से पूर्णतयाः अस्थाई तौर पर लगभग 15-20 वर्षों से लगातार अपनी नियमित सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन उक्त कार्मिकों की किसी के भी द्वारा सुध नहीं ली जा रही हैं। और न ही उनकी समस्याओं के निराकरण हेतु कोई ध्यान दिया जा रहा हैं। जिसके चलते उन सबका भविष्य अंधकारमय बना हुआ हैं। उक्त सम्बन्ध में इन कार्मिकों के द्वारा राज्य सरकार को समय-समय पर नियमित रूप से विभिन्न ज्ञापनों के माध्यम से उनकी समस्याओं से अवगत करवाया जाता रहा हैं।
लेकिन अब तक किसी भी सरकार द्वारा द्वारा इन्हें कोई राहत प्रदान नहीं की गई है। इसी कड़ी में ये समस्त कार्मिक पिछले कई दिनों से महामहिम राज्यपाल, लोकायुक्त राजस्थान, मानवाधिकार आयोग राजस्थान, मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार, प्रमुख शासन सचिव (मुख्यमंत्री), प्रमुख शासन सचिव (कार्मिक विभाग), शासन सचिव (वित्त) तथा समस्त विभागों के शासन सचिवों राजस्थान सरकार को नियमित रूप से ईमेल और पत्रों के भिजवाते हुए सरकार के ध्यान में लाने की कोशिश कर उनकी समस्याओं के निराकरण की मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा राजस्थान में सभी विभागों/सरकारी कार्यालयों में भिन्न-भिन्न पदों पर उपरोक्त वर्णित विभिन्न ठेका प्रणालियों के माध्यम से पूर्णतयाः अस्थाई तौर पर राज्य सरकार के आदेशानुसार/निर्देशानुसार लगाया जाता हैं। तथा उन कार्मिकों द्वारा राजकीय कार्यों को अपनी मेहनत, लगन व पूर्ण इमानदारी के साथ करते हुए केन्द्र/राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं को पूर्ण करने में अपना शत-प्रतिशत योगदान देते हैं, उनमें किसी का मानदेय/वेतन 4000 रूपये है तो किसी का 5000 रूपये है तथा राज्य सरकार द्वारा उक्त अल्प मानदेय भोगी कार्मिकों की आर्थिक पीड़ा के विषय में कभी किसी के द्वारा भी अपना ध्यान केन्द्रित नहीं किया। जब इन अस्थायी कार्मिक अपने कार्य के प्रति कोई समझौता नहीं करते है या भेदभाव नहीं करते हैं,तो उनके साथ राज्य सरकार द्वारा एक सम्मानजनक न्यूनतम मानदेय/वेतन दिये जाने के संबंध में ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा हैं।जहां एक तरफ महंगाई दिनों-दिन बढ़ती रहती हैं, वहीं दूसरी तरफ अल्प मानदेय भोगी कार्मिक आर्थिक रूप से इतने कमजोर है कि उनको देय मानदेय/वेतन से न तो अपना स्वयं का गुजारा करने में सक्षम है और न ही अपने परिवार की जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में सक्षम होते है। ऐसे में वर्तमान समय में लगातार बढ़ती जा रही इस महंगाई में हम स्वयं का और अपने परिवार का जीवन यापन कैसे करंे? इस प्रकार से आर्थिक तौर पर हमारे साथ किये जा रहे भेदभाव को रोकने हेतु गहनता से चिंतन किया जाकर उचित कदम उठाया जाकर राज्य सरकार को इस पर विचार करना होगा। ऐसे सैकड़ों कार्मिक पिछले कई वर्षों इसी विश्वास में जी रहे है कि कभी तो कोई राज्य सरकार इनकी आर्थिक पीड़ा को समझेगी और एक सम्मानजन मानदेय का निर्धारण कर उन्हें आर्थिक सम्बलन प्रदान कर समस्याओं तथा ठेका प्रथा से हो रहे शोषण से मुक्ति दिलायेगी। चूंकि इस सम्बन्ध में राज्य सरकार को इस बात का भली-भांति ध्यान है कि इन अस्थायी कार्मिकों को चाहे कोविड-19 में ड्यूटी के आदेश दिये जाते हो या फिर राष्ट्रीय कार्यक्रमों जैसे-बाढ़ बचाव, लोकसभा चुनाव, विधानसभा चुनाव, पंचायतीराज चुनाव या फिर नगर-निकायों के चुनाव हो, उन कार्मिकों को दिये गये
दायित्वों को पूर्ण लगन और कड़ी मेहनत के साथ कार्य सम्पादित करते हुए राज्य सरकार के आदेशों की पालना की जाती है। राज्य सरकार को भी इन अस्थायी कार्मिकों की मांगों जैसे राजकीय कर्मचारियों की भांति इन्हें भी समान काम, समान वेतन/मानेदय दिए जाने, न्यूनतम मानदेय निर्धारण पदों के अनुरूप (न्यूनतम 25000 रूपये मासिक) निर्धारित किया जाना, समस्त अस्थायी कार्मिकों की पी.एफ. कटौति प्रारंभ करना, ठेका प्रथा को बंद करवाकर उक्त सभी कार्मिकों को वर्तमान कार्यरत पदों पर सीधे संविदा के माध्यम से लिया जाकर उनका उसी पद पर समायोजन करने, प्रति वर्ष 20 प्रतिशत मानदेय अभिवृद्धि करने, भविष्य में होने वाली विभिन्न भर्तियों में इन कमिकों को प्राथमिकता देते हुए नियमितिकरण करने, वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए हो रही टेण्डर प्रक्रियाओं के कारण इन अस्थाई कार्मिक को नहीं हटाया सीधे राजस्थान संविदा सेवा नियम 2022-23 के अन्तर्गत संविदा पर लिये जाने, विशेष शिक्षकों, कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका विद्यालयों में कार्यरत कार्मिकों व अन्य ऐसे कार्मिकों को ग्रीष्मावकाश की अवधि के दौरान नियमित मानते हुए उनको मानदेय/वेतन के साथ समस्त परिलाभ दिये जाने के सम्बन्ध में ध्यान दिया जाना बहुत आवश्यक है
ताकि इन कार्मिकों साथ आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक रूप से हो रहे इस घोर अत्याचार/अन्याय से हमें छुटकारा मिल सकें और ये पूर्ण सम्मान और विश्वास के साथ अपना तथा अपने परिवार का पालन-पोषण दिन-ब-दिन बढ़ती इस महंगाई में करने में सक्षम हो सकें। इस सम्बन्ध में राजस्थान अस्थायी कर्मचारी संघ हल्ला बोल के कार्यकारी अध्यक्ष अविनाश कुमार द्वारा जयपुर जिला प्रशासन एवं पुलिश प्रशासन से 14 अप्रेल 2022 को मुख्यमंत्रीजी को ज्ञापन दिए जाने के सम्बन्ध में अनुमति के लिए भी आवेदन किया गया है लेकिन अभी तक इन्हें अनुमति नहीं दी गयी है! ज्ञात रहे की आगामी 2023 में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले है और उन विधान सभ चुनावों में इन अस्थायी कार्मिकों की सरकार सुनने में बहुत बड़ी भूमिका रहेगी! यह जानकारी राजस्थान अस्थायी कर्मचारी संघ हल्ला बोल जालौर के कुपा राम उर्फ़ कपिल ने दी। जयपुर / राजस्थान : समझो भारत न्यूज डिजिटल चैनल नई दिल्ली से राष्ट्रीय प्रभारी डॉ.के.एल.परमार की स्पेशल रिपोर्ट : 9636125006
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इन मांगों पर सरकार को जल्द ही कोई फैसला लेना चाहिए अन्यथा आगामी इलेक्शन में सरकार को ही उखाड़ फेंकेंगे
ReplyDeleteसरकार को तो आना ही नहीं है इसीलिए तो कुंभकरण की नींद सो रही है नहीं तो इन लोगों को कब का परमानेंट कर देती महंगाई देखो आसमान छू रही है यह लोग इतने कम पैसों में अपना भरण-पोषण कैसे करेगी सरकार को नींद से जागना पड़ेगा
Deleteहमारी मागे पूरी करो
DeleteHamare maage puri karo
ReplyDeleteआपके जिले के सभी साथियों से कमेन्ट करवाएं
DeleteHamri mage puri karo
DeleteHame hamara hak chahiye
ReplyDeleteHmari mange puri kro हमे स्थाई करो
Deleteहमारी मांग पूरी करो
ReplyDeleteSarkar yo ukhdegi able election me
ReplyDeleteHamare maage puri karo
ReplyDeleteHamari manage puri karo
ReplyDeleteमुख्यमंत्री महोदय,
ReplyDeleteइस पर कुछ विचार करे
ठेका प्रथा हटाओ, मानदेय में बढ़ोतरी की जाए,, हमे वरीयता दी जाए।
ReplyDeleteहमारी मांगे पूरी करो
ReplyDelete
ReplyDeleteहमारी मांगे पूरी करो
Hamari mange Puri kro
ReplyDeleteहमपरी मागे पूरी करो
ReplyDeleteहमारी मागे पूरी करो
ReplyDeleteराज्य सरकार को राजकीय कार्यालयों प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से लगे हुए कार्मिकों को नियमित करना चाहिए और आज की बढ़ती महंगाई को देखते हुए उनकी वेतन वृद्धि की जानी चाहिए और समान कार्य समान वेतन का फार्मूला लागू होना चाहिए
ReplyDeleteजायज मांग है इसे पूरी करनी चाहिए
ReplyDeleteJay ho
ReplyDeleteसमान काम समान वेतन का नियम लागू किया जाए! प्लेसमेंट ठेके की प्रथा बंद करके,जीवन जीने के समान अधिकार दिए जाएं! समस्त कार्मिकों की जायज मांगों को पूरा किया जाए
ReplyDeletePlease ठेका प्रथा को समाप्त करो, अन्यथा हम सबको सड़को पर आना होगा, अविनाश कुमार,
ReplyDeleteHamari mange puri kro hamara mandey badaya jaye hme shavida pr liya jaye
ReplyDeleteठेका प्रणाली को बंद किया जाये और सभी को संविदा पर किया जाये नहीं तो आगे आने वाले चुनाव में उलटी गिनती सुरु कर दो
ReplyDeleteराज्य सरकार को राजकीय कार्यालयों प्लेसमेंट एजेंसियों/अन्य तरीकों से लगे ठेकाकर्मियों को ओर किसी भी माध्यम से लगे हुए कार्मिकों को नियमित करना चाहिए और आज की बढ़ती महंगाई को देखते हुए उनकी वेतन वृद्धि की जानी चाहिए और समान कार्य समान वेतन का फार्मूला लागू होना चाहिए
ReplyDeleteश्रीमान गहलोत साहब से निवेदन है की ठेका प्रथा को बंद करके अस्थाई कार्मिको को नियमित करके वेतन मे वृधि करनी चाहिए
ReplyDeletePlease ठेका प्रथा को समाप्त करो, अन्यथा हम सबको सड़को पर आना होगा
ReplyDeletehamari mange puri karo
ReplyDeleteअन्य तरीकों से लगे ठेकाकर्मियों को ओर किसी भी माध्यम से लगे हुए कार्मिकों को नियमित करना चाहिए और आज की बढ़ती महंगाई को देखते हुए उनकी वेतन वृद्धि की जानी चाहिए और समान कार्य समान वेतन का फार्मूला लागू होना चाहिए
ReplyDeleteसेलेरी कम से कम 15 हजार से 20 हजार तो होना ही चाहिए इस महंगाई में घर चलाने के लिए
ReplyDeleteराष्ट्रीय पोषण मिशन के 689 लोगो को प्लेशमेंट एजेंसियों से हटा कर सीधे विभाग से लिया जाए अन्यथा हम सरकार ही हटा देंगे
ReplyDeleteमाननीय मंत्री महोदय आपसे निवेदन है कि आपके द्वारा जो चुनाव समय पर अपने एजेंडे में जो वादे किए गए थे जिस आधार पर आपने वोट लिए गए थे उसको पूरा करने का समय आ गया है आपसे निवेदन है कि प्लेसमेंट एजेंसी के द्वारा या किसी भी तरीके से अस्थाई कर्मचारी जो राजस्थान में लगे हुए हैं उनको परमानेंट कीजिए अन्यथा हमारे सामने से दूसरा विकल्प खुला हुआ है
ReplyDeleteमाननीय मुख्यमंत्री महोदय से यही निवेदन है कि हमारा शोषण बंद करें ठेका प्रथा बंद करें 7 8000 में कौन सा परिवार का गुजारा होता आज के समय में आपसे हमें न्याय की अपेक्षा है
ReplyDeleteश्रीमान गहलोत साहब से निवेदन है की ठेका प्रथा को बंद करके अस्थाई कार्मिको को नियमित करके वेतन मे वृधि करनी चाहिये ताकि समस्त अस्थाई कर्मचारियों को यह संघर्ष जारी रहेगा जब तब हमें अपना हक नहीं मिलता जब तक , आप सभी यही अनुरोध है कि एकता से काम करे ताकि अपनी बात आगे पहुंचे।। जब रात को vc के माध्यम से बताया गया था कि 500 कर्मचारियों ही भाग लेते हैं बाकी सब .......! मेरा तो आप सबसे यही आशा की है एकता बनाये ।।
ReplyDeleteराष्ट्रीय पोषण मिशन के 689 लोगो को प्लेशमेंट एजेंसियों से हटा कर सीधे विभाग से लिया जाए अन्यथा हम सरकार ही हटा देंगे गहलोत सरकार अब जाग जाओ अपना वादा पूरा करो
ReplyDeleteराष्ट्रीय पोषण मिशन के 689 लोगो को प्लेशमेंट एजेंसियों से हटा कर सीधे विभाग से लिया जाए
ReplyDeleteGovt employee hi vote denge kya unko to vese bhut salary mil rahi h cm sir garibo ka kalyan karo dua melegi
ReplyDeleteजायज मांगो को पूरा करे
ReplyDeleteSavidha Kramchari ko jld niymit kre
ReplyDeleteराज्य सरकार के अधीन राजकीय कार्यालयों में प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से लगे हुए कार्मिकों को नियमित करना और आज की बढ़ती महंगाई को देखते हुए वेतन वृद्धि करना और समान कार्य समान वेतन का फार्मूला लागू होना चाहिए
ReplyDeleteश्रीमान गहलोत साहब से निवेदन है की ठेका प्रथा को बंद करके अस्थाई कार्मिको को नियमित करके वेतन मे वृधि करनी राष्ट्रीय पोषण मिशन के 689 लोगो को प्लेशमेंट एजेंसियों से हटा कर सीधे विभाग से लिया जाए
ReplyDeleteHamari Mange Puri Karo
ReplyDeleteराज्य सरकार को राजकीय कार्यालयों प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से लगे हुए कार्मिकों को नियमित करना चाहिए और आज की बढ़ती महंगाई को देखते हुए उनकी वेतन वृद्धि की जानी चाहिए और समान कार्य
ReplyDeleteठेका प्रथा बंद करो स्थाई करो स्थाई करो
ReplyDeleteठेका प्रथा बंद करो
ReplyDeleteराज्य सरकार के अधीन राजकीय कार्यालयों में प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से लगे हुए कार्मिकों को नियमित करना और आज की बढ़ती महंगाई को देखते हुए वेतन वृद्धि करना और समान कार्य समान वेतन का फार्मूला लागू होना चाहिए
ReplyDeleteहमारी मांगे पुरी करो.... 🙏🙏🙏
सरकार इस और ध्यान दे और हमें न्याय दिलाए हमारा शोषण बंद करवाए ठेका प्रथा बंद करे और वेतन बढ़ाए
ReplyDeleteCM सर हमारी समस्या को शून्ये, कई वर्षों से चली आ प्लेसमेंट/ठेका प्रथा को बंद कीजये
ReplyDeleteSAMAAN KAM SAMAN VETAN DEKAR HAME NYAY DO........
ReplyDeleteठेका प्रथा बंद करनी चाहिए। हमारा रुपये के रुप मे तो शोषण हो ही रह है। वो तो हम लोग जैसे तैसे करके टाइम पास कर रहे हैं। ऊपर से अधिकारी/अन्य कर्मचारी हटाने का भी रोब दीखते है। और kovid में ड्यूटी अपनी हर जगह ड्यूटी अपनी ओर एक दिन कह दो परिवार में काम है तो छुटी नही ।
ReplyDeleteसाल भर खर्चा से आय को घटा दो तो कर्जा आ जायेगा लोग मागते ही रहेंगे फिर आदमी क्या करेगा । ऑफिस में या तो गोटाला या रिसवत लेकर काम उस पर भी जॉच करती हैं सरकार ये ही होगा
ReplyDeleteHak ki laday h
ReplyDeleteमैं श्रीमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी से निवेदन करता हूं कि सर आपने बोला था कि मेरी कलम से किसी का भला होगा तो मैं करूंगा तो सर आपसे यही उम्मीद है कि आप भी हमारी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करोगे
ReplyDeleteमैं श्रीमान अशोक जी गहलोत से निवेदन करता हूं आपने बोला था कि मेरी कलम से किसी का भला होगा तो मैं करूंगा तो सर मैं आपसे यह उम्मीद करता हूं कि आप भी हमारा भला करो
ReplyDeleteअसेंबली के प्रशन 1827 का उतर भी नहीं दिया कार्मिक विभाग ने जो सविधा कर्मी के लिए माननीय सदस्य श्री पाना चंद मेघवाल ने पूछा था किसी के पास उतर हो तो बताए
ReplyDeletehamari mange puri karo
ReplyDeleteठेका प्रथा बन्द करो। सविदा कर्मचारियों का मानदेय बढाओ
ReplyDeleteपोषण अभियान के तहत लगे कार्मिकों को ठेका प्रथा से हटाकर सीधा विभाग द्वारा संविदा पर लिया जाएं
ReplyDeleteहमारी मांगे पूरी करो
ReplyDeleteVajib mang hai. Sarkar ko avasay puri krni chahiye.
ReplyDeleteपिछले कई वर्षों से विभिन्न विभागों में ठेका व प्लेसमेंट एजेंसी के द्वारा संविदा पर लगे समस्त कर्मचारियों को नियमित किया जाए वर्तमान सरकार द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में कार्यरत ठेका व प्लेसमेंट एजेंसी के द्वारा संविदा पर लगे समस्त कर्मचारियों को नियमित करने के लिए जो वादा किया गया था राजस्थान सरकार अपने उस वादे को पूरा करें और न्यूनतम दैनिक मजदूरी पर कार्य कर रहे समस्त विभागों के ठेका व प्लेसमेंट के माध्यम से संविदा पर लगे कर्मचारियों को पारिवारिक आर्थिक समस्याओं के संकटों का समाधान करने की कृपा करें हम समस्त कर्मचारीगण आपके सदैव ऋणी रहेंगे हमारी मांगे पूरी करो हमारी मांगे पूरी करो नियमित करो हमें नियमित करो
ReplyDeleteहमारी मांगे पूरी करो
ReplyDeleteमाननीय सीएम साहब से निवेदन है कि जो भी कार्मिक ठेका से लगा हुआ है, उसको उसी जगह पर सीधे संविदा पर करके नियमित करें, विगत कई सालों से ये शोषण का शिकार हो रहे है, सरकारी सहकर्मी भी इनको मजदूर समझता है , जबकि ये पूरी ऑफिस का कार्य निष्ठा से करते है,
ReplyDeleteहमें हमारा हक चाहिए नहीं किसी से भीख मांगते
ReplyDeleteहमें भी हमारा हक चाहिए, और हम इसे लेकर रहेगें।
ReplyDeleteहम सरकार से कोई भीख नहीं मांग रहे हैं। यह हमारा अधिकार है।
माननीय गहलोत साहब से हमारा करबद्ध निवेदन है कि हमारी मांगे पूरी करो जो कार्मिक ठेका प्रथा के माध्यम से प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से लगे हुए हैं उनको ठेका प्रथा से मुक्त करो एवं सीधा विभाग से एवं नियमित कर के वेतन वृद्धि करें हमें आशा है कि गहलोत साहब हमारी मांगे पूरी करेंगे एवं यह एक ही ऐसे शासक हैं जो जनता को खुश करना जानते हैं एवं जनता भी उन को खुश करना जानती है गहलोत साहब इस पर अमल करें धन्यवाद
ReplyDeleteKa pata band kar hamen niyamit Karen bahut jaldi tatha hamara payment bada hai theka pata band karo
ReplyDeleteठेका प्रथा में हो रहे शोषण को बंद करना चाहिए
ReplyDeleteठेका प्रथा में हो रहे शोषण को बंद करना चाहिए राजस्थान सरकार हमे स्थाई करो
ReplyDeleteप्लेसमेंट एजेंसी ओं के द्वारा संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों का हर साल शोषण किया जाता है इस बात का ज्ञान सरकार को भी हैं लेकिन बावजूद इसके सरकार मौन साधे हुए हैं संविदा कर्मचारियों की कोई सुनवाई नहीं करता
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