प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना मूल्य में वृद्धि के संकेत मात्र किसानों के लिए लॉलीपॉप-- उपेंद्र चौधरी


किसानों को कुछ देना ही चाहते हैं तो 14 दिन से अधिक लेट हुए गन्ना के भुगतान पर नियम अनुसार दिलाए ब्याज यदि दम है तो संगठन की प्रदेश सरकार को खुली चेतावनी


वही विशेष सचिव उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिला अधिकारियों को पत्र लिखकर कटीले तारों के माध्यम से फसल की सुरक्षा कर रहे किसानों पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमे दर्ज करने के दिए निर्देश



आपको बता दें कि प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा गन्ने के मूल्य में वृद्धि के संकेत दिए जाने से जहां भाजपा इसे किसान इतना बड़ा कदम बताने में लगे हैं वहीं कुंडू खाप उत्तर प्रदेश व भारतीय किसान मजदूर सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र चौधरी ने इस संकेत को मात्र गन्ना किसानों के लिए एक लॉलीपॉप बताया उन्होंने अपने दी अभियान में सरकार को चेतावनी दी कि यदि उन्हें में दम है तो नियमानुसार किसान को 14 दिन से अधिक लेट हुए गन्ने के भुगतान पर शुगर मिलों से ब्याज दिला कर दिखाएं यदि वे ऐसा करते हैं तो सही मायने में किसान हितेषी है वरना यह मामूली वृद्धि के संकेत में एक लॉलीपॉप है और इसके अलावा कुछ नहीं आज से पूर्व भी यही मुख्यमंत्री और यही सरकार सॉरी यही थे गन्ना किसान ना हुई गन्ने मूल्य में वृद्धि और ना ही समय पर  भुगतान चुनावी वर्ष होने के चलते मूल्य वृद्धि के दिए जा रहे संकेत जहां प्रदेश सरकार गन्ना मूल्य वृद्धि को इस चुनाव वर्ष में बड़ा मुद्दा बनाना चाहती है वही प्रदेश सरकार के विशेष सचिव उत्तर प्रदेश ने सभी जिला अधिकारियों को पत्र लिखकर अपनी फसल की सुरक्षा करने वाले किसानों पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमे दर्ज करने के लिए निर्देश प्रमुख सचिव ने अपने पत्र में लिखा कि खेतों में कटीले बलेड तार लगाकर जो किसान अपनी फसल की सुरक्षा कर रहे हैं उनके विरुद्ध पशु क्रूरता अधिनियम के तहत दर्ज किए गए मुकदमे आप इसी पत्र से आप लोग अंदाजा लगा सकते हैं कि सरकार चाहे आ रही है


एक और मूल्य वृद्धि किसानों को अपने पक्ष में लेने की तैयारी कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सरकार की नजर में किसानों द्वारा अपनी फसल की सुरक्षा करना भी अब एक अपराध बन गया है प्रदेश सरकार आवारा घूम रहे गोवंश को संरक्षण देने में नाकाम रही है वही अब किसान जो कि अपनी फसल सुरक्षा के लिए इंतजाम कर रहे थे उन पर भी मुकदमे दर्ज करने की तैयारी में हैं सरकार की मंशा क्या है इसी पद से स्पष्ट हो जाता है सरकार चाहा क्या रही है पहले फसल के अवशेष जलाने पर मुकदमे में जुर्माना अब फसल की सुरक्षा करने पर भी दर्ज होंगे मुकदमा और चुनावी वर्ष में भी जब ऐसी स्थिति है तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सरकार की किसान विरोधी मानसिकता किस स्तर तक है अब यदि सरकार ने समय रहते किसान की सुध नहीं ली तो वह दिन दूर नहीं किसान सरकार को चुनाव में सबक सिखाने से पीछे नहीं और जन जन तक सरकार  की किसान विरोधी  नीतियों का प्रचार प्रसार किया जाएगा !!

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