हरिद्वार में कांवड़ियों की एंट्री बैन,गंगाजल लेने आए तो रहना पड़ेगा 14 दिन क्वारंटीन

कोरोना के संक्रमण को देखते हुए उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से छह जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। इसके बाद अब तीन प्रदेशों के पुलिस अधिकारियों ने श्रद्धालुओं को रोकने के लिए योजना बना ली है।_ _उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश और हरियाणा के पुलिस अधिकारियों की बैठक में तय किया गया कि श्रद्धालुओं को अपने अपने क्षेत्र में सख्ती के साथ रोका जाएगा। इसके बाद भी यदि कोई श्रद्धालु हरिद्वार आता है तो उसे 14 दिन के लिए क्वारंटीन किया जाएगा।क्वारंटीन के दौरान का रहने और खाने का खर्चा उसे ही उठाना होगा। इसके अलावा तीनों राज्यों की पुलिस अपने-अपने बॉर्डर पर सघन चेकिंग अभियान चलाएगी।
बुधवार को रोशनाबाद स्थित कलक्ट्रेट में उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर और हरियाणा के यमुनानगर, करनाल आदि के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की समन्वय बैठक हुई। हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर की अध्यक्षता में हुई बैठक में कांवड़ यात्रा को लेकर नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरी बताते हुए यात्रा पर पूर्ण प्रतिबंध पर सहमति जताई गई।

बैठक में अधिकारियों के बीच इस बात पर सहमति बनी कि सघन चेकिंग के दौरान किसी भी जनपद से श्रद्धालुओं के समूह या दल को हरिद्वार नहीं आने दिया जाएगा। मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक यादव ने सुझाव दिया कि यात्रा के दौरान अपने-अपने जनपदों के बॉर्डर पर चेकिंग को तेज किया जाएगा। आम लोगों को यात्रा स्थगित करने की सूचना देने के लिए बड़े स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाएगा। इसके बाद भी यदि कोई श्रद्धालु लॉकडाउन का उल्लंघन करता तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।_
सादे कपड़े में जल भरने पर नहीं होगी पाबंदी

कांवड़ यात्रा को पूरी तरह से स्थगित कर दिया है, लेकिन स्थानीय निवासी या कोई भी बाहरी यात्री सादे कपड़े में हरिद्वार आ जाएगा तो उसे जल भरने से नहीं रोका जाएगा और न ही कोई कार्रवाई होगी। एडीएम प्रशासन बीके मिश्रा ने बताया कि कांवड़ियों की पहचान उसके गेरू कपड़े या समूह के रूप में आने से होती है, लेकिन स्थानीय व्यक्ति बिना कांवड़ के और या कांवड़ियों के वेष में आता है तो उस पर पाबंदी रहेगी।
भंडारे लगाने की नहीं मिलेगी अनुमति_*
सभी पुलिस अधीक्षकों ने इस बार यात्रा मार्गों में किसी भी प्रकार के राहत शिविर, भंडारों के आयोजन को प्रतिबंधित करने की बात कही। बैठक में तय किया गया कि किसी भी संस्था को शिविर और भंडारे लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसी तरह से कहीं पर भी कांवड़ बाजार नहीं सजेंगे और यदि कोई कांवड़ बेचते हुए पाया जाता है कार्रवाई की जाएगी।_

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