राज्य महिला आयोग की सदस्य ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया। सीएचसी में साफ-सफाई न मिलने पर अस्पताल के स्टाफ को लताड़ लगाई। वहीं डॉक्टरों के मौजूद न मिलने पर कड़ी नाराजगी जताई



वीओ- बृहस्पतिवार की दोपहर करीब 12 बजे राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ प्रियंवदा तोमर ने कैराना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया। महिला आयोग की सदस्य द्वारा कैराना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण करने की सूचना पर एसडीएम मणि अरोरा व तहसीलदार रणवीर सिंह भी मौके पर पहुंच गए।

सबसे पहले महिला आयोग की सदस्य प्रियंवदा तोमर सीएचसी के ऑपरेशन थिएटर में पहुंची। जहां पर मरीजों के लिए बिछाई गई बेडशीट गंदी मिली तथा वाॅशवेशन में धूल जमी हुई होने पर मौजूद स्टाफ को लताड़ लगाई तथा उन्हें साफ-सफाई रखने के निर्देश दिए। इसके बाद नसबंदी रजिस्ट्रेशन वार्ड में पहुंची, तो वहां पर महिला डॉक्टर मौजूद नहीं मिली।


जिसके बाद उन्होंने सीएमओ संजय भटनागर को फोन कर डॉक्टर मनजीत कौर की अनुपस्थिति के बारे में बताया। राज्य महिला आयोग की सदस्य ने महिला मरीजों से बातचीत की तो मरीजों ने बताया कि सीएचसी पर आए दिन डॉक्टर समय पर मौजूद नहीं मिलते।

उनके द्वारा कई बार शिकायत की जा चुकी हैं, लेकिन संबंधित अधिकारियों द्वारा डॉक्टरों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं की जाती। जिस कारण सीएचसी में मौजूद डॉक्टर अपनी मनमानी करने में लगे हुए हैं। जिसके बाद महिला आयोग की सदस्य ने डॉक्टरों की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज कर कार्यवाही कराने की बात कहीं।


महिला आयोग की सदस्य डॉ प्रियंवदा तोमर ने बताया कि उन्हें शामली सीएचसी में महिला डॉक्टर के न होने के कारण मरीजों के परेशान होने की शिकायत मिल रहीं थी। सबसे पहले उनके द्वारा शामली सीएचसी का औचक निरीक्षण किया गया। वहां कोई महिला चिकित्सक उपलब्ध नहीं थी। महिलाएं बहुत परेशान थी। पर्चियां लेकर घूम रही थी। उन्होंने शासन प्रशासन से कहा कि ऐसी महिलाएं जो इस तरह से परेशान हो रहीं हैं।

उनके लिए कुछ ना कुछ व्यवस्था तुरंत कराएं और वें दुबारा भी इस चीज पर संज्ञान लेंगी। उन्होंने बताया कि शामली सीएचसी में पहुंचने पर पता चला कि एक महिला डॉक्टर वहां से कैराना सीएचसी में नसबंदी शिविर में आई हैं। जिसको देखने के लिए वे स्वयं कैराना सीएचसी में पहुंची हैं, लेकिन उक्त महिला डॉक्टर कैराना सीएचसी में भी मौजूद नहीं मिली। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों ने चिकित्सा सुविधा का मखोल बनाकर रख दिया हैं।

सरकार ने महिलाओं के विषय में कितनी योजनाएं चला रखी हैं, लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं हैं। राज्य महिला आयोग की सदस्य ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण महिलाओं को इस तरह से उत्पीड़न झेलना पड़ रहा हैं। इसका दोबारा से संज्ञान लेना पड़ेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह से दोबारा लापरवाही मिली तो कार्यवाही की कराई जाएंगी।

बाइट- डॉ प्रियंवदा तोमर सदस्य राज्य महिला आयोग

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