हड़ताली शिक्षकों के मामले पर दमन नहीं अमन का रास्ता अख्तियार करे सरकार:अजीत कुमार

मुज़फ़्फ़रपुर बिहार।


 शिक्षकों के हड़ताल से पूरे राज्य में पठन-पाठन का माहौल पूरी तरह चरमरा गया। हड़ताली शिक्षक व सरकार के बीच टकराव बढ़ते जा रहा है । जिस वजह से बच्चे और अभिभावक काफी परेशान है।

सरकार शीघ्र पहल कर शिक्षक प्रतिनिधियों से वार्ता करे , ताकि प्रदेश में फिर से पठन-पाठन का माहौल कायम हो सके।

        उक्त बातें मंगलवार को मड़़वन बीआरसी मैदान में हड़ताली शिक्षकों को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने कहा। उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश में सुशासन की सरकार हो और वहां

शिक्षक वेतन के लिए हड़ताल करे यह बेहद दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण है। श्री कुमार ने समान काम के लिए समान वेतन एवं नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग का समर्थन करते हुए

कहा की सरकार राशि का रोना रोने की वजह फिजूलखर्ची रोककर शिक्षकों को यह सुविधा प्रदान करें। ताकि शिक्षक स्वस्थ मन से बच्चों को शिक्षा दे सके।

                        उन्होंने ने माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील करते हुए कहा की आगामी 16 मार्च से बच्चों का  वार्षिक परीक्षा पूर्व से निर्धारित है। यदि समय रहते हड़ताल समाप्त नहीं होता

 है तो बच्चों का भविष्य अधर में पड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि हड़ताल समाप्त कराने के लिए एफ आई आर नहीं शिक्षक प्रतिनिधि से  सरकार को वार्ता करना चाहिए।

     कार्यक्रम की अध्यक्षता  शिक्षक संघ के अध्यक्ष चंदन कुमार ने किया। वही सभा को शिक्षक प्रतिनिधि मंटून लाल गुप्ता, सुचिता कुमारी, अंजनी कुमारी, प्रभात कुमार, जमशेद आलम, वीरेंद्र कुमार,

 राजेश कुमार, धनेश्वर सहनी, सुरेश सहनी, उमा बैठा, पप्पू कुमार एवं झखड़ा पंचायत के मुखिया तारकेश्वर गिरी ने अपना अपना विचार व्यक्त करते हुए शिक्षकों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया।

मुज़फ़्फ़रपुर बिहार से उमाशंकरगिरी की रिपोर्ट।

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