शामली में खौफनाक हत्या – कानून व्यवस्था पर उठते सवाल

शामली, उत्तर प्रदेश –कैराना–कांधला मार्ग पर हाजी नसीम के बाग के पास एक युवक का गर्दन कटा शव मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। सुबह-सुबह सड़क किनारे पड़े इस शव को देखकर राहगीरों के होश उड़ गए। सूचना मिलते ही एएसपी संतोष कुमार सिंह, सीओ श्याम सिंह और कोतवाली प्रभारी धर्मेंद्र सिंह तुरंत मौके पर पहुंचे। एसओजी और फॉरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर सबूत जुटाए।


मृतक की पहचान और हत्या की बर्बरता

पुलिस ने मृतक की पहचान असलम पुत्र आबिद, निवासी मोहल्ला खालापार, खेलवाड़ा, कांधला के रूप में की। यह पहचान उसके पास से मिले आधार कार्ड से हुई। प्रारंभिक जांच में साफ हुआ कि युवक की हत्या धारदार हथियार से वार कर की गई है। पुलिस ने दावा किया है कि इस हत्याकांड का जल्द ही खुलासा किया जाएगा और कई टीमें जांच में जुटी हैं।


लगातार बढ़ते अपराध और जनता में खौफ

यह कोई पहली घटना नहीं है। जिले में आए दिन इस तरह की वारदातें हो रही हैं — कभी गोली मारकर हत्या, कभी धारदार हथियार से, तो कभी लूट और चोरी की घटनाएं। हाल ही में एक किसान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिससे लोग पहले ही दहशत में थे। अब इस नई वारदात ने भय को और गहरा दिया है।


कानून का डर क्यों नहीं?

भाजपा सरकार की सख्त नीतियों के बावजूद अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। ऐसा लगता है कि अपराधियों के दिल से कानून का डर पूरी तरह निकल चुका है। हर दिन हत्या, लूटपाट, और ड्रोन के ज़रिए खौफ फैलाने जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। इन सबके बीच पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं — क्या गश्त और खुफिया तंत्र में कमी है, या फिर अपराध रोकने के लिए कोई ठोस रणनीति नहीं बन पा रही?


जनता का सवाल – आखिर कब रुकेगा यह सिलसिला?

जनता अब असुरक्षा के साए में जी रही है। किसी को नहीं पता कि अगला शिकार कौन होगा। लोग पूछ रहे हैं – “हमारा दर्द कौन समझेगा? हमारी सुरक्षा की गारंटी कौन देगा?”


रिपोर्ट: शौकीन सिद्दीकी (जिला ब्यूरो-चीफ), कैमरा: रामकुमार चौहान
समझो भारत राष्ट्रीय समाचार पत्रिका



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