मेरठ सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में किया गया कृषक गोष्ठी और मेला कार्यक्रम का आयोजन

फसल और कूड़ा जलाने की घटनाओं की सरकार द्वारा सेटेलाइट से की जा रही निगरानी-सीडीओ 
मेरठ फसल अवशेष प्रबंधन जैसे धान की पराली, कूड़ा तथा गन्ने की पत्ती ना जलाये जाने और बेहतर प्रबंधन के उपाय के संबंध में कृषि विभाग मेरठ द्वारा सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में मुख्य विकास अधिकारी नूपुर गोयल की अध्यक्षता में कृषक गोष्ठी और मेले का कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा बताया गया कि फसलों के अवशेष को जलाने की बजाय किसान यदि उसकी जैविक खाद बनाए तो भरपूर उपज मिलेगी और किसानों की लागत कम होगी, फसल और कूड़ा जलाने की घटनाओं की सरकार द्वारा सेटेलाइट से निगरानी की जा रही है, जिसके लिए 2500 से 15000 तक जुर्माना वसूलने का भी प्रावधान है।
कृषि विश्वविद्यालय मोदीपुरम के निदेशक प्रसार डॉ पीके सिंह द्वारा बताया गया कि 16 से 18 अक्टूबर तक कृषि विश्वविद्यालय में विराट किसान मेला आयोजित किया जाएगा जिसमें सभी किसान भाई भाग लें, उप कृषि निदेशक श्री नीलेश चौरसिया द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत अनुदान के बारे में बताया। जिला कृषि अधिकारी राजीव कुमार सिंह के साथ-साथ कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिकों द्वारा तकनीकी बिंदुओं पर चर्चा किसानों के साथ की गयीं। गोष्ठी में 400 कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। सम्मिलित किसानों द्वारा समस्या एवं सुझाव रखे गए। गोष्ठी में विभिन्न उन्नत कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। (मनीष सिंह संवादाता)
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