ओजोन मित्रा कंपनी के विरुद्ध पूरे भारत में सबसे पहले समझो भारत ने की पहल, एसीपी और डीसीपी सहित कस्टमरो को किया लामबंद

ओजोन मित्रा के सभी सम्मानित साथियों को अवगत कराते हुए हमें बड़ा गर्व महसूस हो रहा है कि भारत में ओजोन मित्रा कंपनी के विरूद्ध सबसे पहले समझो भारत न्यूज द्वारा ही मोर्चा खोला गया और "ओजोन मित्रा पीड़ित" के नाम से व्हाट्सऐप समूह और टेलीग्राम ग्रुप बनाया और सभी पीड़ितो को एकजुट करके उनको समय समय पर सचेत करने का कार्य किया । यही कारण है कि "ओजोन मित्रा" के पीड़ित उपभोक्ताओ के प्रतिदिन हमारे पास सैकड़ों कॉल आनी शुरू हो गई, समझो भारत न्यूज ने भारत के कोने कोने से आने वाली हर पीड़ित की कॉल को ध्यानपूर्वक सुना और फुल सपोर्ट भी किया, "समझो भारत न्यूज" ने अपने चैनल और पोर्टल के माध्यम से कम्पनी की हर गतिविधियां आप तक पहुंचाने में और उनसे बचाव करने के तरीके सांझा किए और करता रहेगा, कंपनी के 300 एसीपी डीसीपी और एक लाख उपभोक्ताओं में से काफी तादाद में लोग हमसे जुड़ने लगे ग्रुप में कंपनी के विरूद्ध या समाधान के लिए चैट कम  फालतू की चैटिंग अधिक होने लगी हर कोई एसीपी और डीसीपी अपने आप को बड़ा और दूसरो को छोटा दिखाने की होड़ में लग गया , जिससे ग्रुप के एडमिन  ने ऐसे एसीपी और डीसीपी को बार बार अनुरोध करके समूह में सिर्फ मुद्दे की बात करने और फालतू की चैट को नियंत्रित करने का भरसक प्रयास किया  , लेकिन जब मामला हाथ से निकलने लगा तो हर उस एसीपी और डीसीपी को ग्रुप से रिमूव किया जाने लगा जो ग्रुप पर बेमतलब के मैसेज करते थे । ग्रुप से जिनको भी निकाला जाता वो ही एसीपी और डीसीपी हमारे खिलाफ दुष्प्रचार करने लगे कि इस ग्रुप में तो हिटलर शाही चलती है। जबकि समझो भारत अपने न्यूज पोर्टल और चैनल के जरिए सबको एकजुट करके कम्पनी के विरुद्ध अधिक से अधिक शिकायते दर्ज़ कराने की अपील करता रहा । समझो भारत ने ही पहली और अब तक की आखिरी बार जूम मीटिंग की और सबको अपने ऑफिस पर इकट्ठा करने के लिए अनुरोध भी किया, जूम मीटिंग में समझो भारत द्वारा सभी पीड़ित साथियों से रहने, दिल्ली में ठहरने, खाने पीने की निशुल्क व्यवस्था की भी बात कही थी दिल्ली बुलाकर सभी एसीपी और डीसीपी को साथ लेकर गुडगांव पुलिस को सामूहिक शिकायते दर्ज़ कराने और कंपनी के बैंक खातों की जानकारी जुटाने सहित अन्य कानूनी मसलों पर चर्चा करके आगामी कार्यवाही की भी बात कही थी लेकिन सर्दी का मौसम होने के कारण इस प्रोग्राम की तिथि तय करने से पूर्व ही राहुल तिगनायत के  हाथ पैर फुल गए कि समझो भारत इस मिशन में कामयाब ना हो जाए , इससे पहले कि हम लोग दिल्ली में एकजुट हो पाते राहुल द्वारा कुछ एसीपी और डीसीपी को बहका फुसलाकर कंपनी शुरू करने का झूठा आश्वासन देकर फूट डालकर सबको इकट्ठा होने से पहले ही अपनी चाल चल दी । जिसमें कुछ एसीपी और डीसीपी ने समझो भारत के द्वारा बनाए ग्रुप को छोड़कर अपने अलग अलग ग्रुप बना लिए, ओजोन मित्रा के सभी अधिकारियों को पसीने छूटने लगे कि यह समझो भारत न्यूज इन एसीपी और डीसीपी के बीच कहां से आ गया, अब कंपनी की मंशा भी यह थी कि समझो भारत को एसीपी और डीसीपी के खिलाफ कैसे किया जाए, ग्रुप के लिंक के माध्यम से कंपनी के सभी मालिक चोरी छुपे हमारे व्हाट्सऐप ग्रुप में शामिल होकर हमारी एक एक गतिविधियों पर पैनी नजर रखने लगे और कैसे हम सबमें फूट डालकर सबको आपस में लड़ा कर अपार जनसमूह को तितर बितर करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी, और समझो भारत पर भी आरोप लगाए जाने लगे कि यह कम्पनी के साथ मिल गया है। समझो भारत न्यूज को कोई खरीद सकें ऐसा व्यक्ति अभी तक इस धरती पर पैदा नहीं हुआ । समय समय पर समझो भारत पर तरह तरह के आरोप हमारे ही कुछ एसीपी और डीसीपी जो राहुल तिगनायत से प्रतिदिन व्हाट्सएप कॉल करते थे । राहुल की बात पर विश्वास करने लगे कि कम्पनी पुनः चालू होगी आज ओजोन मित्रा के समझो भारत से अलग दर्जनों व्हाट्सएप समूह बने हुए है। कंपनी और कंपनी के टच में रहने वाले एसीपी और डीसीपी अब सीधे साधे ग्राहकों को बेवकूफ बनाकर समझो भारत के विरूद्ध करके अपने अपने स्तर से सेटिंग जमाने में लग गए ,आज कुछ लोग ग्रुप में सवाल करते है कि बताइए समझो भारत ने आज तक किया क्या है। जिन्होंने कुछ किया ही नहीं या किया भी हो तो बताना नही चाहते और समझो भारत से चाहते है कि अपने द्वारा की गई कार्यवाही सार्वजनिक करे, उनको बताना चाहता हूं कि समझो भारत ने क्या किया , समझो भारत ने आप सबको इकट्ठा किया, और कानूनी कार्यवाही के विषय में एक सप्ताह के भीतर पूरी जानकारी चैनल और पोर्टल के माध्यम से दे दी जाएगी । समझो भारत एक बार पुनः आप सबसे अनुरोध करता है कि एकजुट हो जाओ और सब आपस में मिलजुलकर कानूनी कार्यवाही करो, अलग अलग होकर कुछ नही होने वाला, इससे कंपनी को ही फायदा पहुंच रहा है ऐसा ना हो कि समय बीतता रहे और इसका लाभ यह भगोडे ना उठा लें, इसलिए सभी आपस में उलझने से बाज आए
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