नई दिल्ली, योग विज्ञान पर एक कार्यशाला का आयोजन जहीर साइंस फाउंडेशन नई दिल्ली ने पार्लिमेंट हाउस के समीप अपने मुख्यालय में किया इस कार्यशाला में देश के नामी-गिरामी वैज्ञानिक शरीक रहे।
कार्यशाला का मुख्य आकर्षण डॉ मनीष गोरे का योग पर वक्तव्य तथा योग शोधकर्ता डॉक्टर इस्लाम की आत्मकथा एवं उनका वर्णित पेट अंदर और कमर पतली करने का योगियों का हजारों साल का आजमाया हुआ रहस्यमई नुस्खा रहा। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक प्रोफेसर हर्ष गुप्ता का मनमोहक संदेश जोश भरने वाला था साथ ही प्रतिभागियों, वक्ताओं और डॉक्टर बदरुल इस्लाम कैरानवी का तहे दिल से स्वागत किया।
जामिया मिलिया इस्लामिया के फिजिक्स के प्रोफेसर डॉक्टर जाहिद एच् खान ने भारत सरकार के चहेते योग गुरु का धन्यवाद करते हुए कहा कि, योगा वैज्ञानिक के रूप में तथ्यों पर आधारित आपने अपने जीवन के प्रेरणा दाई दृष्टांत हमारे सामने जो रखे हैं
वह युवा-वैज्ञानिकों और हमारे लिए भी प्रेरणादाई हैं, हम लोग घर-घर योग विज्ञान की पताका लहराने के आपके सपने को आगे बढ़ाने में सहयोग देने के लिए तैयार हैं।
डॉ तबस्सुम जमाल सेक्रेटरी जहीर साइंस फाउंडेशन ने खुले दिल से कहा कि मैं और हमारे साथी वैज्ञानिक, योग के साइंटिफिक पहलू को आगे बढ़ाने में हमेशा तत्पर रहेंगे और हमने तो करोना काल के बाद, अब अपने प्रोग्राम की शुरुआत ही साइंस ऑफ योगा की इस कार्यशाला से कर रहे है।
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सीएसआईआर के प्रिंसिपल वैज्ञानिक डॉक्टर मनीष मोहन गोरे, चीफ साइंटिस्ट एंड चेयरपर्सन बीडीआरएम डॉक्टर डी शैलजा इत्यादि, देश के मशहूर वैज्ञानिक संस्थानों के वैज्ञानिकों तथा मीडिया के लोगों की सक्रिय भागिता से कार्यशाला यादगार सफल रही।
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