गत रात्रि श्री रामलीला महोत्सव का हुआ शुभारंभ : इंद्र का डोला सिंहासन : विष्णु भगवान को नारद जी ने दिया श्राप


कैराना। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कस्बा कैराना के गौशाला भवन में श्री रामलीला महोत्सव का शुभारंभ युवा भाजपा नेता और समाजसेवी मानस सिंगल कोतवाली प्रभारी निरीक्षक कैराना  प्रेमवीर राणा और व्यापारी नेता अंकित गोयल ने किया l शुभारंभ के उपरांत नारद लीला की बहुत ही सुंदर मंचन कलाकारों के द्वारा किया गया जिसमें दिखाया गया कि नारद जी चारों लोग के चक्कर काट रहे थे तभी रास्ते में हिमगिरी पर्वत पर उनकी इच्छा हुई कि वो इस शांत स्थान पर तपस्या करे l वह ध्यान मग्न होकर समाधि लेकर उसी स्थान पर  बैठ गए जिसके उपरांत जब यह जानकारी स्वर्ग के राजा इंद्र को होती है

तो वह बेहद परेशान होते हैं और उनका सिंहासन डोलने लगता है जिस पर वह अपने सेवक कामदेव और रंभा आदि परियों को नारद जी की तपस्या भंग करने के लिए भेजते हैं परंतु कामदेव नारद जी की तपस्या भंग नहीं कर पाता है और नारद जी से क्षमा मांगता है साथ ही रंबा आदि  परिया भी नारद जी की तपस्या को भंग नहीं कर पाते हैं जिस से उत्साहित होकर नारद जी अपना वृत्तांत बताने के लिए कैलाश पर्वत पर भगवान शंकर के पास जाते हैं और सारा वृतांत बताते हैं भगवान शंकर नारद जी की इच्छाशक्ति देख उनके पीछे दूत के तौर पर अपने दोनों गणों को लगा देते हैं उसके उपरांत नाराज नारद जी अपने पिता ब्रह्मा जी और विष्णु भगवान के पास जाकर अपने काम और यश को फैलाते हैं वह भी उन्हें काफी समझाने का प्रयास करते हैं जिस पर विष्णु भगवान के आदेश पर शील निधि राजा अपनी पुत्री विश्वमोहिनी के स्वयंवर के लिए मुनादी कराते हैं जिसमें नारद जी भी आते हैं इससे पूर्व नारद जी शीलनिधि की पुत्री विश्वमोहिनी का हाथ देखकर बताते हैं कि यह बहुत ही भाग्यशाली है स्वयंवर में नारद जी काफी प्रयास करते हैं परंतु विश्वमोहिनी चुपचाप विष्णु भगवान को माला डाल देती हैं जिस पर नारद जी बहुत क्रोधित होते हैं शंकर भगवान के गण नारद जी के मुंह और मस्तक पर रंग लगाकर उनका वानर का रूप बना देते हैं क्रोधित नारद जी को जब यह पता लगता है तो वह अत्यंत क्रोधित हो जाते हैं

और शंकर भगवान के गणों को श्राप देते हैं कि तुम अगली बार राक्षस बनोगे और जो आपने आज मेरा बानर रूप बनाया है यही वानर तुम्हारे अंत का कारण बनेंगे और क्रोधित हो कर चले जाते हैं और जब वह विष्णु भगवान से मिलते हैं तो विष्णु भगवान पर भी काफी क्रोधित होते हैं और उन्हें श्राप देते हैं कि जिस प्रकार में पत्नी के वियोग में  तड़प रहा हूं अगले जन्म में तुम भी उसी प्रकार पत्नी के वियोग में तड़फोगे l l हिमगिरी पर्वत और कैलाश पर्वत की बहुत ही सुंदर झांकियो का दृश्य सीनरी डायरेक्टर सुनील कुमार टिल्लू और पदम सेन नामदेव के द्वारा प्रस्तुत किया गया l

नारद का अभिनय अनिल कुंगरवाल नट का अभिनय अरविंद मित्तल नटनी और गण का अभिनय  राकेश सप्रेटा विष्णु भगवान का अभिनय सतीश प्रजापत लक्ष्मी जी का अभिनय शिवम गोयल शील निधि का अभिनय वरुण कोशिक गण का अभिनय आशु गर्ग कामदेव का अभिनय सागर मित्तल रंभा आदि परियों का अभिनय सनी और धीरू इंद्र का अभिनय प्रमोद गोयल शंकर भगवान का अभिनय सोनू कश्यप ने किया सुरक्षा के दृष्टिकोण से भारी पुलिस बल तैनात रहा वहीं नगर पालिका परिषद कैराना की ओर से विशेष सफाई अभियान और मच्छरों की फागिंग कराई गई l कार्यक्रम के दौरान मुख्य रूप से पंडित वीरेंद्र कुमार वशिष्ठ अतुल गर्ग डॉक्टर राम कुमार गुप्ता पुनीत गोयल अभिषेक गोयल अंकित जिंदल राजेश नामदेव विजय नारायण तायल राकेश वर्मा आदि मौजूद रहे l

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