डॉक्टर्स व चार्टर्ड अकाउंटेन्ट दिवस पर शामली नगर पालिका द्वारा सम्मान समारोह आयोजित


📅 दिनांक: 01 जुलाई 2025
📍 स्थान: नगर पालिका परिषद् शामली, उत्तर प्रदेश


डॉक्टर्स व चार्टर्ड अकाउंटेन्ट दिवस पर शामली नगर पालिका द्वारा सम्मान समारोह आयोजित

शामली। आज नगर पालिका परिषद् शामली के सभागार में राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस एवं चार्टर्ड अकाउंटेन्ट दिवस के अवसर पर एक गरिमामयी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर पालिका चेयरमैन श्री अरविन्द संगल ने की।

अपने प्रेरणादायक संबोधन में चेयरमैन श्री संगल ने चिकित्सकों को ईश्वर का दूसरा रूप बताते हुए कहा कि—

"जब मानव रोग से पीड़ित होता है, तो चिकित्सक ही ईश्वर के रूप में उसे नया जीवन प्रदान करता है। उनकी करूणा, सेवा और समर्पण समाज के लिए अत्यंत मूल्यवान है।"

उन्होंने यह भी कहा कि यदि ईश्वर सृजन करता है, तो डॉक्टर उसे संरक्षित रखने का कार्य करते हैं। उनकी सेवा भावना ही उन्हें विशेष बनाती है।


सम्मानित किए गए डॉक्टर्स और चार्टर्ड अकाउंटेन्ट्स

शामली की दो प्रमुख संस्थाएं—इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (NIMA) के वरिष्ठ डॉक्टरों में से 10 चिकित्सकों को गोल्डन मेडल व सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया:

🩺 सम्मानित चिकित्सक:

  • डॉ. एन. के. बंसल
  • डॉ. पी. के. गोयल
  • डॉ. राजकुमार चौधरी
  • डॉ. सतीश शर्मा
  • डॉ. सतीश गर्ग
  • डॉ. मुकुट मोहन संगल
  • डॉ. जगमोहन सिंघल
    (अन्य नाम भी वरिष्ठता के आधार पर शामिल)

💼 सम्मानित चार्टर्ड अकाउंटेन्ट्स:

  • सीए अजय विष्णु गुप्ता
  • सीए नीरज गर्ग
  • सीए अंकुर मित्तल
  • सीए आकाश गर्ग
  • सीए अरिहंत जैन
  • सीए हिमांशु संगल
  • सीए पीयूष संगल
    (कुल 10 सीए सम्मानित किए गए)

चार्टर्ड अकाउंटेन्ट्स के योगदान की सराहना

चेयरमैन श्री संगल ने चार्टर्ड अकाउंटेन्ट्स को भारतीय कर प्रणाली का मजबूत स्तंभ बताया और उनके योगदान को शब्दों में बांधते हुए कहा—

“आपका परामर्श निःस्वार्थ, व्यावसायिक और नैतिक दायित्वों से युक्त होता है। आपने व्यापारी वर्ग की आर्थिक समस्याओं का समाधान कर समाज को समर्पित सेवाएं प्रदान की हैं।”


कार्यक्रम संचालन एवं सहभागिता

कार्यक्रम का संचालन अवर अभियन्ता सिविल श्रीकांत सिंह राणा द्वारा प्रभावी ढंग से किया गया।
सम्मान समारोह में नगर पालिका परिषद् शामली के अधिकारीगण व कर्मचारीगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे, जिनमें शामिल हैं:

  • कर अधीक्षक श्री योगेश कुमार
  • अवर अभियन्ता जलकल श्री हर्षित गर्ग
  • सफाई निरीक्षक श्री अनिल कुमार
  • लिपिकगण: श्री प्रदीप कुमार, श्री अनिल शर्मा, श्री आजम खां, श्री राकेश कुमार
  • अन्य कर्मचारी: श्री जगमोहन, श्री कंवरपाल, श्री समीम अहमद, श्री सुनील बंसल, श्री गजेन्द्र सिंह, श्री अमित पंवार, श्री दीपक कुमार, श्री साजिद, श्री आशु, श्री आशीष कुमार, श्री अनवर अहमद, श्री गंगाराम, श्री सतबीर शर्मा, श्री मनीष भटनागर आदि।

अंतिम पंक्तियाँ

डॉक्टर्स व चार्टर्ड अकाउंटेन्ट्स की निःस्वार्थ सेवा, नैतिक प्रतिबद्धता और समाज-निर्माण में योगदान को यादगार बनाने हेतु नगर पालिका परिषद् शामली का यह आयोजन अत्यंत सराहनीय कदम रहा।


✍️ रिपोर्ट: ज़मीर आलम
📍 समझो भारत न्यूज़, शामली (उत्तर प्रदेश)
📞 संपर्क: 8010884848
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© 2025 समझो भारत न्यूज़

मुज़फ़्फ़रनगर में चौकी प्रभारी की बदजुबानी से भड़का शिया समुदाय, एआईएमआईएम ने किया जोरदार विरोध-किदवई नगर चौकी पर अभद्रता के विरोध में सड़कों पर उतरे लोग, एआईएमआईएम ने दिखाया मजबूत समर्थन

मुज़फ़्फ़रनगर । शहर के संवेदनशील क्षेत्र खालापार स्थित किदवई नगर चौकी पर उस समय बवाल मच गया जब वहां तैनात चौकी प्रभारी पर शिया समुदाय के लोगों के साथ अभद्र भाषा और गाली-गलौच करने के गंभीर आरोप लगे। चौकी प्रभारी की इस शर्मनाक और भड़काऊ हरकत ने पूरे समुदाय की भावनाओं को गहरा आहत किया है।

आरोप है कि चौकी प्रभारी ने न सिर्फ धार्मिक भावनाओं का अपमान किया, बल्कि समुदाय के सम्मान को खुलेआम ठेस पहुंचाई। इससे गुस्साए शिया समुदाय के लोगों ने भारी संख्या में एकत्र होकर चौकी पर प्रदर्शन किया और जिला प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए कार्यवाही की मांग की।

इस पूरे विवाद में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने शिया समुदाय के साथ खुलकर खड़ा होकर एक बड़ी मिसाल पेश की है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हाजी शौकत अली व पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष महताब चौहान के निर्देश पर मुज़फ़्फ़रनगर जिला इकाई ने त्वरित कार्रवाई करते हुए समुदाय को न्याय दिलाने का बीड़ा उठाया।

पार्टी के ज़िला अध्यक्ष मौलाना इमरान कासमी के नेतृत्व में एआईएमआईएम का प्रतिनिधिमंडल शिया समुदाय के प्रमुख धर्मगुरु मौलाना असद रज़ा से मिला और उन्हें भरोसा दिलाया कि इस लड़ाई में एआईएमआईएम की पूरी टीम मजलूमों के साथ है। मौलाना असद रज़ा ने एआईएमआईएम के सहयोग और समर्थन की सराहना करते हुए मौलाना इमरान कासमी को क़ुरआन-ए-शरीफ़ भेंट कर उनका स्वागत किया।

एआईएमआईएम के प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ नेता इंतज़ार अंसारी, ख़ालिद मलिक, शाहरूल त्यागी, एडवोकेट उस्मान, हाजी दीन मोहम्मद, गुलज़ार अब्बासी, क़ुर्बान राव समेत तमाम जुझारू कार्यकर्ता मौजूद रहे।

पार्टी के ज़िला सोशल मीडिया प्रभारी एडवोकेट शाकिर ज़हीर ने कहा कि,
"यह सिर्फ एक समुदाय नहीं, पूरे समाज के सम्मान का सवाल है। एआईएमआईएम हर उस व्यक्ति के साथ खड़ी है जो अन्याय और प्रशासनिक अत्याचार का शिकार हो। हम इस मामले को लेकर जिला प्रशासन से भी मिलेंगे और मांग करेंगे कि चौकी प्रभारी को तत्काल बर्खास्त कर उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।"

इस घटनाक्रम ने जनपद में प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। चौकी प्रभारी की भाषा और व्यवहार से उठे विवाद को अब राजनीतिक और सामाजिक समर्थन मिलने से मामला और अधिक गंभीर होता जा रहा है। अब निगाहें प्रशासन के अगले कदम पर टिकी हैं। "समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका से गुलवेज आलम की रिपोर्ट 
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इकरा हसन की छवि पर हमला, लेकिन पलटवार में नाबालिगों को चौराहे पर तमाशा बना डाला!— सियासत के नाम पर 'कान पकड़ ऑपरेशन, जनता पूछ रही – ये राजनीति है या सड़क का स्टंट शो?

कैराना। सोशल मीडिया पर एक एडिटेड वीडियो वायरल होता है, जिसमें सांसद इकरा हसन को बदनाम करने की साजिश की जाती है। वीडियो झूठा साबित होता है, लेकिन हकीकत की पटकथा इससे भी दिलचस्प बन जाती है।

जहां सांसद इकरा हसन ने संयम दिखाया और नाबालिग लड़कों को माफ कर इंसानियत की मिसाल दी — वहीं संगठन की एक महिला नेता रजिया बानो ने ‘सियासी बहादुरी’ का ऐसा तमाशा किया कि कानूनी मर्यादाएं भी शर्मा जाएं।


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 'कान पकड़ एपिसोड' – सियासत का नया ट्रेलर!

रजिया बानो ने सार्वजनिक रूप से दो नाबालिग लड़कों को भीड़ के बीच कान पकड़कर माफी मंगवाई, खुद थप्पड़ जड़े, और फिर इस पूरे 'कार्यक्रम' की वीडियो बनवाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी — जैसे कोई वेब सीरीज़ का प्रोमो हो।

> जनता का सवाल – "अरे भई! गलती अगर थी भी, तो इंसाफ का ठेका क्या अब कैमरे वालों ने ले लिया?"

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 इकरा हसन बनीं नायक, बानो का ‘न्याय शो’ बना विवाद

जहां सांसद इकरा हसन की छवि एक संवेदनशील और समझदार नेता के रूप में उभरी, वहीं रजिया बानो का यह ‘वीडियो-वीरता प्रदर्शन’ अब खुद उनके लिए बूमरैंग बनता दिख रहा है।

> एक स्थानीय नागरिक का बयान –
"इकरा हसन ने दिल जीता, बानो ने तमाशा किया!"

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लोकतंत्र या लिंचतंत्र?

ये मामला सिर्फ दो बच्चों की नहीं, पूरी व्यवस्था की बेइज्जती बन गया।
क्या अब हर संगठन अपने मंच लगा कर "वीडियो कोर्ट" चलाएगा?
और मासूम बच्चों को "क्लिपिंग कंटेंट" बना देगा?

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 साजिश की पटकथा में 'अपने' ही शामिल?

जांच में सामने आया कि यह वायरल वीडियो समाजवादी पार्टी से जुड़े कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा ही फैलाया गया था। यानी साजिश घर की ही थी, और सफाई करने निकले लोग खुद कीचड़ ले आए।

> जनता पूछ रही है —
"बच्चों ने गलती की, माफ कर दिया जाता... लेकिन तुमने इंसाफ का मज़ाक क्यों बनाया?"

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बानो की 'बाहुबल शैली' पार्टी के गले की फांस

पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच भी फुसफुसाहट शुरू हो चुकी है।

> "सांसद जी तो इज्जत बचा रही हैं, लेकिन कुछ लोग पब्लिसिटी के चक्कर में पूरी पार्टी की लुटिया डुबो देंगे!"



अब जनता के साथ-साथ पार्टी में भी ये सवाल उठ रहा है —
"क्या रजिया बानो पर होगी कार्रवाई या फिर चुप्पी ही संगठन की नीति है?"
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 निष्कर्ष – लोकतंत्र में तमाशा नहीं, सोच चाहिए

राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप होते हैं, लेकिन बच्चों को चौराहे पर शर्मिंदा करना और उसे सोशल मीडिया पर वायरल करना —
ये न तो इंसाफ है, न बहादुरी... ये महज सस्ती लोकप्रियता की कोशिश है।

अब फैसला जनता के हाथ में है —
"हमें नेता चाहिए या 'लाइव सजा' देने वाले यूट्यूबर ?"
"समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका कैराना, शामली, उत्तर प्रदेश से पत्रकार गुलवेज आलम की रिपोर्ट
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युवा मंडल यादव समाज सागवाड़ा का दो वर्षीय कार्यवृत्त एवं पत्रिका विमोचन समारोह संपन्न

रामलाल यादव, राजस्थान ब्यूरो चीफ़ | "समझो भारत"


सागवाड़ा (डूंगरपुर), राजस्थान | 30 जून 2025

डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा कस्बे में युवा मंडल यादव समाज सागवाड़ा द्वारा समाज के समर्पित कार्यों की दो वर्षों की यात्रा को समर्पित "दो वर्षीय कार्य ब्योरा पुस्तिका" और पत्रिका विमोचन के भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समाज के लिए उत्कृष्ट योगदान देने वाले भामाशाहों का सम्मान, शपथ ग्रहण समारोह और शिक्षा एवं सामाजिक क्रांति की रणनीति पर विस्तृत चर्चा की गई।


समाज सेवा की दिशा में संगठित प्रयास

कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में शिक्षा, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए किए गए कार्यों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करना था। यह प्रसन्नता की बात है कि यादव समाज डूंगरपुर क्षेत्र में निरंतर शिक्षा, चेतना और सामाजिक जागरूकता की दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इस चेतना का मूल स्रोत समाज के प्रबुद्ध, शिक्षित एवं निःस्वार्थ सेवाभावी जन हैं, जो पीढ़ियों को दिशा देने में सतत प्रयासरत हैं।


मुख्य अतिथि और अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि भूमिका में उपस्थित रहे विनोद जी यादव गरियता (RP – रिसोर्स पर्सन, ब्लॉक गलियाकोट)।
अध्यक्षता की लालशंकर यादव (अध्यक्ष, युवा मंडल यादव समाज सागवाड़ा) ने।
अति विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे –

  • मगनलाल जी यादव चिबुड़ा (जिला अध्यक्ष, शारीरिक शिक्षक संघ)
  • जीवतलाल जी यादव (पूर्व अध्यक्ष, यादव समाज सागवाड़ा)

विशिष्ट अतिथियों में शामिल रहे –
धुलजी, नारायण जी, वलमजी, गजेन्द्र जी, कुरिया जी, कचरू जी, कलु जी, नाथू जी, गंगाराम जी, शंकर जी आदि।


दीप प्रज्वलन एवं सम्मान समारोह

कार्यक्रम का शुभारंभ बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलन व माल्यार्पण से हुआ।
सभी अतिथियों का साफा पहनाकर एवं मोमेंटो भेंटकर स्वागत किया गया।
अतिथियों द्वारा कार्यकारिणी सदस्यों एवं महिला मंत्रियों को शपथ दिलाई गई।


उत्साह, भागीदारी और भावनात्मक जुड़ाव

इस अवसर पर समाज के प्रमुख कार्यकर्ताओं जैसे –
गिरीश जी, गंगाराम जी, कचरू जी, तुलसीराम जी, प्रताप जी, विजय जी, राजेंद्र जी, विनोद जी, अशोक जी, भूपेन जी, ललित जी, मुकेश, कल्पेश, दिनेश, जगदीश सहित बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुष समाजजन उपस्थित रहे।

  • स्वागत उद्बोधन: दिनेश यादव
  • कार्यक्रम संचालन: कवि भुवनेश भारत
  • आभार प्रदर्शन: कल्पेश यादव

भविष्य की रूपरेखा पर गहन मंथन

कार्यक्रम के दौरान विशेष रूप से शिक्षा के क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी, सामाजिक नेतृत्व, तथा वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई। यह तय किया गया कि आगामी समय में समाज को आत्मनिर्भर और शिक्षित बनाने हेतु मिशन मोड पर कार्य होगा।


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बंदी से ₹50 हजार की वसूली का आरोप, तलाशी के बाद तन्हाई बैरक में डाला, शिकायत पर भी अब तक कार्रवाई नहीं

-डीजी जेल, डीआईजी जेल, जेल मंत्री, राज्य मंत्री (जेल) व डीजी जेल के पीआरओ तक की जा चुकी है शिकायत, लेकिन कोई नहीं ले रहा संज्ञान

कैराना/शामली। जिला कारागार सैम नगर में निरुद्ध कैराना निवासी बंदी इनाम धुरी के साथ जेल मैनुअल के विरुद्ध की गई कार्यवाही को लेकर बवाल थमता नजर नहीं आ रहा है। इस प्रकरण में बंदी के परिजनों द्वारा उत्तर प्रदेश के डीजी जेल, डीआईजी जेल, जेल मंत्री, राज्य मंत्री (जेल) और डीजी जेल के पीआरओ तक शिकायतें भेजी जा चुकी हैं, लेकिन अब तक किसी भी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

शिकायत के अनुसार, इनाम धुरी पुत्र अफ़ज़ल निवासी कैराना को मई 2025 में जिला कारागार सैम नगर में निरुद्ध किया गया था। जेल मैनुअल के अनुसार, नए बंदी को लगभग 10 दिन बाद नियमानुसार बैरक आवंटित की जाती है। परिजनों का आरोप है कि जेलकर्मियों ने इनाम धुरी से ₹50,000 लेकर बैरक पहले ही बदल दी। यह प्रक्रिया जेल के भीतर ‘गिनती काटना’ के नाम से जानी जाती है।

शिकायतकर्ता आसू चौधरी ने पत्र में लिखा है कि ईद-उल-अजहा से एक दिन पूर्व जेल अधीक्षक द्वारा औचक निरीक्षण किया गया, जिसमें केवल इनाम धुरी की ही तलाशी ली गई, जबकि उसके पास से कोई भी आपत्तिजनक वस्तु या सामग्री बरामद नहीं हुई। इसके बावजूद लगभग 24 घंटे बाद प्रधान बंदीरक्षक व एक डिप्टी जेलर ने बंदी को सूचित किया कि वह अपना सामान लेकर तन्हाई बैरक में चला जाए।

परिजनों का कहना है कि यह पूरी कार्यवाही भेदभावपूर्ण व संदेहास्पद है। एक ओर बंदी से बड़ी धनराशि लेकर नियमविरुद्ध बैरक परिवर्तन किया गया, वहीं दूसरी ओर बिना किसी ठोस कारण के उसे तन्हाई बैरक में डाल दिया गया। शिकायत में मांग की गई है कि बंदी को तन्हाई बैरक से निकालकर सामान्य बैरक में रखा जाए, ₹50 हजार की वसूली की जांच कर उसे वापस दिलाया जाए, और पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।

गौरतलब है कि यह शिकायत 13 जून 2025 को जेल महानिदेशक को भेजी जा चुकी है, लेकिन अब तक इस पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है। इससे पीड़ित परिवार में आक्रोश व्याप्त है और जेल प्रशासन की निष्क्रियता पर कई सवाल उठ रहे हैं। अब देखना यह है कि प्रदेश सरकार और जेल मुख्यालय इस प्रकरण पर क्या रुख अपनाते हैं। "समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका से पत्रकार गुलवेज आलम की रिपोर्ट 
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प्रॉपर्टी डीलर पर गुज्जरपुर गोलचक्कर के पास जानलेवा हमला, हमलावर फरार

शाकिर अली, विशेष संवाददाता | "समझो भारत"


झिंझाना (शामली) | 30 जून 2025

मेरठ–करनाल हाईवे पर स्थित गुज्जरपुर गोलचक्कर के पास उस समय अफरा-तफरी मच गई जब रविवार रात अज्ञात बदमाशों ने एक प्रॉपर्टी डीलर पर जानलेवा हमला कर दिया। हमले में घायल डीलर को गंभीर अवस्था में सीएचसी ऊन में भर्ती कराया गया, जहां से उसे हालत नाजुक देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।


क्या हुआ घटनास्थल पर?

कस्बा झिंझाना निवासी मोनू पुत्र लख्मीचंद ने बताया कि उसका बड़ा भाई सोपाल सरोहा, जो एक प्रॉपर्टी डीलर हैं, रविवार की रात अपनी कार से गांव टिटौली में एक दोस्त को छोड़कर लौट रहे थे।
जैसे ही वह गुज्जरपुर गोलचक्कर के पास पहुंचे, वहां पहले से कुछ युवक आपस में झगड़ रहे थे। रास्ता बंद होने के कारण सोपाल को अपनी कार रोकनी पड़ी।

लेकिन झगड़ा कर रहे युवकों को शक हुआ कि सोपाल भी उसी झगड़े से जुड़ा हुआ है।

इस गलतफहमी में सभी बदमाश सोपाल पर टूट पड़े, उसे बुरी तरह पीटा और लहूलुहान कर दिया। हमले से संतुष्ट न होकर हमलावरों ने उसकी कार के सभी शीशे तोड़ दिए और घटनास्थल से फरार हो गए।


इलाज और पुलिस कार्रवाई

घायलावस्था में जब परिजनों को सूचना मिली तो वह तुरंत मौके पर पहुँचे और सोपाल को सीएचसी ऊन में भर्ती कराया। वहां से प्राथमिक उपचार के बाद उनकी हालत गंभीर देखते हुए उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।

सोपाल के भाई मोनू ने बताया कि फिलहाल पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है, लेकिन भाई के होश में आने के बाद कानूनी कार्यवाही की जाएगी।


आक्रोश और चिंता का माहौल

इस घटना ने हाईवे पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस प्रकार भीड़भाड़ वाले इलाके में इस तरह का हमला हुआ, वह पुलिस गश्त और निगरानी व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।

स्थानीय लोगों में भी रोष है कि आए दिन इस क्षेत्र में असामाजिक तत्वों की गतिविधियाँ बढ़ रही हैं, जिससे आमजन की सुरक्षा खतरे में पड़ रही है।


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राव अमर सिंह रईस की स्मृति में हुआ भव्य "प्रथम बुढ़ाना महोत्सव" — शाहिद सिद्दीकी को मिला गौरव सम्मान

गुलवेज आलम, विशेष संवाददाता | "समझो भारत"


बुढ़ाना (मुजफ्फरनगर) | 30 जून 2025

प्राचीन और ऐतिहासिक नगर बुढ़ाना की धरोहरों को संजोने के संकल्प के साथ "प्रथम बुढ़ाना महोत्सव" का भव्य आयोजन नगर पंचायत बुढ़ाना में हुआ। इस अवसर पर 1866 में गठित टाउन एरिया बुढ़ाना के प्रथम चेयरमैन स्वर्गीय राव अमर सिंह त्यागी रईस की स्मृति में "प्रथम गौरव सम्मान" समारोह और एक भव्य कवि सम्मेलन एवं मुशायरा आयोजित किया गया।

इस गौरवशाली समारोह के मुख्य अतिथि सहारनपुर मंडलायुक्त श्री अटल राय रहे, जिन्होंने पूरे आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि "जो कौम अपने इतिहास को सहेज कर रखती है, वही सभ्य कहलाती है।" उन्होंने बुढ़ाना की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आइने अकबरी जैसे ऐतिहासिक ग्रंथ में भी बुढ़ाना का उल्लेख मिलता है।


शाहिद सिद्दीकी को मिला प्रथम "गौरव सम्मान"

राव अमर सिंह त्यागी रईस परिवार की ओर से नई दुनिया उर्दू अखबार के संपादक व वरिष्ठ पत्रकार शाहिद सिद्दीकी को उनके निर्भीक और ईमानदार पत्रकारिता कार्यों के लिए "प्रथम गौरव सम्मान" से सम्मानित किया गया।
अपने संबोधन में श्री शाहिद सिद्दीकी ने कहा –
"आज के दौर में ईमानदार पत्रकारिता की नितांत आवश्यकता है। पत्रकारिता का असली काम सत्ता को आईना दिखाना और जनभावनाओं की आवाज़ बनना है।"


सांस्कृतिक संध्या: मुशायरा और कवि सम्मेलन में छाए शायर

महोत्सव का संचालन शायर अजहर इकबाल ने किया, जिन्होंने उद्घाटन पंक्तियाँ पढ़ीं –
“घुटन सी होने लगी उसके पास जाते हुए,
मैं खुद से रूठ गया हूं उसे मनाते हुए।”

श्रोताओं ने विभिन्न शायरों और कवियों की प्रस्तुतियों का भरपूर आनंद लिया:

  • अज्म शाकरी: "ज़िंदगी यूं भी गुज़ारी जा रही है, जैसे कोई जंग हारी जा रही है।"
  • चराग शर्मा: "वो हँस के देखती होती तो उससे बात करते..."
  • हिमांशी बाबरा: "दिल ऐसे मुब्तला हुआ तेरे मलाल में, ज़ुल्फ़ें सफ़ेद हो गईं 19 साल में।"
  • इकबाल अशहर: "प्यास दरिया की निगाहों से छुपा रखी है..."
  • पापुलर मेरठी (हास्य): "इस मर्तबा भी आए हैं नंबर तिरे तो कम..."

शायरों में इजहार आलम, गुलजार बुढानवी, गौहर जमाली, तारिक उस्मानी, शाकिर लट्टू, हकीम अफजाल, अफजाल फाजिल आदि ने भी अपनी शानदार प्रस्तुति से महफ़िल को जीवंत बनाए रखा।


सम्मानित अतिथियों का हुआ भव्य अभिनंदन

इस अवसर पर प्रमोद त्यागी (पूर्व अध्यक्ष, बार संघ मुजफ्फरनगर एवं वरिष्ठ सपा नेता) ने समस्त अतिथियों का स्वागत कर आयोजन की गरिमा को और ऊँचाई दी।
नगर पंचायत चेयरपर्सन श्रीमती उमा त्यागी, अध्यक्षता कर रहे मौलाना नुरुल हसन राशिद कांधलवी, और अनेक प्रशासनिक अधिकारी, राजनेता, अधिवक्ता, पत्रकार और समाजसेवी मंच पर उपस्थित रहे।


जन भागीदारी और ऐतिहासिक स्मृति की मिसाल

इस आयोजन में हजारों की संख्या में आमजन और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
सभी ने राव अमर सिंह रईस के योगदान को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और बुढ़ाना की ऐतिहासिक विरासत को सहेजने के इस प्रयास की मुक्तकंठ से सराहना की।


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