सपोर्ट बनवाने के लिए कुछ नियम कानून बदले गए है। फर्जी पासपोर्ट बनाने के मामले (Passport Scam In haryana) सामने आने के बाद ये बदलाव किए गए हैं। पासपोर्ट (Passport Seva) बनवाने के लिए 2 गवाहों से काम नहीं चलेगा। आवेदक की रिहायश जहां है, वहां के एमसी, सरपंच या फिर मौजिज व्यक्ति को बतौर गवाह बनाकर सत्यापन की कार्यवाही होगी। इसके अलावा गवाहों को थाना में नहीं बुलाया जाएगा। पुलिस कर्मी आवेदक के घर जाकर सत्यापन करेगा। इतना ही नहीं पासपोर्ट (Passport Seva) बनवाने के लिए जिन शैक्षणिक दस्तावेजों का प्रयोग किया है, उनकी जांच होगी। इसके लिए संबंधित शिक्षण संस्थान में जाकर रिकॉर्ड से मिलाना होगा। दरअसल, पासपोर्ट (Passport Seva) फर्जीवाड़े का मामला (Passport Scam In haryana) उजागर होने के बाद मंडल के आईजी राकेश कुमार आर्य ने कड़ा संज्ञान लेते हुए उक्त दिशा-निर्देश मंडल के पांचों पुलिस अधीक्षकों को जारी किए। आईजी के अनुसार थाना स्तर पर पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा पासपोर्ट (Passport Seva) सत्यापन के दौरान लापरवाही बरती जा रही हैं। ऐसा होने से रोकने के लिए मंडल के पांचाें पुलिस अधीक्षकों को अपने-अपने जिलों में विशेष टीम का गठन करने के लिए कहा है। इन टीमों से वर्ष 2018 के बाद जारी हुए पासपोर्ट (Passport Seva) का रिकॉर्ड रीजनल पासपोर्ट (Passport Seva) कार्यालय से लेकर गहनता से पुनः सत्यापित करवाए जाएंगे। इस दौरान किसी प्रकार की अनियमितताएं मिलती हैं तो नियमानुसार एक्शन लेकर प्रगति रिपोर्ट आईजी कार्यालय में भिजवाएं। एसआईटी ने बताया था : गवाहाें के सत्यापन को लेकर खानापूर्ति होती रही है । फतेहाबाद के टोहाना में फर्जी पासपोर्ट (Passport Seva) का मामला (Passport Scam In haryana) उजागर हुआ था। इसमें दर्ज अभियोग की एसआईटी जांच कर रही है। इसमें सामने आया कि पासपोर्ट (Passport Seva) सत्यापन के लिए गवाहों को थाना में बुलाकर खानापूर्ति की जाती है। पुलिस द्वारा केवल भरोसेमंद लोगों पर विश्वास करके रिपोर्ट बनाकर भेजी जाती है। तस्दीक के तौर पर शिक्षा का प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, रिहायशी प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र आदि दस्तावेज भी देखने-जांचने होते हैं लेकिन यहां भी लापरवाही बरती गई है। ऐसे में पासपोर्ट (Passport Seva) सत्यापन का काम संवेदनशील है। आवेदक के आवास पर जाकर सत्यापन होना चाहिए।पासपोर्ट (Passport Seva) के प्रोफार्मा मे दर्शाये गए वर्तमान व स्थायी पते का भी मौके पर जाकर और पूर्णरूप से तस्दीक करने के निर्देश दिए हैं। हाल में पासपोर्ट (Passport Seva) के मामले में करनाल में बरती गई लापरवाही की पुनरावृति न हो, यह भी पुलिस अधिकारी व कर्मचारी सुनिश्चित करें।
इन बातों का रखना होगा ध्यान
1. पासपोर्ट (Passport Seva) सत्यापन के लिए पुलिस कर्मचारी व बीट इंचार्ज पासपोर्ट आवेदक के घर जाकर टैबलेट के माध्यम से एम-पासपोर्ट (Passport Seva) का उपयोग करके सावधानीपूर्वक तस्दीक करेंगे।
2 पासपोर्ट (Passport Seva) सत्यापन के लिए संबंधित गांव, कस्बा, शहर के मौजिज व्यक्तियों जैसे सरपंच, पंच, एमसी व अन्य गणमान्य व्यक्तियों को गवाह के तौर पर रखा जाए।
3. पुलिस अधिकारी सुनिश्चित करें कि गवाहों को पुलिस थाना बुलाकर सत्यापन न किया जाए।
4. जिस आवेदन के साथ 8वीं, 10वीं का शिक्षा प्रमाण पत्र सलंग्न हैं, उनको संबंधित स्कूल के रिकॉर्ड से तस्दीक व सत्यापित करवाया जाए।
5. हरियाणा में नियमानुसार स्थायी निवासी उस नागरिक को माना जाता है जो 15 वर्षों से लगातार एक स्थान पर रह रहा है। संबंधित जिला प्रशासन द्वारा उसी नागरिक का रिहायशी प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है। पासपोर्ट वेरिफिकेशन के दौरान रिहायशी प्रमाण-पत्र को आवश्यकतानुसार शामिल किया जा सकता है।
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