गुरु पूर्णिमा महोत्सव: भक्ति, श्रद्धा और सेवा का अनुपम संगम

✍️ रिपोर्ट: शाकिर अली | "समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका

बिड़ौली/झिंझाना।
धार्मिक भक्त समाज द्वारा आयोजित गुरु पूर्णिमा महोत्सव इस वर्ष श्रद्धा, विश्वास और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत रहा। परमहंस वीतराग संत दयानंद गिरी की पुण्य स्मृति में उनके चित्र पर माल्यार्पण और पूजन अर्चन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। उपस्थित श्रद्धालुओं ने उनके परम प्रिय शिष्य संत स्वरूपानंद गिरी को तिलक लगाकर, रक्षा सूत्र बांधकर आशीर्वाद प्राप्त किया।

आर्य समाज मंदिर परिसर में आयोजित इस भव्य आयोजन की पावन शुरुआत सुबह पंडित सतपाल और कपिल द्वारा वैदिक विधि से संपन्न हवन यज्ञ से हुई। मुख्य यज्ञमान के रूप में हरियाणा सरकार के पूर्व आबकारी व कराधान अधिकारी इंद्र देव शर्मा अपनी धर्मपत्नी मीनाक्षी शर्मा के साथ उपस्थित रहे।

धार्मिक भक्त समाज के संस्थापक संत स्वरूपानंद गिरी ने गुरु पूजन के पश्चात श्रद्धालुओं को सतगुरु की महिमा और गुरु पूर्णिमा के महत्व पर आध्यात्मिक प्रवचन दिया। उन्होंने कहा:

“सद्गुरु की कृपा से आत्मिक यात्रा सहज हो जाती है। वर्तमान में प्रसन्न रहना ही सुखी जीवन का मूलमंत्र है।”

इस पावन अवसर पर देश के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा — अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, कैराना, शामली, मुजफ्फरनगर से लेकर पंजाब तक से हरजीत सिंह पूरी, बलिया सिंह, कुरुक्षेत्र से डॉ प्रशांत, सतपाल शर्मा, रोहित आदि शामिल हुए।

हवन व गुरु पूजन के उपरांत भक्तों ने प्रेमपूर्वक मीठे चावल, पूरी-सब्जी के रूप में प्रसाद ग्रहण किया। यह भंडारा समाज में सेवा और समर्पण का संदेश देता है।

व्यवस्था में सहयोग देने वाले प्रमुख नामों में

  • डॉ राकेश शर्मा
  • विजय गुप्ता
  • राकेश चौहान
  • रविंद्र संगल
  • अशोक बहादुर गोयल

की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही।

गुरु पूर्णिमा महोत्सव न केवल आध्यात्मिक जागरूकता का प्रतीक बना बल्कि समाज को गुरु-शिष्य परंपरा की गौरवशाली परंपरा की याद भी दिलाई।

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📚 "समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका



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