पिरान कलियर में खाई बाड़ी का आतंक जोरों पर चल रहा है। ये खाई बाड़ी करने वाले मज़दूर वर्ग के लोगों को बना रहे हैं अपना शिकार गरीब मज़दूर वर्ग दिन भर दिहाड़ी मजदूरी करके जो भी पैसा कमाते हैं वो ये खाई बाड़ी करने वाले उनको एक रुपए के नब्बे रुपए देने का लालच देकर अपना सिक्का मज़बूत करने में नहीं कर रहे हैं कोई भी गुरेज़ एक दिन में लाखों रुपए गरीब मज़दूर वर्ग से कमाते हैं ये खाई बाड़ी करने वाले एक एक काउंटर पर दो से तीन बन्दे बैठकर लिखते हैं सट्टा इतने बुलंद हौसलों के साथ काम को अंजाम देने में हो रहे कामयाब इनके पीछे किसका हाथ है ये गुत्थी आज तक समझ में नहीं आई जहां अतिक्रमण के नाम पर गरीब दुकानदारों की ईमानदारी से चल रही दुकानों को हटाया जाता है वहीं दूसरी और इन खाई बाड़ी करने वाले के काउंटर दिन में दो बजे से रात 12 बजे तक खुलेआम पन्नी डालकर बेखौफ चलते हैं। कोई पत्रकार बंधु अगर इनका कवरेज़ करने के लिए जाता है तो उल्टा उसी को धमकाने और झुट्ठे मुकदमें लगवाने की देते हैं धमकी कुछ लोकल तो कुछ उत्तर प्रदेश के हैं ये खाई बाड़ जो मज़दूर वर्ग के लोगों को बना रहे हैं अपना शिकार
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