डुमरियागंज, सिद्धार्थ नगर।।
बताते चले कि युवा अज़हर पेशे से इंजीनियर है दिल्ली की एक मशहूर गैस कम्पनी में काम करता है। बीते 22 मार्च को वह दिल्ली से वासा दरगाह आया था।
इंजीनियर अज़हर ने बताया कि वह कोरोना जैसी भयावह महामारी के खतरे की गंभीरता को अच्छे ढंग से समझते है। इसी वजह से प्रशासन को हर प्रकार से सहयोग कर रहे हैं।
अज़हर ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लिखा है कि
*"लोगो के बेहतर स्वास्थ्य के लिए अपने गांव वासाचक के प्राथमिक पाठशाला में प्रशासन के सहयोग से हमने खुद को क्वारंटाइन किया है।*
*मुझे खुशी है कि कोरोना की इस महामारी के खिलाफ मैं देश के साथ हूँ।"*
ऐसे समय मे जब अलग अलग जगहों से क्वारंटाइन किये गए लोगो के भागने और सहयोग न करने की खबरे आ रही हो तो क़ाज़ी अज़हर जैसे युवा का सकारात्मक दृष्टिकोण बेहद प्रशंसनीय है, अज़हर की समझदारी से सभी को सीख लेनी चाहिए।
सग़ीर ए ख़ाकसार
बताते चले कि युवा अज़हर पेशे से इंजीनियर है दिल्ली की एक मशहूर गैस कम्पनी में काम करता है। बीते 22 मार्च को वह दिल्ली से वासा दरगाह आया था।
इंजीनियर अज़हर ने बताया कि वह कोरोना जैसी भयावह महामारी के खतरे की गंभीरता को अच्छे ढंग से समझते है। इसी वजह से प्रशासन को हर प्रकार से सहयोग कर रहे हैं।
अज़हर ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लिखा है कि
*"लोगो के बेहतर स्वास्थ्य के लिए अपने गांव वासाचक के प्राथमिक पाठशाला में प्रशासन के सहयोग से हमने खुद को क्वारंटाइन किया है।*
*मुझे खुशी है कि कोरोना की इस महामारी के खिलाफ मैं देश के साथ हूँ।"*
ऐसे समय मे जब अलग अलग जगहों से क्वारंटाइन किये गए लोगो के भागने और सहयोग न करने की खबरे आ रही हो तो क़ाज़ी अज़हर जैसे युवा का सकारात्मक दृष्टिकोण बेहद प्रशंसनीय है, अज़हर की समझदारी से सभी को सीख लेनी चाहिए।
सग़ीर ए ख़ाकसार
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