जिलाधिकारी जसजीत कौर ने शासन द्वारा नामित नोडल अधिकारी को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा दिए गए निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चत कराया जाएगा और वृहद वृक्षारोपण अभियान-2025 के अवसर पर रोपित किए गए पौधों के संरक्षण के लिए भी विशेष प्रयास किए जाएंगे।

    



बिजनौर 09 जुलाई,2025:-  नोडल अधिकारी लोकेश एम ने सभी विभागीय अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा कि वृहद वृक्षारोपण अभियान-2025 के अंतर्गत जिन विभागों को  वृक्षारोपण के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है यदि उनके द्वारा वृक्षारोपण कार्य में शिथिलता बरता जाना प्रकाश में आता है तो उनको नोटिस जारी कर उनके विरुद्ध कार्यवाही की




जाएगी। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसे तीन विभागों की पहचान की जाए जहाँ वृक्षारोपण में जिओ टैगिंग अथवा पौधों के संरक्षण की स्थिति असंतोषजनक है, उन विभागों को जिलाधिकारी की ओर से चेतावनी/नोटिस जारी कर उत्तरदायित्व सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि पिछले वर्ष वृक्षारोपण के प्रमुख स्थलों पर रोपित गए वृक्षों की समीक्षा की जाए कि अब तक उन स्थलों पर कितने वृक्ष जीवित हैं और उनका संरक्षण किस प्रकार किया जा रहा है।

उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि गंगा नदी के किनारे, खादर क्षेत्र एवं आरक्षित वन क्षेत्रों में वृक्षारोपण को प्राथमिकता प्रदान की जाए, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ जलवायु सुधार में भी योगदान मिल सके। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण का प्रमुख उद्देश्य वनों की सघनता में वृद्धि करना है। अतः ऐसे पौधों का चयन किया जाए जो कम समय में विकसित हो सकें तथा दीर्घकालीन स्थायित्व रखते हों। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि शैक्षिक संस्थानों (विद्यालयों) के परिसरों में अशोक के पौधे निकट दूरी पर रोपित किए जाएं ताकि वे प्राकृतिक बाउंड्री का कार्य करते हुए पर्यावरणीय सौंदर्य भी प्रदान करें तथा अमृत सरोवरों तथा नदियों के किनारे यथासम्भव अधिकतम पौधारोपण किया जाए, जिससे जल-स्रोतों की रक्षा के साथ-साथ जैव विविधता को भी बढ़ावा मिल सके। इसके अलावा  औषधीय पौधों के वृक्षारोपण को प्राथमिकता दी जाए, जिससे औषधीय लाभ के साथ-साथ आर्थिक दृष्टिकोण से भी सकारात्मक प्रभाव प्राप्त हो।




नोडल अधिकारी डॉक्टर लोकेश ने यह भी निर्देश दिए कि ग्राम्य विकास विभाग द्वारा पूर्व में कराए गए वृक्षारोपण का सर्वेक्षण कर यह आकलन किया जाए कि वर्तमान में कितने पौधे जीवित हैं। इस सफलता की प्रेरक कहानियाँ तैयार कर उन्हें जन-सामान्य के बीच प्रसारित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए नदी के कटाव प्रभावित क्षेत्रों में बांस (बैम्बू) के पौधों का वृक्षारोपण कराया जाए, जिससे भूमि संरक्षण के साथ-साथ ग्रामीणों को आर्थिक लाभ भी प्राप्त हो सके।

जिलाधिकारी जसजीत कौर ने शासन द्वारा नामित नोडल अधिकारी को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा दिए गए निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चत कराया जाएगा और वृहद वृक्षारोपण अभियान-2025 के अवसर पर रोपित किए गए पौधों के संरक्षण के लिए भी विशेष प्रयास किए जाएंगे।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी पूर्ण बोरा, डीएफओ अभिनव कुमार, उपायुक्त मनरेगा, अरोड़ा, परियोजना निदेशक डीआरडीए सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।


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Nitin Chauhan -7017912134


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