हरी भरी धरा-जीवन खुशियों भरा


22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस इस धरती की संपत्ति का सम्मान, प्रोत्साहन करने के साथ ही लोगों के बीच प्राकृतिक संतुलन के विचार को बढ़ाने के लिए मनाया जाता है अर्थात हर साल पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्थन प्रदर्शित करने के लिए पृथ्वी दिवस मनाया जाता है।

 हमेशा स्वस्थ और जीवित रहने के लिये पर्यावरणीय मसलों का ध्यान रखना बहुत जरुरी है क्योंकि जाने अनजाने में लोग निर्दयतापूर्वक इसके संसाधनो का प्रयोग कर रहें हैं और सदियों से इसके जीवन समर्थक संसाधनों को जर्जर कर रहें हैं।इस वर्ष की थीम है 'रिस्टोर अवर अर्थ' है अर्थात 'हमारी पृथ्वी को पुनर्स्थापित करें'।

  प्लास्टिक व पॉलीथिन का कचरा नदियों के द्वारा समुद्र में चला जाता है जिससे समुद्री जीव प्रजातियों के जीवन पर प्रतिकूल असर पड़ता है। उद्योगों से निकलने वाले जहरीले पदार्थों को मिलने से नदियों का सूखना, पर्यावरण दूषित होने का दूसरा सबसे बड़ा कारण है जो ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि की ओर ले जा रहा है। रोजाना बढ़ते औद्योगिकीकरण वनों की कटाई की ओर ले जा रहें हैं जो अंतत: धरती के तापमान को बढ़ाने का कारण बनेगा जो धरती पर जीवन के लिये खतरा है जिसको कुछ छोटे उपायों को अपनाकर कम किया जा सकता है, जैसे जल को बचाने के साथ साथ उसके दुरुपयोग को रोकना, पेड़-पौधे लगाना, वनों की कटाई को रोकना, वायु प्रदूषण को रोकने के लिये वाहनों के इस्तेमाल को कम करना, बिजली के गैर-जरुरी इस्तेमाल को घटाने के द्वारा ऊर्जा संरक्षण को बढ़ाना।यही छोटे कदम बड़े कदम बन सकते हैं।आज के दिनों में सब कुछ या तो प्लास्टिक के थैलों में पैक होता है या दुकानदार के द्वारा इसमें दिया जाता है। प्लास्टिक थैलों का उत्पादन दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है, उसे बिल्कुल कम कर दें और कपड़े के थैले का प्रयोग करें।

  सभी लोग पृथ्वी दिवस को अलग अलग ढंग से मना सकते हैं।जैसे-

जरुरी स्थानों पर नये पौधा-रोपण करें।भूमि और जल प्रदूषण को टालने के लिये प्लास्टिक थैलों के इस्तेमाल में कमी लाने के लिये लोगों को प्रोत्साहित करना।पुराने सामानों का पुनर्चक्रण और दोबारा प्रयोग करने के बारे में अपने बच्चों को सिखाना।सड़क, पार्क और दूसरी जगहों से गंदगी हटाने में भाग लेना।ऐसी गतिविधियों में भाग लें जो पर्यावरण सुरक्षा से संबंधित हो और ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होने के लिये अधिक से अधिक व्यक्तियों को प्रोत्साहित करें।विभिन्न व्यवहारिक संसाधनों के द्वारा ऊर्जा संरक्षण के लिये लोगों को बढ़ावा दें।हम सभी मिलकर लोगों को शिक्षा दें कि हर दिन पृथ्वी दिवस है, इसलिये हर दिन उन्हें धरती का ध्यान रखना चाहिये।

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