जालौर/ कतरोसन जालौर जिले के कतरोसन गाँव में पीड़ित नरिंगाराम पुत्र गजाराम जाति मेघवाल निवासी कतरोसन ने समझो भारत न्यूज़ डिजिटल चैनल के राष्ट्रीय प्रभारी कान्तिलाल मेघवाल को अपना दर्द बयां करते हुए बताया की दिनाँक 31 अगस्त 2021 को 6 बजे गाँव के बेरे के लोग कृष्ण भगवान की मूर्ति विसर्जन करने गए। तब उनका पुत्र प्रकाश भी साथ था। और शाम को 7 बजे मेरा पुत्र प्रकाश घर पर नहीं आया तो मैंने लोगों से पूछताछ की। फिर मैं कृष्ण मूर्ति विसर्जन के स्थान पर खारसीया स्कूल के पास केशवना रोड पर स्विमिंग पुल के वहाँ पर गया तो वहां पर बाबूसिंह पुत्र मंगलसिंह निवासी कतरोसन, लादूराम पुत्र सवाराम माली जो स्विमिंग पुल का मालिक हैं। सुजानाराम देवासी,पारसमल पुत्र करनाजी माली निवासी ऐलाना, किशोर पुत्र
लादूराम, व मलाराम पुत्र उदाजी भील उम्मेदाबाद सभी स्वीमिंग पुल के पास बैठे थे। और उन्होंने बताया कि यह सभी शराब पी रहे थे। तथा तास खेल रहे थे। तब मैंने उनको पूछा कि मेरा पुत्र यहाँ पर है, तो उन्होंने कहा कि तेरा पुत्र यहां नहीं हैं। और मुझे धमकी दी कि यहां आया तो ठीक नहीं होगा। फिर मैं दूसरी जगह स्कूल व बेरे पर गया तो वहां पर भी मेरा पुत्र नहीं मिला। फिर मुझे राह चलते लोगों ने कहा कि एक छोटा लड़का स्विमिंग पूल के पास देखा था। तब मैं व मेरे सालाजी जीवाराम दोनों स्वीमिंग पूल के पास व स्वीमिंग पूल में देखा तो मेरा पुत्र वहाँ नहीं था। फिर मुझे भूपेन्द्र कुमार पुत्र हिमाराम मेघवाल ने बताया कि एक छोटा लड़का स्विमींग पूल के पास देखा था। तब मैं व मेरे सालाजी दोनों वापस स्विमिंग पुल के पास गए तो देखा कि मेरे पुत्र को मलाराम पुत्र उदाजी भील निकाल रहा था। तब मैं व गांव के अन्य लोग भी आ गए। फिर मैंने मेरे पुत्र को निकाला तो वह मरा हुआ था। फिर मैंने मेरे पुत्र के पेट को
दबाया तो मेरे पुत्र के मुँह से खाना ( रोटी) बाहर आई। तथा मेरे पुत्र के पेट से पानी वगैरह कोई बाहर नहीं निकला था। पीड़ित नरिंगाराम ने कहा कि मुझे पूरा शक हैं, कि मेरे पुत्र को उपरोक्त लोगों ने मारकर सबूत मिटाने के लिए मेरे पुत्र को स्विमिंग पूल में गिरा दिया हैं। मेरे पुत्र की लाश सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखी हैं। उन्होंने मांग की की मेरे पुत्र प्रकाश की लाश का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया जाए। लेकिन पीड़ित नरिंगा राम मेघवाल ने 2 माह बीत जाने के बाद अब तक पुलिस ने कोई कानूनी कार्यवाही नहीं कि हैं।
पीड़ित ने आरोप लगाया कि पुलिस विभाग के आला अधिकारियों के द्वारा इस पूरे मामले और घटनाक्रम को लेकर पीड़ित के द्वारा राजीनामा बनाने का दबाव बनाया जा रहा हैं। तथा मामले को रफा दफा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा हैं। अब सवाल यह उठता हैं,कि आखिर क्यों पुलिस के आला अधिकारियों की ओर से ऐसे मामलों को लेकर कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए ,ना की पीड़ित परिवार को धमकाकर राजीनामा करवाने के लिए और मामले को रफा
दफा करवाने के लिए क्यों कहा जा रहा हैं? अगर ऐसा हैं,तो इस बात से यह साफ अंदेशा लगाया जा सकता हैं, कि पुलिस विभाग के आला अधिकारियों की इस मामले में मिलीभगत साफ तौर से जाहिर हैं, अन्यथा पुलिस विभाग के आला अधिकारियों को ऐसी बात क्यों कही जा रही थी? पुलिस विभाग के अधिकारियों को तो ऐसे मामलों को लेकर कानूनी कार्यवाही कर दोषियों को सख्त से सख्त से कार्यवाही करवाने के बजाय पीड़ित को इस प्रकार कहना कही न कहीं पुलिस प्रशासन सवाल खड़े करता है। पीड़ित ने कहा कि अगर मुझे न्याय नहीं मिलता हैं, तो मैं जोधपुर आई जी , जयपुर और दिल्ली के आला उच्च अधिकारियों तक
भी जाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। साथ ही पीड़ित ने चिकित्सा विभाग के आला अधिकारियों पर भी आरोप लगाया कि पोस्टमार्टम सही तरीके से नहीं किया गया, तथा चिकित्सा विभाग के आलाधिकारियों की भी मिलीभगत का अंदेशा लगाया। आखिर ऐसे मामलों में चिकित्सा विभाग और पुलिस विभाग की मिली भगत कही न कहीं सवाल खड़े करता है। आखिर इस जंगलराज में यह क्या हो रहा हैं? क्या पीडित परिवार की आवाज को दबाकर और ऐसे मामलों को रफा दफा करवाकर क्या साबित करवाना चाहते हैं? आखिर पीड़ितों की आवाज को क्यों दबाया जाता हैं? इस जंगलराज में आखिर यह क्या हो रहा हैं?" क्या गरीबों की आवाज ऐसे ही कब तक दबती रहेगी? आखिर कब तक पुलिस विभाग के आला अधिकारियों और चिकित्सा महकमे के आला अधिकारियों की मिली भगत ऐसे मामलों में होती रहेगी? और पीड़ित ने आरोप लगाया कि ऐसे मामलों में विधानसभा क्षेत्र जालौर के पूर्व विधायक रामलाल मेघवाल की भी मिलीभगत जताई जा रही हैं।
आखिर मामले को दबाने और राजीनामा करवाने का क्यों दवाब बनाया जा रहा हैं? क्या जब सरकार इनकी होगी तब ऐसे मामलों को आखिर कब तक दबाया जाएगा ? अब देखना यह हैं,की हमारी यह रिपोर्ट इस पीड़ित परिवार को न्याय दिलाकर उचित कानूनी कार्यवाही करवाकर दोषियों पर कार्यवाही होगी या फिर ऐसे मामलों को मिलीभगत से पीड़ित परिवार पर राजीनामा करने और मामले को रफा दफा करवाने का दबाव बनाया जाएगा। जब हमने पुलिस विभाग के आला अधिकारियों से बात करनी चाही तो उनका भी कोई सन्तुष्टि प्रद जबाव नहीं था। अब यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। अब देखना यह हैं, कि हमारी यह रिपोर्ट क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा या फिर इस जंगलराज में ऐसे ही चलता रहेगा। वह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। : समझो भारत डिजिटल न्यूज चैनल नई दिल्ली से राष्ट्रीय प्रभारी कान्तिलाल मेघवाल की स्पेशल कवरेज
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Aese log samaj ka kya Bhala krenge jo 8,9sal ke balk Ko mar de or agar ye Bhai 2,3 bar siming pool par nhi gaya hota to sayad body bhi nhi milti
ReplyDeleteHa hame ese mamlo ko an dekha nhi krna cahiye kyu ki ye aaj enke sath huaa h,kya pta kl hm mese kisi ke sath bhi ho satka h or rahi bat police ki use es mamle turnt sagyan lena cahiye tha, es parkar mamle me pidit parivar pr dabav dalna galat. Jago india Jago 🇮🇳
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