शामली श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन पूजनीय श्री रोहिणी शरण जी महाराज ने गोपेश्वर की कथा वह कृष्ण भगवान और रुकमणी का विवाह की अमृत वर्षा का सभी श्रीमद् भागवत श्रद्धालुओं को रसपान कराया l इसके उपरांत श्रीमद् भागवत कथा के दौरान बीच में सुंदर-सुंदर झांकियां प्रस्तुत की l विवाह उत्सव पर श्रद्धालु गण भक्ति पूर्वक झूम उठे l


मोहल्ला  बरखंडी  पर स्थित सिद्धपीठ डेरा बाबा भवानी नाथ  शिव मंदिर के महंत पीर  श्री शेर नाथ जी के आशीर्वाद से पंडित लक्ष्मण कौशिक द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का छठे दिन का आयोजन बड़ी श्रद्धा पूर्वक किया गया इस अवसर पर सर्वप्रथम पंडित अनिल अचार्य पंडित विकास भारद्वाज ने संयुक्त रूप से श्रीमद् भागवत कथा को गणेश वंदना करते हुए शुभारंभ कराया  छठे दिन के पावन कथा प्रसंग से पूजनीय श्री   रोहिणी शरण जी महाराज  ने बहुत ही सुंदर भगवान श्री कृष्ण की दिव्य महारास लीला का वर्णन किया भगवान की महारास लीला इतनी दिव्य  है की स्वयं भूत भावन भोलेनाथ महारास की झांकी का दर्शन करने के लिए गोपी रूप में आए जिससे कि भोलेनाथ का 1 नाम गोपेश्वर कहलाया और इसके पश्चात मथुरा गमन प्रसंग में  अक्रूर जी भगवान को लेने आए जब भगवान श्री कृष्ण मथुरा जाने लगे समस्त ब्रिज की गोपियां भगवान कृष्ण के रथ के आगे खड़ी हो गई और कहने लगी  हे कन्हैया जब आपको हमें छोड़कर ही जाना था तो हम से प्रेम क्यों किया आज आप हमको छोड़कर जा रहे हैं विधाता को कोसने  लगी हे विधाता तुमने यह दिन दिखाया ही क्यों  गोपियां भगवान से कहने लगी    हे श्यामसुंदर प्रीत मोहन से की इस भरोसे से की 4 दिन जिंदगी के निकल जाएंगे इसके बाद गोपी उद्धव संवाद  एवं बड़ी धूमधाम से भगवान श्री कृष्ण एवं रुकमणी जी का विवाह उत्सव मनाया गया सुंदर मनोहर झांकी का भक्तों ने  दर्शन किया और बड़ा ही सुंदर भजन 

आज मेरे श्याम की शादी है 

मेरे घर श्याम की शादी है 

श्रद्धालु बहुत झूमते हुए आनंद प्राप्त किया l इस अवसर पर अरविंद कौशिक मांगेराम नाम देव  उत्तम नामदेव सतेंद्र नामदेव पंकज नामदेव अनुज नामदेव प्रमोद  नामदेव संदीप नामदेव डॉ पवन नामदेव रजनीश नामदेव आदि श्रद्धालुओं ने उपस्थित थे

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