जिला अधिकारी के आदेश के बाद भी अभी तक नहीं छोड़ा गया नहरों में पानी है

रिपोर्ट  ऋषि त्यागी बिजनौर

बिजनौर मे तापमान 45 डिग्री पर पहुंचने के साथ ही किसान हों या मवेशी सभी को पानी की जरूरत बढ़ गई है ऐसे में जनपद बिजनौर का हलक तर करने वाली सभी नहरे सूखी पड़ी है।

जिसका नतीजा यह है कि जहां एक ओर मवेशी पानी के लिए भटक रहे हैं तो वहीं किसानों की की फसले भी बूंद बूंद पानी को तरस रही है इस समय धान के पनीर का कार्य भी शुरू होना है लेकिन पानी के आभाव मे धान की पौध भी नहीं तैयार नहीं हो पा रही है नहर से निकलने वाले रजवाहों से धूल उढ़ रही है स्थिति यह है कि सूखी नहर इस समय पानी के लिए तरस रही है

मई माह लगभग बीतने को है और गर्मी अपने चरम पर है ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में नहरों के न आने से पेयजल व सिंचाई की समस्या खड़ी हो गई है बिजनौर क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा नहर के पानी से ही अपनी जरूरतें पूरी करता है। ऐसे में मवेशियों के लिए पानी की किल्लत खड़ी हो गई है। उधर फसलें पैदा करने वाले किसान सिंचाई के लिए परेशान है। नहर की इस मुख्य शाखा से कई माइनर व रजबहे निकले हैं लेकिन सभी सूखे पड़े हैं। मई जून की झुलसती गर्मी में सिंचाई के लिए भरपूर पानी कि जरूरत होती है तब नहर के पानी नही आता जिसके चलते अब फसल सूखने लगी है

जिलाधिकारी बिजनौर से निवेदन है कि
बिजनौर जनपद कि नहरो में जल्द से जल्द पानी छोड़ा जाए ताकि फसल की सिंचाई हो सके

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