लखनऊ : नवासे रसूले खुदा की शहादत का गम मनाने की तैयारियां हर तरफ मोहर्रम की आमद पर शुरू हो गई है। सल्तनत मंज़िल, हामिद रोड, निकट सिटी स्टेशन, लखनऊ के नवाबज़ादा सैय्यद मासूम रज़ा, एडवोकेट ने आगे कहा कि इमामे हुसैन और उनके 72 वफादार साथियों की शहादत का गम मनाने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां अपने आखरी माराहिल पर है। घरों में चुनाकारी, साफ सफाई के साथ साथ आजाखानो को सजाया वा संवारा जा रहा है। लखनऊ के जिला इंतजामिया और पुलिस प्रशासन ने भी पुराने लखनऊ के चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी है और पूरी मुस्तैदी के साथ शरारती लोगों पर नजर रख जा रही है। बड़े इमामबाड़े से मोहर्रम का आगाज शाही जरीह के जुलूस से शुरू होता है। यह उसी शानो शौकत के साथ आज भी उठता है जैसा अवध के तीसरे बादशाह मोहम्मद अली शाह के ज़माने में उठता था। यह शाही जरीह का जुलूस 1838 से पाबंदिए वक्त के साथ उठता चला आ रहा है और यह सिलसिला आज भी बरक़रार है। इस जुलूस को देखने के लिए हजारों लोग आजादरी के मरकज लखनऊ तशरीफ लाते हैं ।
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Zuljinah with Chaatri & Pankha ....The traditional Shahi Juloos Procession of first day of Moharram. This procession started from the Historical Asafi Imambada ( Bada Imambada) and culminated at Chota Imambada, Lucknow !!! (File Photo) मोबाइल : 9450657131
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