आज फिर अबदाननगर गांव में तीन पशुओं की मौत होने से गांव में दहशत

अबदान नगर में पशुओं की मौत लगातार जारी है। सवस्थाय विभाग सिर्फ खाना पूर्ति करने में लगा हुआ है अब तक पचास से ज्यादा पशु काल का गास बन चुके है। वही सैकड़ो की संख्या में पशु बीमार चल रहे है। खबर के अनुसार
1 मार्च झिंझाना । थाना क्षेत्र के गांव अबदान नगर में पिछले करीब पंद्रह दिनों से पशुओं पर खुरपका मुंह पका सांस जैसी भयंकर बीमारी  कहर बन कर टूट रही है। इस बीमारी से अब तक लगभग 50 से अधिक पशुओं की दर्दनाक मौतें हो चुकी हैं। मरने वाले पशुओ की कीमत 80 हजार से लेकर एक लाख रुपये से ऊपर तक की है। हालांकि इस गांव में दो या तीन बार पशु चिकित्सकों की टीम ने पहुंचकर पशुओं का उपचार किया मगर यह रोग नियंत्रित नहीं हो पाया है।
    वहीं आज ग्रामीणों बताया कि आज महिपाल पुत्र सुरूप का  एक पशु शमशाद पुत्र हनीफ का एक पशू शिवचरण पुत्र रामसिंह का एक पशु बीमारी की चपेट में आने से मर गए। जबकि पिछले पंद्रह दिनों  में अब तक इस गांव में पचास से ज्यादा पशुओं की मौत हो चुकी है।अभी भी इस गांव में सैकड़ो से ज्यादा पशु इस बीमारी की चपेट में है। ग्रामीण इस बीमारी को लेकर दहशत में है। ग्रामीणों का आरोप है की स्वास्थ्य विभाग के लोग गांव में सिर्फ खाना पूर्ति करने आते है और चले जाते है।जिन ग्रामीणों के पशुओं की मौत हुई है उनके पास गुजारे के लिए इन पशुओं का ही सहारा था जिनका दूध बेचकर वह अपने परिवार का पेट भरते थे।पशुओं के मरने से उनको अपने परिवार के लालन पोषण की भी समस्या आ रही है। 
अबदाननगर में पशुओं की लगातार हो रही मौत को लेकर कांग्रेस नेता अशवनी शर्मा (सींगरा)
प्रदेश महासचिव यूवा कांग्रेस ने कहा यदि समय रहते पशुओं को सही ईलाज मिल गया होता तो बीमारी का संक्रमण ना फैलता। चिकित्सा विभाग की लापरवाही की वजह से लगातार पशु मर रहे हैं। एक एक पशु की कीमत पचास हजार के लगभग है। गरीब पशुपालकों को बहोत नुकसान पहुंचा है। पीड़ितों को सरकार द्वारा उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। 
वही ग्राम प्रधान प्रतिनिधि प्रमोद सैनी ने बताया कि पिछले 15 दिनों से लगातार गांव में पशुओं की मौत हो रही है जिसकी वजह से सभी पशुपालक बहुत डरे और सहमे हुए हैं  और कहां की पशु चिकित्साक भी यहां दो-तीन बार आ चुके हैं लेकिन पशुओं में बढ़ रही बीमारी को अभी तक कंट्रोल नहीं किया गया है प्रमोद सैनी ने इस घटना पर गहरा दुःख जताया कहा कि वह गांव के सभी पशुपालकों के दुख में उनके साथ हैं
@samjhobharat 

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