सिद्धार्थनगर।कोरोना जैसी महामारी के लिए मीडिया का एक बड़ा तबका सुनियोजित ढंग से मुसलमानों को ज़िम्मेदार ठहराने की कोशिश कर रहा है,

सग़ीर ए ख़ाकसार
 जो कि मुनासिब नही है मीडिया का काम निष्पक्ष ढंग से पत्रकारिता करना और अवाम तक सच्चाई पहुंचाना है। मीडिया के एक बड़े

तबके  ने तब्लीगी जमात की आड़ में मुसलमानों की एक ऐसी छवि बनाने की कोशिश की है, जो इस धारणा को जन्म देता  है कि

मुसलमानों से ज्यादा  गवांर और जाहिल  कोई और कौम नही है।
यह विचार नेपाल के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इस्लामिक स्कॉलर

मौलाना शमीम अहमद नदवी ने व्यक्त किया है।एक बयान में उन्होंने कहा कि मीडिया ने तब्लीगी जमात के रूप में एक फर्जी दुश्मन

बनाया है,और मुसलमानों और इस्लाम की गलत क्षवि पेश कर रही है। तब्लीगी जमात के बहाने इस महामारी में मरने वालों का ठीकरा

मुसलमानों के सिर पर फोड़ना चाह रही है। इतना ही नहीं  अब पीड़ितों और मरने वालों  का नवीनतम डेटा उल्लेख करते यह नहीं

भूलता कि तब्लीगी जमात से उसका क्या  संबंध है ? नेपाल के सबसे बड़े इस्लामिक शिक्षण संस्था जामिया सिराजूल उलूम झंडानगर  के

प्रबंधक नदवी ने कहा कि  जमात के  बुजुर्ग व्यक्तियों के खिलाफ ऐसे  बेबुनियाद  ,बगैर  सर पैर के  आरोप लगाने में उन्हें  जरा  भी

शर्म नहीं  आ  रही है।  जिसकी  कल्पना भी नहीं की जा सकती है। मसलन  ,उन्होंने नर्सों के साथ बदतमीजी  और घिनौनी हरकत की

थी। जिन लोगों को  तब्लीगी समुदाय के सदियों पुराने इतिहास के बारे मे जरा भी इल्म है वह  अच्छी तरह  इस बात से  वाकिफ हैं  कि

वह  पवित्रता, करूणा, दया,और परोपकार से परिपूर्ण हैं।  फिर  वह इस कदर ढीठ आवारा स्वभाव  के कैसे हो सकते हैं?कि नर्सों के साथ

ओछी और अमानवीय हरकतें शुरू कर दी ।क्या जमात के किसी सदस्य का  इससे  इस तरह का कोई आपराधिक रिकॉर्ड था?

क्या  मीडिया द्वारा फैलाई जारही अफवाहों पर आंख मूंदकर विश्वास किया जासकता है ?

 राष्ट्रीय मदरसा संघ नेपाल के संस्थापक शमीम नदवी ने आगे कहा कि उन पर यह बेबुनियाद आरोप लगाया गया कि उन लोगों ने

पुलिसवालों पर थूका ,मीडिया ने अपने इस झूठ को साबित करने के लिए जो वीडियो सबूत के तौर पर दिखाया वह  डेढ़ महीने पहले महाराष्ट्र का था।

मौलाना नदवी ने कहा कि कोरोना एक वैश्विक महामारी है दुनिया के लिए एक घना अंधेरा है।वैश्विक आर्थिक मंदी से दुनिया की

 कमर टूट रही है।इस महामारी से निपटने के लिए सरकारें ,मेडिकल
स्टाफ,पुलिस व अन्य सरकारी एजेंसियां रात दिन दिलो जान से जुटे

हैं।

यह संकट की घड़ी आरोप प्रत्यारोप और हिन्दू मुसलमान जैसे गैर जरूरी मुद्दों पर बहस का कत्तई नहीं है,हमे मिलजुकर इस महामारी से लड़ना होगा।

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