अनुसूचित जनजागृति समिति एवं राष्ट्रीय वाल्मीकि समाज प्रतिनिधि मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद झंझोट ने एक प्रेस बयान में कहां है कि पूरे भारतवर्ष में गरीब मजदूर वर्ग रोजी रोटी कमाने के लिए एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में गए थे देश में कोरोना वायरस महामारी के बचाव में माननीय प्रधानमंत्री जी ने 22 मार्च 2020 से लॉक डाउन किया है लॉक डाउन में मजदूर वर्गो का काम ठप हो गया और जो लोग फैक्ट्रियों में लगे हुए थे उन्हें फैक्ट्री से हटा दिया गया और जो लोग प्रतिदिन मजदूरी कार्य करते थे लॉक डाउन होने से उनका वह
भी काम बंद हो गया है श्रमिकों के पास पैसे का भाव एवं सरकार द्वारा भोजन नहीं उपलब्ध नहीं हो पाया उस स्थिति में गरीब मजदूर वर्ग पैदल ही अपने-अपने प्रदेशों में के केशो 100 किलोमीटर चलने के लिए पद्य हो गए और इस दौरान उन्हें पुलिस की लाठिया की खानी पड़ी और पैरों में चलते चलते छाले पड़ गए और के लोगों की तो पैदल चलते चलते भूख प्यास से मृत्यु तक हो गई सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों को भेजने के लिए रेलवे सेवा एवं बस सेवा जो शुरू की है यह आदेश लॉक डाउन से 4 5 दिन बात किए हैं यह आदेश अगर पहले कर दिए जाते तो पुलिस के डर से महाराष्ट्र से चले प्रवासी 30 मजदूरों को सड़क के रास्ते से ना चलकर रेल पटरी के
रास्ते से पैदल आते हुए औरंगाबाद के निकट 16 मजदूर मालदा गाड़ी द्वारा कुचले गए ऐसी भयानक दुर्घटना मजदूरों के साथ ना होती और टीवी चैनल के समाचार एवं अखबार के माध्यम से मिली जानकारी की रेलवे विभाग द्वारा ऑनलाइन टिकट बुक किए जाने की व्यवस्था की है और रेलवे टिकट में रेलवे विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की कोई रियाद ने देने के लिए कहा है हमारा संगठन भारत सरकार से अनुरोध करता है की इस प्राकृतिक आपदा में श्रमिकों को निशुल्क उनके घरों को भिजवाए जानें की व्यवस्था सरकार द्वारा करने की मांग की है और हर मजदूर परिवार को सरकार की ओर से ₹5000 की आर्थिक मदद दी जाए जिससे वह गरीब श्रमिक अपने घर पहुंच कर अपने परिवार अपने बच्चों के लिए राशन घरेलू खाद्य वस्तुएं खरीद सके और जिन मजदूरों को फैक्ट्री मालिकों ने लोक डाउन में मजदूरों को निकालकर सड़कों पर भेजा है उनकी जांच करा कर उन फैक्ट्री मालिकों से श्रमिकों को कुछ आर्थिक मदद उनके खातों में भिजवाने की व्यवस्था कराई जाए और 22 मार्च से लोक डाउन किया
गया था जिसे आज 50 वा दिन है इस लोक डाउन में गरीब मजदूर वर्गों का एवं रिक्शा चालकों रेडी कपड़े वह छोटे छोटे व्यवसाय सड़कों पर लगाकर कार्य करने वाले लोगों के एवं मध्यमवर्ग के लोग भी भूख से जूझ रहे हैं और आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं प्रदेश मैं जो सरकारी चिकित्सालय नगरों व ग्रामीणों क्षेत्रों में बंद कर रखे हैं उन्हें तत्काल खुलवाया जाए लोक डाउन 17 मई से 3:00 बजे तक आवश्यक दुकाने खोलने की छूट दी जाए और फैक्ट्रियां एवं सभी प्रकार के मजदूर वर्गों वह किसानों को आवश्यक कार्य मजदूरी कार्य करने की छूट दी जाए और बच्चों की मोबाइल पर टीचरों द्वारा जो पढ़ाई कराई जा रही है उसमें बच्चों के मोबाइल का 3 माह का रिचार्ज एवं फास्ट नेट निशुल्क चलाने के लिए संबंधित कंपनियों को निर्देश दिया जाए और 3 माह की बच्चों की सभी कॉलेजों से फीस माफ
कराए जाने की मांग की और गरीब वर्ग एवं मध्यम वर्ग के लोगों का तीन महा का विद्युत बिल भी माफ कराए जाने की मांग की है और जिन लोगों के राशन कार्ड नहीं है या आवेदन करने के उपरांत राशन कार्ड नहीं बन पाए हैं उन सभी लोगों को राशन वितरण करने के निर्देश उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए थे परंतु जिन लोगों के राशन कार्ड नहीं है उन लोगों को राशन अभी भी नहीं दिया जा रहा है सरकार के आदेशों की खुली अवहेलना की जा रही है झंझोट ने सरकार से आग्रह किया है की जिन लोगों के राशन कार्ड नहीं है उन लोगों को भी आधार कार्ड पर जब से प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक इस आपदा में राशन वितरण करने की घोषणा की है तभी से ही पिछला
राशन भी एवं इस माह का भी राशन दिलाए जाने की मांग की है और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जो श्रमिकों को ₹1000 देने की घोषणा की थी उसमें भी हमें जानकारी मिली है कि मजदूरों को उनके खातों में पैसा नहीं पहुंचा है अतः हमारा अनुरोध है श्रमिकों के खातों में आप द्वारा घोषित ₹1000 की धनराशि श्रमिकों के खातों में भिजवाए जाए और ठेके व्यवस्था में अस्थाई सफाई कर्मचारियों को भी सरकार द्वारा ₹1000 आर्थिक मदद दिलाने की घोषणा की थी जो अभी तक नहीं मिल पाई है अतः पालिका द्वारा सफाई मजदूरों को भी ₹1000 की आर्थिक मदद उनके खातों में भिजवाए जाने की मांग की है भवदीय अरविंद झंझोट मोबाइल नंबर 94 57 77 16 39
भी काम बंद हो गया है श्रमिकों के पास पैसे का भाव एवं सरकार द्वारा भोजन नहीं उपलब्ध नहीं हो पाया उस स्थिति में गरीब मजदूर वर्ग पैदल ही अपने-अपने प्रदेशों में के केशो 100 किलोमीटर चलने के लिए पद्य हो गए और इस दौरान उन्हें पुलिस की लाठिया की खानी पड़ी और पैरों में चलते चलते छाले पड़ गए और के लोगों की तो पैदल चलते चलते भूख प्यास से मृत्यु तक हो गई सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों को भेजने के लिए रेलवे सेवा एवं बस सेवा जो शुरू की है यह आदेश लॉक डाउन से 4 5 दिन बात किए हैं यह आदेश अगर पहले कर दिए जाते तो पुलिस के डर से महाराष्ट्र से चले प्रवासी 30 मजदूरों को सड़क के रास्ते से ना चलकर रेल पटरी के
रास्ते से पैदल आते हुए औरंगाबाद के निकट 16 मजदूर मालदा गाड़ी द्वारा कुचले गए ऐसी भयानक दुर्घटना मजदूरों के साथ ना होती और टीवी चैनल के समाचार एवं अखबार के माध्यम से मिली जानकारी की रेलवे विभाग द्वारा ऑनलाइन टिकट बुक किए जाने की व्यवस्था की है और रेलवे टिकट में रेलवे विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की कोई रियाद ने देने के लिए कहा है हमारा संगठन भारत सरकार से अनुरोध करता है की इस प्राकृतिक आपदा में श्रमिकों को निशुल्क उनके घरों को भिजवाए जानें की व्यवस्था सरकार द्वारा करने की मांग की है और हर मजदूर परिवार को सरकार की ओर से ₹5000 की आर्थिक मदद दी जाए जिससे वह गरीब श्रमिक अपने घर पहुंच कर अपने परिवार अपने बच्चों के लिए राशन घरेलू खाद्य वस्तुएं खरीद सके और जिन मजदूरों को फैक्ट्री मालिकों ने लोक डाउन में मजदूरों को निकालकर सड़कों पर भेजा है उनकी जांच करा कर उन फैक्ट्री मालिकों से श्रमिकों को कुछ आर्थिक मदद उनके खातों में भिजवाने की व्यवस्था कराई जाए और 22 मार्च से लोक डाउन किया
गया था जिसे आज 50 वा दिन है इस लोक डाउन में गरीब मजदूर वर्गों का एवं रिक्शा चालकों रेडी कपड़े वह छोटे छोटे व्यवसाय सड़कों पर लगाकर कार्य करने वाले लोगों के एवं मध्यमवर्ग के लोग भी भूख से जूझ रहे हैं और आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं प्रदेश मैं जो सरकारी चिकित्सालय नगरों व ग्रामीणों क्षेत्रों में बंद कर रखे हैं उन्हें तत्काल खुलवाया जाए लोक डाउन 17 मई से 3:00 बजे तक आवश्यक दुकाने खोलने की छूट दी जाए और फैक्ट्रियां एवं सभी प्रकार के मजदूर वर्गों वह किसानों को आवश्यक कार्य मजदूरी कार्य करने की छूट दी जाए और बच्चों की मोबाइल पर टीचरों द्वारा जो पढ़ाई कराई जा रही है उसमें बच्चों के मोबाइल का 3 माह का रिचार्ज एवं फास्ट नेट निशुल्क चलाने के लिए संबंधित कंपनियों को निर्देश दिया जाए और 3 माह की बच्चों की सभी कॉलेजों से फीस माफ
कराए जाने की मांग की और गरीब वर्ग एवं मध्यम वर्ग के लोगों का तीन महा का विद्युत बिल भी माफ कराए जाने की मांग की है और जिन लोगों के राशन कार्ड नहीं है या आवेदन करने के उपरांत राशन कार्ड नहीं बन पाए हैं उन सभी लोगों को राशन वितरण करने के निर्देश उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए थे परंतु जिन लोगों के राशन कार्ड नहीं है उन लोगों को राशन अभी भी नहीं दिया जा रहा है सरकार के आदेशों की खुली अवहेलना की जा रही है झंझोट ने सरकार से आग्रह किया है की जिन लोगों के राशन कार्ड नहीं है उन लोगों को भी आधार कार्ड पर जब से प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक इस आपदा में राशन वितरण करने की घोषणा की है तभी से ही पिछला
राशन भी एवं इस माह का भी राशन दिलाए जाने की मांग की है और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जो श्रमिकों को ₹1000 देने की घोषणा की थी उसमें भी हमें जानकारी मिली है कि मजदूरों को उनके खातों में पैसा नहीं पहुंचा है अतः हमारा अनुरोध है श्रमिकों के खातों में आप द्वारा घोषित ₹1000 की धनराशि श्रमिकों के खातों में भिजवाए जाए और ठेके व्यवस्था में अस्थाई सफाई कर्मचारियों को भी सरकार द्वारा ₹1000 आर्थिक मदद दिलाने की घोषणा की थी जो अभी तक नहीं मिल पाई है अतः पालिका द्वारा सफाई मजदूरों को भी ₹1000 की आर्थिक मदद उनके खातों में भिजवाए जाने की मांग की है भवदीय अरविंद झंझोट मोबाइल नंबर 94 57 77 16 39
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