जाहरवीर गोगा म्हाड़ी पर हुआ ध्वजारोहण – आस्था और श्रद्धा का अनोखा पर्व

थानाभवन, शामली।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत करने वाला जाहरवीर गोगा म्हाड़ी उत्सव इस वर्ष भी भक्ति और श्रद्धा से शुरू हुआ। शुक्रवार त्रयोदशी के दिन श्री शिव गोरक्षनाथ जाहरवीर गोगा म्हाड़ी ट्रस्ट द्वारा विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर ध्वजारोहण किया गया। इस ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन में हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे, जिन्होंने पूरे उत्साह और आस्था के साथ सहभागिता की।


🌸 ध्वजारोहण और पूजन विधि

इस पावन अवसर पर महंत स्वामी रामनरेश महाराज के सानिध्य में ध्वजारोहण संपन्न हुआ।
मुख्य यजमान के रूप में उपस्थित रहे –

  • पश्चिमी उत्तर प्रदेश उद्योग प्रतिनिधि मण्डल के जिला उपाध्यक्ष सुधीर गर्ग सपत्नी बबिता गर्ग
  • रजत गर्ग सपत्नी शिवांगी गर्ग
  • तुषार गर्ग

सभी ने छड़ी का विधिविधान से पूजन कर उसे म्हाड़ी पर स्थापित किया।


📜 धार्मिक परंपरा और कथा

कथा व्यास राज राजेश्वर महाराज ने बताया कि –

  • छड़ी का प्रथम पूजन पंचमी तिथि को चौधरन पट्टी में होता है।
  • इसके बाद यह नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण करती हुई जोगियान स्थित गोरक्षनाथ मंदिर तक पहुंचती है।
  • नगर की तीन छड़ियाँ – चौधरान, जोगियान और बुढ्ढा खेड़ा – का विधिविधान से पूजन कर त्रयोदशी की शाम म्हाड़ी पर स्थापित किया जाता है।
  • चतुर्दशी को श्रद्धालु छड़ी पूजन और प्रसाद अर्पित करते हैं।
  • पूर्णिमा को ये छड़ियाँ धर्म सिंह माढी अस्पताल कॉलोनी पहुंचती हैं, जहां एक दिवसीय मेला लगता है।

इसके बाद छड़ियाँ अपने-अपने स्थानों पर लौट जाती हैं।


🕉️ अनंत चतुर्दशी और गुगाल मेला

इस वर्ष 6 सितम्बर अनंत चतुर्दशी को सुबह 4:00 बजे से ही श्रद्धालु प्रसाद अर्पित करना शुरू करेंगे।

  • दिल्ली, देहरादून और दूर-दराज़ से हजारों लोग इस आयोजन में शामिल होने आ रहे हैं।
  • इसी दिन से नगर पंचायत संरक्षण में पंद्रह दिवसीय गुगाल मेले का शुभारंभ भी होगा।

महंत स्वामी रामनरेश महाराज ने बताया –

“जाहरवीर गोगा म्हाड़ी एक प्राचीन धार्मिक स्थल है। यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना अवश्य पूरी होती है, इसलिए हर वर्ष भक्तों की संख्या बढ़ती जा रही है।”


🌟 आयोजन में सहभागिता

इस अवसर पर प्रमुख रूप से उपस्थित रहे –
विनोद सैनी (सभासदपति वार्ड 07), तुषार गर्ग, रजत गर्ग, बालमुकुंद, श्रवण सैनी, राजेश सैनी, हिम्मत सैनी, राजकुमार, दीपक कुमार आदि।


🌼 निष्कर्ष

जाहरवीर गोगा म्हाड़ी उत्सव सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि आस्था, विश्वास और सामुदायिक एकता का प्रतीक है। हजारों श्रद्धालुओं की सहभागिता यह दर्शाती है कि सदियों पुरानी परंपराएँ आज भी समाज को जोड़ने और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करने का कार्य कर रही हैं।


📌 "समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए थानाभवन, जिला शामली (उत्तर प्रदेश) से पत्रकार पंकज उपाध्याय की विशेष रिपोर्ट
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