नई दिल्ली, ऐ एण्ड एस फार्मेसी के जनरल मैनेजर हकीम अत्ता-उर-रहमान अजमाली और मदरसों के प्रतिभाशाली छात्रों के प्रयासों से उत्तर-पूर्वी दिल्ली के गौतम पुरी शाहदरा क्षेत्र, पैरामेडिकल फिटनेस के गुणों से युक्त शररीरिक एक्सरसाइज का प्रशिक्षण केन्द्र बन गया। आसान और बेहतरीन नफ़ा बख्श एवं विभिन्न सात प्रकार एवं स्टाइल की एक्सरसाइज की टिप्स से युक्त डॉ. बी. आई. के. ब्रांड वाली विशेष शैली की खूबियों वाली पैरामेडिकल एक्सरसाइज आज के दौर में आसानी से घर पर ही स्वास्थ्य की संभाल के लिए हर घर और हर किसी की जरूरत बन चुकी हैं। इस्लामिक शिक्षा के मदरसों के युवा स्वयंसेवी छात्रों ने इन एक्सरसाइज के सहायक के रूप में प्रारंभिक प्रशिक्षण पूरा किया और बन गए इन विशेष एक्सरसाइज के "छोटे उस्ताद"।
बुद्धिमानी एवं हिक्मत से भरपूर ये पैरामेडिकल एक्सरसाइज हृदय, मस्तिष्क, यकृत, तिल्ली, फेफड़े, गुर्दे, आंत आदि को बीमारियों का शिकार बनने से बचाने तथा इन अंगों में तंदुरुस्ती की मस्ती का इंकलाब लाने वाली हैं। समय की आवश्यकताओं के अनुरूप इन पैरामेडिकल एक्सरसाइज का शोध करने वाले खानदानी हकीम डॉ. बदरूल इस्लाम कैरानवी के मार्गदर्शन में तथा इन व्यायामों की विशेषज्ञ प्रशिक्षक कौसर साहिबा की देखरेख में इन एक्सरसाइज का प्रशिक्षण लेने वाले युवा स्वयंसेवी छात्रों को एडवोकेट शाह जबीन काज़ी साहिबा ने अपने दस्ते-मुबारक से प्रमाण पत्र के साथ साथ पुरस्कार देकर सम्मानित एवं इस परसेवा, परोपकार के मार्ग पर चलते रहने के लिए उत्साहित किया।
इस अवसर पर अत्यंत साहसी इरफान साहब ने कहा कि डॉ. बदरूल इस्लाम कैरानवी के विभिन्न चिकित्सा विज्ञानों पर आंदोलन कारी की तरह किए गए लगातार 50 वर्षों के शोध एवं विकास के प्रयासों के दौरान उच्च गुणवत्ता वाली पैरामेडिकल एक्सरसाइज की टेक्नीक उतपन्न हुई हैं। यह एक्सरसाइज हर उम्र की जरूरतों के अनुसार शरीर में प्राकृतिक ताकत को लगातार बनाए रखने में सक्षम हैं। विशेष बात यह है कि यह एक्सरसाइज मन की शांति बनाए रखते हुए, मानसिक रूप से बलवान भी बनती हैं। देश हित में सभी के हितों वाले अच्छे कर्मों में लगे रहने को प्रोत्साहित करती हैं साथ ही सब की दुआओं का हक़दार बना कर जीवन में बरकत लती हैं, तथा ये उच्च गुणवत्ता वाली पैरामेडिकल एक्सरसाइज वर्तमान युग में शरीर के सभी महत्वपूर्ण अंगों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में सफल और लाभकारी साबित हुए हैं। समझदारी की बात यह है कि डॉ. बदरूल इस्लाम कैरानवी द्वारा लगातार पिछले 50 वर्षों की मेहनत, एक करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित एवं विशेष रूप से डिजाइन की गई इन वैज्ञानिक एक्सरसाइज को किसी विशेषज्ञ द्वारा ही सिखाया जाना चाहिए ताकि देश और दुनिया की अगली पीढ़ी को सब की पसंद की और असाधारण रूप से बेहतरीन परफॉर्मेंस देने वाला बंदा बनाया जा सके।
दिल्ली की एक प्रसिद्ध मस्जिद के इमाम हकीम मौलाना मोहम्मद मुर्तजा देहेलवी ने कहा कि इस वर्ष मैं ने और देशभर से दिल्ली आए ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस से जुड़े हकीमों के अलावा दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले छह हजार हाज़ियों ने इन पैरामेडिकल एक्सरसाइज का मस्ती से और बग़ैर थके कई अवसरों पर अभ्यास किया। और डॉ. बदरूल इस्लाम कैरानवी द्वारा विकसित इन तन्दुरुति की संभाल करने वाली रियाज़तों के विशेष एवं सब को पसंद आने वाला ढंग बनाने पर मुबारकबाद दी तथा दुआओं से नवाज़ा।मौलाना मुर्तजा जी ने आगे कहा कि मेरी व्यक्तिगत राय यह है कि अधिकांश रोगों के उपचार में इन पैरामेडिकल एक्सरसाइज को देसी दवाओं के साथ प्रयोग करने पर लाभ कई गुना बढ़ाया जा सकता है।
इस अवसर पर हकीम अत्ता-उर-रहमान अजमली एमडी ए एंड एस फार्मेसी दिल्ली ने छात्रों, पत्रकारों, उस्तादे-मुकर्रम मेहमानों का आभार व्यक्त किया। पैरामेडिकल एक्सरसाइज के प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रमुख हस्तियों के साथ मौलाना मुहम्मद फारूक, यूसुफ मलिक, मोहम्मद अफ्फान, मोहम्मद इरफान आदि मौजूद रहे। समझो भारत न्यूज से पत्रकार गुलवेज आलम की रिपोर्ट
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