"यादव समाज परतापुर परगना द्वारा संत रविदास मंदिर भगोरा में भव्य गुरु पूर्णिमा महोत्सव सम्पन्न"

✍️ रिपोर्ट: रामलाल यादव | ब्यूरो चीफ, राजस्थान | 'समझो भारत' राष्ट्रीय समाचार पत्रिका

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गुरु पूर्णिमा – श्रद्धा, सेवा और संस्कृति का संगम

भगोरा (राजस्थान):
यादव समाज परतापुर परगना द्वारा संत रविदास मंदिर भगोरा में आयोजित गुरु पूर्णिमा महोत्सव न केवल एक धार्मिक आयोजन रहा, बल्कि सामाजिक एकता, शिक्षा और जनजागरण का जीवंत उदाहरण भी बना।

महंत लक्ष्मण दास जी एवं संत मणिदास खेरन का पारडा के दिव्य सानिध्य में संपन्न इस कार्यक्रम में समाज के सभी वर्गों की उपस्थिति रही।

श्रद्धालुजन सुबह से ही मंदिर परिसर में जुटने लगे और दिन भर भक्ति, भजन और प्रेरणादायक वक्तव्यों की गूंज वातावरण में गूंजती रही।


भक्ति संगीत और स्वागत समारोह

गुरुपूजा के बाद लोकगायक हिरालाल डडूका द्वारा सुंदर गुरुवंदना व भजनों की सजीव प्रस्तुति ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। भजन के उपरांत आयोजक समिति द्वारा आए हुए वरिष्ठ जनों, माताओं व अतिथियों का पुष्पमालाओं से अभिनंदन कर आत्मीय स्वागत किया गया।


प्रेरक वक्तव्य और सामाजिक जागरूकता

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि रामलाल यादव झड़स ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में सामाजिक विकास, शिक्षा, व जनजागरूकता पर प्रकाश डालते हुए युवाओं को समाजसेवा हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि "गुरु का स्थान जीवन में सर्वोपरि है और सामाजिक उन्नति का मार्ग शिक्षा और संगठन से होकर ही निकलता है।"


उल्लेखनीय उपस्थिति

इस आयोजन में निम्न प्रमुख गणमान्य जनों की गरिमामयी उपस्थिति रही:

  • गणेश लाल मादलदा (कुरिया मादलदा)
  • शंकरलाल (खेड़ा)
  • भूरालाल (अध्यक्ष, खेड़ा)
  • कुबेर (साकरिया), रतनलाल (नवागांव), कालूराम, कमलेश (लोडदा)
  • हीरालाल डडूका, नारायण डडूका, राजेन्द्र (नाहली)
  • लालजी (सेमलिया), भरड़ा जाल
  • मातृशक्ति: तुलसीबाई, राधा, केसर, शारदा मोर, भगवती, शांति आदि
  • युवा प्रेरणा: धनजीभाई, रमणलाल

प्रसाद वितरण और समापन उद्बोधन

कार्यक्रम के अंत में प्रसाद वितरण का आयोजन हुआ जिसमें श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से भाग लिया। समापन भाषण डॉ. गणेश लाल मादलदा ने दिया, जिसमें उन्होंने आयोजकों, अतिथियों एवं सभी ग्रामवासियों को धन्यवाद देते हुए इस प्रकार के आयोजनों को हर वर्ष और अधिक प्रेरणादायी बनाने की अपील की।


युवा मंडल का विशेष योगदान

इस आयोजन की सफलता में युवा मंडल की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही।

उन्होंने संपूर्ण व्यवस्था को सटीक रूप से संचालित किया – चाहे वह मंच व्यवस्था हो, आमंत्रण, या श्रद्धालुओं की सेवा।


निष्कर्ष:

गुरु पूर्णिमा का यह आयोजन केवल एक धार्मिक परंपरा का निर्वहन नहीं, बल्कि समाजिक चेतना, संगठन और सांस्कृतिक मूल्यों को पुनर्स्थापित करने की एक सार्थक पहल रहा।

समझो भारत’ राष्ट्रीय समाचार पत्रिका की ओर से हम सभी आयोजकों, अतिथियों और परतापुर परगना यादव समाज को इस ऐतिहासिक आयोजन की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं।


📞 रिपोर्ट: रामलाल यादव
ब्यूरो चीफ – राजस्थान, समझो भारत
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