"शामली का दर्द: जब एक परिवार को पड़ोसियों के आतंक से पलायन करना पड़ा"

रिपोर्ट: पत्रकार नदीम चौहान

"समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
📞 संपर्क: 8010884848


भूमिका:
हम जिस देश में ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा बुलंद करते हैं, वहां यदि कोई मेहनतकश परिवार अपने ही घर में सुरक्षित महसूस न करे, तो यह एक गंभीर चिंता का विषय है। यह कहानी सिर्फ एक पीड़ित की नहीं, बल्कि उन तमाम नागरिकों की है जो कानून व्यवस्था पर भरोसा रखते हैं, लेकिन उन्हें बार-बार निराशा हाथ लगती है।


घटना का ब्यौरा:
जनपद शामली के वार्ड 2 मक्का मस्जिद, मोहल्ला पंसारियान निवासी एक सामान्य मजदूर परिवार आज बेहद डरा-सहमा और असहाय महसूस कर रहा है। यह परिवार अपने ही मोहल्ले में साईरा पत्नी रिजवान और गुलफशा पत्नी सलमान जैसे कुछ हमलावर किस्म के पड़ोसियों के कारण मानसिक, सामाजिक और शारीरिक प्रताड़ना का शिकार हो रहा है।

पीड़ित का कहना है कि ये लोग आए दिन बिना किसी बात के झगड़ा, गाली-गलौज और मारपीट करते हैं। कई बार यह झगड़े इस हद तक पहुंच जाते हैं कि वे घर में घुसकर हमला करते हैं। इन घटनाओं का CCTV फुटेज भी मौजूद है, जिसमें हमलावरों की हरकतें साफ देखी जा सकती हैं।


झूठे केस की धमकी और सांप्रदायिक तनाव की कोशिश:

सबसे दुखद और चिंताजनक बात यह है कि यह मामला अब केवल एक पारिवारिक झगड़ा नहीं रह गया है। हमलावर लोग पीड़ित को झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रहे हैं और बाहर से अज्ञात लोगों को बुलाकर गाली-गलौज और मारपीट करवा रहे हैं। यहां तक कहा गया कि "हम मोहल्ले में हिन्दू-मुस्लिम दंगा करवा देंगे।"

यह बात न सिर्फ स्थानीय शांति के लिए खतरा है बल्कि एक बड़े स्तर पर सामाजिक सौहार्द को तोड़ने की कोशिश भी है।


महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा पर खतरा:
पीड़ित परिवार की छोटी-छोटी लड़कियों पर अश्लील नजरें डालना, घर के बाहर खड़े होकर गालियां देना, गंदे इशारे करना – ये सब घटनाएं समाज की उस सच्चाई को उजागर करती हैं जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं।


पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता:

पीड़ित ने कई बार स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई, परंतु अब तक हमलावरों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यही लापरवाही अब परिवार को पलायन जैसे कठोर फैसले की ओर धकेल रही है।

जब देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जनता को सुरक्षा और न्याय का वादा करते हैं, तब ऐसे मामलों में प्रशासन की निष्क्रियता उन वादों की सच्चाई पर सवाल खड़े कर देती है।


एक मजदूर परिवार की चीख:

इस मेहनतकश व्यक्ति का कसूर सिर्फ इतना है कि वह अपने परिवार के साथ अमन-चैन से जीवन जीना चाहता है। लेकिन आज वह अपने ही घर में बंद गेट के पीछे खुद को असहाय महसूस कर रहा है। लोग कुंडी पीटकर गालियां देते हैं, पेट्रोल और तेजाब डालने की धमकी दी जाती है, घर खाली करने की बात कही जाती है।

क्या यही है हमारे देश में एक आम नागरिक की स्थिति?


मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से विनम्र निवेदन:
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी से "समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका की ओर से विशेष आग्रह है कि:

👉 इस पीड़ित परिवार की जल्द से जल्द सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
👉 हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
👉 CCTV फुटेज की जांच कर सच्चाई को सामने लाया जाए।
👉 मोहल्ले में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए पुलिस गश्त बढ़ाई जाए।
👉 ऐसी घटनाओं से अन्य लोग सबक लें और प्रशासन जागरूक बने।


समाप्ति:
यह मामला केवल एक परिवार की लड़ाई नहीं, बल्कि कानून, व्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने की परीक्षा है। अगर हम आज इन आवाज़ों को नजरअंदाज़ करेंगे तो कल शायद यह आग हमारे अपने घरों तक पहुंच जाएगी।

"समझो भारत" आवाज़ उठाता है – अब आपकी बारी है।


📌 रिपोर्टिंग: पत्रकार नदीम चौहान
📞 संपर्क: 8010884848
📎 स्थान: मक्का मस्जिद, वार्ड 2, जनपद शामली
📰 स्रोत: "समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका



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