तालाब को कब्जा मुक्त कराने में रोड़ा बनी पूर्व मंत्री सुरेश राणा की दावत


आपको बता दें कि जनपद शामली के ग्राम टिटौली में तालाब पर अवैध कब्जा धारकों ने कब्जे को कायम रखने के उद्देश्य से योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे सुरेश राणा को अपनी ढाल के रूप में इस्तेमाल किया है जहां पिछले पूरे कार्यकाल में उनकी ढाल बने खड़े रहे

वहीं अब एक बार फिर चुनाव के दौरान उनकी की गई दावत अब तालाब पर कार्रवाई में रोड़ा बन गई है जानकार सूत्रों की माने तो जब जब तालाब को कब्जा मुक्त कराने की मांग उठती है या यूं कहिए कि उच्च अधिकारियों से शिकायत की जाती है तब तब रोड़ा बन जाती है

अवैध कब्जा धारकों द्वारा की गई सुरेश राणा की दावत लेखपाल को उक्त दावत के फोटो दिखा कर अपने आपको सुरेश राणा का करीबी बताकर लेखपाल को फर्जी एवं झूठी रिपोर्ट देने पर मजबूर करते हैं

उक्त अवैध कब्जा धारक कोई एक बार का नहीं अनेकों बार का है पिछले 3 वर्ष में करीबन 20 से अधिक बार कब्जा मुक्त कराने की शिकायतें की जा चुकी है

लेकिन आज तक नतीजा वही ढाक के तीन पात हर बार लेखपाल घुमा फिरा कर जवाब दे देते हैं लेकिन आज तक कार्यवाही नहीं करते अब एक बार फिर आस जगी है आज या योगी सरकार ने तालाबों को कब्जा मुक्त कराने के लिए विशेष अभियान चलाने का जो जिलाधिकारियों को दिया है

आदेश उससे एक बार फिर आज जगी है कि ग्राम टिटौली का तालाब भी होगा कबजा मुक्त, क्योंकि हर साल तालाब का पानी गांव के साथ-साथ प्राइमरी विद्यालय नंबर 1 में भी भूल जाता है जहां बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है

लेकिन इस बार सबसे बड़ा सवाल यह होगा कि क्या योगी के फरमान पर भारी पड़ेगी पूर्व मंत्री सुरेश राणा की दावत यह तो आने वाला समय ही बताएगा

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