स्वच्छोत्सव 2025 : हरिद्वार कलेक्ट्रेट परिसर में गूंजे स्वच्छता के नारे

हरिद्वार, 27 सितम्बर 2025।

स्वच्छ भारत मिशन के तहत “स्वच्छता ही सेवा” अभियान को नई ऊर्जा देने के लिए कलेक्ट्रेट परिसर, रोशनाबाद में स्वच्छोत्सव 2025 का भव्य आयोजन हुआ। इस आयोजन की नोडल अधिकारी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी श्रीमती मीरा रावत रहीं।

यह आयोजन आईटीसी मिशन सुनहरा कल, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और नगर निगम की संयुक्त पहल रहा। साथ ही भुवनेश्वरी महिला आश्रम, प्रथम फाउंडेशन, लोक मित्र, पीपल टू पीपल्स फाउंडेशन और मैजिक बस फाउंडेशन जैसी संस्थाओं ने भी सक्रिय भूमिका निभाई।


✨ मुख्य गतिविधियाँ

  • स्वच्छता रैली: प्रतिभागियों ने नारे लगाकर जनजागरूकता फैलाई।
  • कचरा संग्रहण: परिसर और आसपास के क्षेत्रों से प्लास्टिक, कागज़, बोतलें व अन्य कचरा हटाया गया।
  • कैंटीन क्षेत्र की सफाई: गंदगी को साफ कर संचालक से डस्टबिन लगाने और नियमित सफाई की अपील की गई।
  • शपथ ग्रहण: उपस्थित लोगों को स्वच्छता शपथ दिलाई गई।

🗣️ विशेष वक्तव्य

👉 मीरा रावत (नोडल अधिकारी):
“स्वच्छता केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि जीवन की आवश्यकता है। हर नागरिक अपने घर और कार्यस्थल की जिम्मेदारी निभाए। हरिद्वार जैसे पवित्र नगर को स्वच्छता का आदर्श बनाना हमारा कर्तव्य है।”

👉 अश्वनी (स्वच्छ दूत):

“आज जितना कूड़ा परिसर से निकला, उतना पहले कभी नहीं निकला। आईटीसी मिशन सुनहरा कल का प्रयास समाज में अनुकरणीय चेतना जगा रहा है।”


🙌 विशेष सहभागिता

इस अभियान में 125 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, नगर निगम और सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल रहे।


🧹 गूंजे स्वच्छता के नारे

  • “स्वच्छता है सेवा महान, रखें देश का ऊँचा सम्मान।”
  • “मंदिर हो या चौक–चौराहा, स्वच्छ रहे तो सुंदर नज़ारा।”
  • “कचरा फैलाना बंद करो, डस्टबिन का उपयोग करो।”
  • “स्वच्छता और जल संरक्षण, जीवन का है सही समाधान।”

✅ निष्कर्ष

स्वच्छोत्सव 2025 ने यह साबित कर दिया कि जब प्रशासन, सामाजिक संस्थाएं और आमजन एक साथ कदम मिलाते हैं, तो स्वच्छता आंदोलन एक जनांदोलन बन जाता है। हरिद्वार ने आज यह संकल्प लिया कि उसे केवल धार्मिक नगरी ही नहीं, बल्कि स्वच्छता और जागरूकता का आदर्श नगर भी बनाना है।


🙏 स्वच्छता अपील

आइए, हम सब मिलकर संकल्प लें—

  • अपने घर से लेकर गली, मोहल्ले और कार्यस्थल को साफ रखें।
  • कचरा सड़क पर न फेंकें, हमेशा डस्टबिन का प्रयोग करें।
  • दूसरों को भी स्वच्छता का महत्व समझाएं।
  • बच्चों को बचपन से ही साफ-सफाई की आदत डालें।

🌱 याद रखिए: स्वच्छता ही स्वास्थ्य है, और स्वास्थ्य ही सुखमय जीवन की कुंजी है।

✍️ "समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए हरिद्वार से ज़मीर आलम की खास रिपोर्ट
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