बग़ैर इजाज़त एक फिर नगर में मेला लगाने की फिराक में है मेला ठेकेदारठेकेदार की मनमानी, बगैर अनुमति मेला लगाने की तैयारी


जिले में फेस मास्क अनिवार्य, मेला लगने पर संक्रमण फैला तो कौन होगा जिम्मेदार,पूर्व में मेले में रही प्रतिबंधित गतिविधियां, निरस्त हुई थी अनुमति, कैराना। प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के बावजूद भी नगर में मेला लगाने की तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही है। मनमानी पर उतारू ठेकेदार ने ग्राउंड में सामान डलवाकर मेला सजाने के लिए वर्करों को लगाया है। इसी ग्राउंड में पूर्व में लगे मेले में प्रतिबंधित गतिविधियां भी देखने को मिली थी, जिस पर उस समय मेले की अनुमति को प्रशासन ने निरस्त किया था। अब फिर से मेला लगाने की तैयारियों के बीच कोरोना संक्रमण को लेकर चिंता खड़ी हो रही है, क्योंकि जिले में फेस मास्क अनिवार्य किया गया है। बावजूद इसके मेला लगने की स्थिति में संक्रमण फैला तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। यह बड़ा सवाल है।

 नगर के पुराना बाईपास के निकट मेला महोत्सव की तैयारियां युद्धस्तर पर शुरू हो गई है। जहां गुरुवार को आसमानी झूले और अन्य मनोरंजन के लिए सामान से लदी गाड़ियां पहुंच गई है। मेला ठेकेदार की ओर से वर्करों को लगाकर मेले को सजाने का काम किया जा रहा है। इतना भी तब है, जब प्रशासन की ओर से अभी तक मेला लगाने की अनुमति नहीं दी गई है। इसके बावजूद भी आखिर ठेकेदार किसके संरक्षण में मनमानी पर उतारू है, यह समझ से परे है। फिलहाल मेला लगाने का काम बेरोकटोक होता नजर आ रहा है। कोरोना संक्रमण की चिंताओं के बीच मेला लगाये जाने की अनुमति के बारे में भी अभी साफ तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता है। यदि अनुमति मिल भी गई, तो मेला स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था क्या रहेगी। पुलिस के साथ-साथ फायर सर्विस विभाग की ओर से क्या बंदोबस्त किए जाएंगे। ये देखने वाली बात होगी। फिलहाल, प्रशासन मेला लगाने की तैयारियों से अनजान बना हुआ है। इस संबंध में एसडीएम संदीप कुमार से बातचीत करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। हालांकि, एसडीएम के स्टेनो का कहना है कि मेले की अनुमति हेतु आवेदन आया था, लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से मेला लगाने के संबंध में अनुमति नहीं दी गई है।

मेला फैला न दें कोरोना संक्रमण की रफ्तार

एक सप्ताह पूर्व शामली जिले में डीएम जसजीत कौर ने एनसीआर क्षेत्र में कोरोना संक्रमितों की निरंतर संख्या बढ़ने के दृष्टिगत फेस मास्क को अनिवार्य करते हुए आदेश जारी किया था। मकसद तो यही है कि जिले में कोरोना संक्रमण पैर न पसार पाए। दूसरी ओर, कोरोना संक्रमण को लेकर सतर्कता और चिंता के बीच नगर में मेले को लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। मेला लगने की सूरत में यहां कोरोना संक्रमण रफ्तार न पकड़ लें, यह किसी चिंता से कम नहीं है। इतना ही नहीं, मेले के कारण यदि संक्रमण फैला या फिर कोई घटना हुई, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा ?

पूर्व में ठेकेदार ने ठेंगे पर रखे थे मानक

पूर्व में दीपावली पर्व के अवसर पर शासन के आदेशों के अनुक्रम में प्रशासन की ओर से दीपावली महोत्सव मेला पब्लिक इंटर कॉलेज में आयोजित कराया गया था। उसी समय पुराना बाईपास पर इसी ग्राउंड में भी मेला लगा था। लेकिन, तब ठेकेदार ने तमाम मानकों को ठेंगे पर रखकर मेले का संचालन किया था। जहां प्रतिबंधित गतिविधियां भी देखने को मिली थी, जिसके चलते प्रशासन ने मेले की अनुमति को निरस्त कर दिया था। फिर से ठेकेदार अपनी मनमानी से बाज आता नहीं दिख रहा है।


मेले में चलता है मौत का तमाशा

देखने में आता रहा कि मेले की अनुमति की आड़ में ठेकेदार प्रतिबंधित गतिविधियों में लिप्त रहता है। मौत का कुआं और सर्कस बेरोकटोक चलता है। इनमें स्टंटबाजी का खेल किसी से छिपी नहीं रहता है। अश्लीलता का भी प्रदर्शन किया जाता रहा है। इतना ही नहीं, जुआ का खेल भी मेले में पूर्व में चलता हुआ नजर आया था, जिसमें नाबालिग मासूम बच्चे जुए की लत में पड़ते देखे गए थे। इस बार तो अभी तक फिर भी मेले की अनुमति नहीं है।

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