कांधला मुसलमानों का पवित्र पर्व रमजान-उल-मुबारक का अलविदा जुम्मे का रोजा लोगों ने रख अल्लाह को याद किया। इस पवित्र माह में रोजा रखने से इसका कई गुणा स्वाब मिलता है। बड़े बुजुर्ग और महिलाओं के साथ-साथ मासूम बच्चों में रोजा रखने का उत्साह देखते ही बन रहा है। मासूम बच्चे भी अपने रब को खुश करना चाह रहे हैं। इसी कड़ी में कांधला कस्बे कै मोहल्ला खेल की 8 साल की मासूम बच्ची जिनत फातिमा पुत्री आशु ने रोजा रखकर अल्लाह की बारगाह में अपनी हाजिरी लगाई। जिनत के रोजा रखने से पूरा परिवार काफी खुश हैं। मुहल्ले के लोगों के अलावा परिजनों ने जिनत को बधाई दी है।
जिनत ने बताया कि राेजा रखने से उसे काफी सुकून मिला।दरअसल आपको बता दें पूरा मामला जनपद शामली के कांधला कस्बे के मोहल्ला खेल स्थित का है जहां पर आंसू नामक युवक की पुत्री 8 साल की बच्ची जीनत ने पहला रोजा रख अल्लाह को याद किया ,रमजान का पाक महीना अलविदा जुम्मे का रोजा बड़ों के साथ-साथ मासूम बच्चों ने भी रखा कई बच्चों की जिंदगी का यह पहला रोजा था। तपती धूप और गर्मी से बेपरवाह बच्चों ने अल्लाह और उसके रसूल की रजा हासिल करने के लिए भूख और प्यास की शिद्दत बर्दाश्त कर पूरी दुनिया से कोरोना के खात्मे की दुआ की बच्चे बेसब्री से कर रहे थे
रमजान का इंतजारआठ साल की जिनत बताती है कि पहली बार रोजा रखा है। पिछले कई महीने से रमजान के मुबारक महीने का इंतजार कर रही थी पहला रोजा रखकर अल्लाह से कोरोना खत्म करने की दुआ मांगी है बताया कि खुदा की खुशनूदी हासिल करने के लिए भूख और प्यास को बर्दाश्त करना बड़ी बात नहीं है। उनके रोजा रखने पर पूरे घर में खुशी का माहौल हैं उनके रोजा रखने पर मां ने उनके खाने के लिए कई पकवान बनाए हैं। उन्हें रोजा रखकर बहुत अच्छा लग रहा है। आगे भी वह रोजा रखेंगी और अल्लाह से देश के अमन चैन की दुआ मागेंगी इस मोके पर सेकड़ो लोग उपस्थित रहे।
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