घटना राजस्थान के सिरोही जिले की जहाँ पत्रकारो को ही एडीएम द्वारा तवज्जो नही तो जनता का क्या हाल होता होगा एडीएम की हठधर्मिता के चलते पत्रकारों को बैठना पड़ा धरने पर, निजी स्कूल व पुलिस द्वारा पत्रकार को दबाने के विरोध में पत्रकार बैठे धरने पर


सिरोही : सिरोही जिले के आबूरोड़ में कार्यरत एक पत्रकार के बच्चे के साथ एक निजी स्कूल की अध्यापिका द्वारा मारपीट की गई एवं बच्चे को स्कूल मे २० दिन से शिक्षा से वंचित भी कर दिया गया तथा अन्य स्कूल बच्चे को शिक्षा देने को तैयार नही। इस मामले मे आबूरोड़ रिको पुलिस द्वारा 18 दिन बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं करने व दूसरी निजी स्कूल द्वारा बच्चे को एडमिशन नहीं देने को लेकर आज पत्रकार संगठन आई एफ डब्ल्यू जे के जिला अध्यक्ष

विक्रमसिह करनोत एवं ऑल इण्डिया डिजिटल मीडिया एसोसिएशन भारत के बैनर तले जिले भर के पत्रकारो ने विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंप कर पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने की मांग की। आपको बता दें संगठन के दर्जनों पत्रकार जब जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने के लिए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। तब कलेक्टर, प्रधानमंत्री के संभावित दौरे को लेकर आबूरोड गए हुए थे। जिसके कारण पत्रकार एडीएम को ज्ञापन देने उनके कक्ष में पहुंचे।



लेकिन एडीएम अपनी अफसरशाही के घमंड में इतने घमंडित हैं कि उन्होंने ज्ञापन लेने के लिए अपनी कुर्सी से उठना भी मुनासिब नहीं समझा , और ना ही पत्रकारो को तवज्जो दी। पत्रकारों ने जब ज्ञापन सौंप कर पूरे मामले को मौखिक रूप से अवगत करवाते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को बुलाने की मांग करते हुए दोषी स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग की तो एडीएम ने अपनी हठधर्मिता दिखाते हुए जिला शिक्षा अधिकारी से बात तक नहीं की और कहा कि आपके जाने के बाद हमे जो कुछ करना होगा वो कर दिया जायेगा।

एडीएम के इस अड़ियल रवैये को देखते हुए पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त हो गया और एडीएम कार्यालय के बाहर ही धरने पर बैठ गए। धरना स्थल से पत्रकारों को खडेदने के लिए एडीएम ने पुलिस बल को भी मौक़े पर बुलाया। पर पत्रकारों ने किसी भी सूरत में बिना मांग माने वहाँ से उठने से साफ इंकार कर दिया। और कलेक्ट्रेट परिसर में एडीएम के विरूद्ध जोरदार नारेबाजी करनी शुरू कर दी। आखिर एडीएम को अपनी हठधर्मिता छोड़कर जिला शिक्षा अधिकारी को कलेक्ट्रेट बुलाना पड़ा और जिला शिक्षा अधिकारी  गंगा कलावंत ने मौक़े पर पहुंचकर पत्रकारों से वार्ता करते हुए कल तक कार्रवाई कर पत्रकार के पीड़ित बच्चों को न्याय प्रदान करने की बात का भरोसा दिलाया, तब पत्रकारों ने धरना समाप्त किया।


एएसपी से मिलकर दर्ज प्रकरण में निष्पक्ष जांच करवाने की रखी मांग


एडीएम कार्यालय के बाहर धरने में समझौता वार्ता के बाद सभी पत्रकार एसपी कार्यालय पहुंचे, जहाँ एसपी की अनुपस्थिति में पत्रकारों ने एएसपी देवाराम चौधरी से मुलाक़ात कर ज्ञापन सौंप कर उक्त मामले में दर्ज प्रकरण की निष्पक्ष जांच करवाकर दोषी स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई करने की मांग रखी। जिस पर एडिशनल एसपी ने तुरंत प्रभाव से थानाधिकारी को निर्देशित कर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।


पत्रकारों को भी बैठना पड़े धरने पर तो आमजन के क्या होंगे हाल



सिरोही जिला प्रशासन किस कदर लापरवाह बना हुआ हैं, जिसके आज पत्रकारों को भी धरने पर बैठना पड़ा। जिला कलेक्टर की अनुपस्थिति में एडीएम ही हेडक्वार्टर का मुख्या होता हैं। पर ADM जब पत्रकारो की बात सुनने की बजाए अपनी जिद्द पर अड़कर हठधर्मिता पर उतर जाए तो ऐसे ADM से जिले की आम जनता क्या उम्मीद रख सकती हैं। ADM जब पत्रकारों को सही ढंग से आश्वासन देकर संतुष्ट नहीं कर उल्टा उन पर अफसर शाही का रौब दिखाने पर आमादा हो जाए, तो जिले के गरीब बेसहारा को ये क्या न्याय दिलाएंगे ये आसानी से समझा जा सकता हैं। पर वो कहते हैं कि जब तक ऐसे लापरवाह अधिकारीयों पर राजनैतिक संरक्षण बना रहेगा तब तक जिले कि जनता को इसका भुगतान भी करना ही पड़ेगा।।  जोधपुर /सिरोही : समझो भारत न्यूज़ डिजिटल चैनल नई दिल्ली से राष्ट्रीय प्रभारी डॉ.के.एल.परमार के साथ राजस्थान उप ब्यूरो रामलाल यादव की कलम से स्पेशल कवरेज : 9636125006

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