गरीबों को दुत्कार, चाची को आवास योजना का लाभ

कन्नौज। जिला मुख्यालय में जनता द्वारा निर्वाचित एक नेता जी से चुनाव के पहले लोगों को विकास कार्यों की बड़ी उम्मीद थी। जनता ने बड़े-बड़े नेताओं की अपील को ठुकराते हुए एक सामान्य युवा को वोट देकर चुनाव जितवा दिया। लेकिन चुनाव जीतते ही सामान्य युवा से नेता बने महाशय के तेवर ही बदल गए। जन सामान्य से मिलने में तो उनको परेशानी महसूस होने लगी। इस बीच साहब के अय्याशी की पोल भी खुल गईं। इससे भले ही जनता के बीच उनके लिए थू-थू मची हो, लेकिन नेता जी को इससे और भी आराम हो गई। इसी बहाने उन्होंने घर से निकलना और लोगों से मिलना ही बन्द कर दिया। बताया जाता है कि नेता जी की चाची उनका काफी ख्याल रखतीं हैं तो नेता जी भी अपना सर्वस्व उन पर न्यौछाबर करते हैं। यही वजह है कि सभी मानकों को ताक पर रखते हुए नेता जी के दबाव में उनकी चाची को आवास योजना का लाभ दिया गया। आवास योजना की किश्त भी चाची के बैंक अकाउंट में पहुंच गई। सूत्रों की मानें तो नेता जी के चाचा खुद ही ठेकेदार हैं और उनकी अच्छी-खासी इनकम हैं। वहीं दूसरी ओर यदि कोई जरूरतमंद गरीब व्यक्ति आवास योजना या पेंशन योजना का लाभ दिलाने की गुहार लगाए तो उसे दुत्कार दिया जाता है।

नौकरी करने के लिए सोशल मीडिया पर करनी पड़तीं अच्छी-अच्छी पोस्ट:-
चरित्र हीन नेता जी की छवि जब पूरे नगर में खराब हो चुकी है तब उन्होंने अपनी छवि सुधारने के लिए अपने कार्य क्षेत्र के दायरे में आने वाले छोटे-छोटे कर्मचारियों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। बताया गया कि नेता जी अपने कर्मचारियों पर दबाव बनाकर उनसे जबरदस्ती सोशल मीडिया पर अपने लिए अच्छी-अच्छी पोस्टें डलवाते हैं। नेता जी का साफ कहना है कि अगर नौकरी करनी है तो उनके लिए फेसबुक पर छवि सुधारने वाली बेहतरीन पोस्टें डालो अन्यथा नौकरी से निकाल देंगे। इसी दबाव में आकर कुछ कर्मचारी न चाहते हुए भी सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने के लिए विवश होते हैं।

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