“ज़िन्दगी एक अल्लाह की अमानत है, और कब वापस ली जाए, इसका इल्म सिर्फ़ उसी को है।”
शामली के मोहल्ला हाजीपुरा, नाला पटरी के रहने वाले जनाब जमशेद सैफी साहब के घर में उस वक़्त कोहराम मच गया जब उनके जवान बेटे फैजान सैफी (उम्र लगभग 23 वर्ष) का अचानक इंतेक़ाल हो गया।
बताया गया कि फैजान दिल्ली में कारोबार करता था और पिछले कुछ दिनों से अपने घरवालों को बता रहा था कि वह तबीयत से नासाज़ है। घरवालों ने प्यार और फिक्र से कहा — “बेटा, तुम शामली आ जाओ, कुछ दिन आराम कर लो, फिर जब हालत बेहतर हो जाए तो काम पर लौट जाना।”
फैजान ने अपने माँ-बाप की बात मान ली और 25 जुलाई 2025 (दिन जुमा) को शामली आ गया। रात का खाना खाकर वह अपने कमरे में आराम करने लगा, लेकिन तभी उसे पेट में तेज़ दर्द महसूस हुआ। परिवार वाले फ़ौरन उसे शामली के मशहूर चिकित्सक डॉ. खुर्शीद अनवर के नर्सिंग होम ले गए। डॉक्टर ने मामूली तकलीफ़ बताकर कुछ दवाइयाँ देकर वापस भेज दिया।
लेकिन तक़दीर को कुछ और ही मंज़ूर था। घर लौटने के कुछ ही देर बाद फैजान की हालत बिगड़ने लगी, और इत्तेफाक़न अचानक ही उसने इस फानी दुनिया को अलविदा कह दिया।
यह खबर जैसे ही फैली, पूरे मोहल्ले और शहर में ग़म की लहर दौड़ गई। एक जवान बेटे की यूं अचानक मौत से पूरा परिवार सदमे में है। मां-बाप, भाई-बहन और रिश्तेदार बेसुध हैं। चीखें सुनकर पड़ोसी भी दौड़ पड़े और देखते ही देखते उनके घर पर लोगों की भीड़ लग गई।
मैय्यत की तदफीन आज दिन शनिचर, 26 जुलाई 2025 को बाद नमाज़े जोहर गुलशन नगर टायर मार्किट स्थित कब्रिस्तान में की जाएगी।
तमाम अज़ीज़ों, अहबाब और शहरियों से दरख्वास्त है कि जनाज़े में शरीक होकर सवाबे दारेन हासिल करें और इस दुखी परिवार के लिए दुआ करें।
📌 यह रिपोर्ट "समझो भारत" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के संवाददाता शौकीन सिद्दीकी द्वारा शामली से प्रेषित की गई है।
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إِنَّا لِلّهِ وَإِنَّا إِلَيْهِ رَاجِعُونَ
"हम अल्लाह के लिए हैं और उसी की तरफ लौट कर जाने वाले हैं"
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