यूं तो देश का हर नागरिक तिरंगा को हाथ में लेकर अपने को राष्ट्रभक्त कहता है , अगर देश में इतनी बड़ी संख्या में राष्ट्रभक्त होते हुए देश पर मर मिटने वाले मतवाले वीर क्रांतिकारियों को देश की सरकारों की ओर से वीरो को भारत रत्न और शहीद का दर्जा न देना ,देश का बहुत बड़ा दुर्भाग्य है , इससे ज्यादा दुःख का और कोई विषय नहीं है क्योंकि जिस देश के लिए क्रांतिकारी वीर सपूतों ने भरी जवानी में अपना बलिदान देकर सैकड़ों बरसों की अंग्रेजों की गुलामी से देश को आजादी दिलाकर सदैव के लिए भारत मां की मिट्टी की गोद में सो गए , एस वीरों के लिए शहीद का दर्जा तक नहीं दिया , वाह रे देश की सरकारें ,
आज देश को आजादी मिले सत दशक से ज्यादा समय गुजर गया , मगर आजाद भारत की सरकारों ने इन वीरों को सम्मान देने की बजाय एक गुमनाम दुनिया में पहुँचा दिया , आजादी से पहले वो भी वक्त था भारत मां के वीर क्रांतिकारियों को देशवासी , सर आंखों पर बिठाते थे इनके समर्थन में देश में भूचाल आ जाता था हड़तालें हो जाती थी , आजदी मिलते ही आज इसके विपरीत हो गया , और देश भक्त की जगह , लोग नेता भक्त हो गए , और नेताओं के समर्थन में। देश में हड़तालें हो जाती हैं , लेकिन क्रांतिकारियों के समर्थन में हड़तालें तो दूर कोई राष्ट्रीय नेता दो शब्द नहीं कहता , नाही एहसान फरामोस जनता उनके समर्थन में आती है ,चंद देश भक्त ही आते है , तो सरकारें उनकी मांगों को नजर अंदाज कर देती है देश में इनके सम्मान के लिए परिपूर्ण समर्पित होकर देश में मात्र एक क्रांतिकारी संगठन आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्ति संगठन के बैनर तले राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी एस बेदी के नेतृत्व में 6 वर्षों से भारत रत्न और शहीद का दर्जा आदि देने की मांगें राज्य सरकारों व केंद्र सरकार से उठाई जा रही हैं , 23 मार्च को सरदार भगत सिंह जी ,राजगुरु जी और सुखदेव जी का बलिदान दिवस पर विशेष रूप से ,हर जिले में मनाने की तैयारियां चल रही हैं और उसी दिन से हस्ताक्षर अभियान चला कर सरदार भगत सिंह जी ,राजगुरु जी ,सुखदेव के साथ साथ , नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, चंद्रशेखर आजाद जी , पं रामप्रसाद बिस्मिल जी , अशफाक उल्ला खां जी , ठाकुर रोशन सिंह जी सरदार उधम सिंह जी , सरदार करतार सिंह सराभा जी आदि को भारत रत्न और शहीद का दर्जा देने की मांग में मुहिम चलाई जाएगी , श्री बेदी ने कहा देश की जनता को इन वीरों के अनमोल बलिदान की कीमत को समझना होगा ,जब सारे नेता अपने फायदा स्वार्थ के लिए एक होकर पार्लियामेंट , विधान सभाओं में प्रस्ताव पारित कर ,मनचाही चीज को प्राप्त कर लेते है
तो क्या क्रांतिकारियों को शहीद और भारत रत्न का दर्जा देने के लिए क्यों नहीं पार्लियामेंट ,और विधान सभाओं में सभी नेता प्रस्ताव पारित कर शहीद का दर्जा और भारत रत्न देते , क्योंकि इन नेताओं को ए लगता है जिस दिन ए दोनों सम्मान क्रांतिकारी वीरों को मिल जाएगा तो उसी दिन से जाति धर्म की राजनीति समाप्त हो जाएगी ,देश की जनता को अपनी सोच को बदल कर क्रांतिकारियों को समर्थन में आवाज उठानी होगी और नेताओं को सच्चे राष्ट्रभक्त का पैग़ाम देना होगा
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