ऐसे ही नहीं एसपी शामली ने शामली जनपद की 25 लाख की आबादी का भरोसा और प्यार जीता है।* इसके लिए उन्होंने दिन-रात कठिन परिश्रम किया है। अपने कार्यालय और कैम्प ऑफ़िस के दरवाज़े जनता के लिए हमेशा खुले रखे हैं। *सभी से मिलना, सबकी बातें ध्यान से सुनना और गुण-दोष के आधार पर तुरंत ही निर्णय ले लेना कोई एसपी अजय कुमार से सीखे


शामली एसपी अजय कुमार ने पेश की संवेदनशीलता की नायाब मिसाल

ऐसे ही नहीं एसपी शामली ने शामली जनपद की 25 लाख की आबादी का भरोसा और प्यार जीता है। इसके लिए उन्होंने दिन-रात कठिन परिश्रम किया है। अपने कार्यालय और कैम्प ऑफ़िस के दरवाज़े जनता के लिए हमेशा खुले रखे हैं। सभी से मिलना, सबकी बातें ध्यान से सुनना और गुण-दोष के आधार पर तुरंत ही निर्णय ले लेना कोई एसपी अजय कुमार से सीखे।

यह वाक़या तारीख़ 6 सितम्बर 2019, दिन शुक्रवार का है। एसपी अजय कुमार अपने कार्यालय पर जनसुनवाई करने के बाद, और बाकी कामों को भी निपटा कर करीब 1 बजे अपनी सरकारी कार में बैठ कर निकल चुके थे।

कार्यालय से करीब 1 किलोमीटर जाने के बाद ही एक ई-रिक्शा आता हुआ दिखा, जिसमें एक वृद्ध दम्पति बैठे हुए थे। उनके हाथ में एक काग़ज़ था जिसको थामे वे एसपी की तरफ़ इशारा कर ही रहे थे कि कार में बैठे हुए एसपी शामली अजय कुमार की नज़र उन पर पड़ गई। एसपी को यह समझते देर न लगी कि ये वृद्ध दम्पति कोई और नहीं बल्कि कोई फ़रियादी हैं। उन्होंने तुरंत अपनी सरकारी कार रूकवाई, जल्दी-जल्दी उतरे और वृद्ध दम्पति की तरफ़ बढ़ चले। उनको देखकर वृद्ध दम्पति की बूढ़ी आँखें आशा व विश्वास की किरणों से चमक उठीं। वहीं मौक़े पर ही एसपी ने अजय कुमार ने उनकी सुनवाई की। उनके प्रार्थना पत्र पर कार्यवाही के लिए लिखा और उनकी पूरी मदद का भरोसा देकर फ़ील्ड-विज़िट और निरीक्षण के लिए निकल गए। इस दृश्य को जिसने भी देखा, उसी ने सराहा।

बताते चलें कि 2011 बैच की सीधी भर्ती के आईपीएस अजय कुमार ने पिछले साल 15-नवम्बर-2018 को शामली जिले की पुलिस-व्यवस्था की कमान सँभाली थी। तब से 11 माह के अब तक के बेदाग़ कार्यकाल में अपनी मेहनत, रणनीति, टीम भावना, संवेदनशीलता और ‘ह्यूमन टच’ के साथ काम करने की अपनी ज़बर्दस्त शैली के कारण लगातार सुर्ख़ियों में रहे हैं, और अपने काम के बलबूते समूची जनता का दिल जीतने में अब तक के सबसे कामयाब एसपी साबित हुए हैं।

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