विज्ञान का विकास दुनिया के लिए एक वरदान की तरह है क्योंकि मनुष्य को दुनिया के बारें में बहुत कुछ पता चलता है

   शामली, विज्ञान का विकास दुनिया के लिए एक वरदान की तरह है क्योंकि मनुष्य को दुनिया के बारें में बहुत कुछ पता चलता है। इसके अलावा विज्ञान ने उन्नति के साथ-साथ प्रौद्योगिकी का विकास विभिन्न क्षेत्रों जैसे- दवा कृषि, शिक्षा, सूचना और प्रौद्योगिक और कई अन्य क्षेत्रों में आज विज्ञान ने क्रान्ति ला दी है। आज के युग में यदि हम किसी भी प्रकार के विकास के बारे में सोचते है तो उसमें विज्ञान की उपस्थिति को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता ।
आज टैक्नोलाॅजी इस कदर बढ़ गई है कि मनुष्य हर प्रकार से इस पर निर्भर हो गया है। वर्तमान युग में टैक्नोलाॅजी मानव की सभ्यता के साथ-साथ निरन्तर बढ़ती जा रही है, जिसका मनुष्य अपने जीवन में अध्ययन कर सकता है। आज हमारा भारतवर्ष विश्व में वैज्ञानिक तकनीकि के क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता बनाये हुए है। आज के विद्यार्थी के लिए वैज्ञानिक तकनीक सबसे जरूरी है,
इसका विद्यार्थी के जीवन में विशेष महत्व है क्योंकि वैज्ञानिक तकनीक से हमारा मानसिक विकास भी होता है और तकनीकि क्षेत्र में छोटी-छोटी जीत उनके जीवन में आगे बढ़ने के लिए रास्ता बनाती है। विद्यार्थियों का आज देश के आने वाले कल के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए विद्यार्थियों के क्रियाकलापों व उन्हें दिए जाने वाले ज्ञान पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए तथा समय-समय पर तकनीकि विकास कार्यशालाओं का आयेाजन विद्यालय में किया जाना आवश्यक है।
उक्त उद्गार सेन्ट आर0 सी0 कान्वेंट स्कूल शामली में आयोजित ‘‘स्फिग्मोमेनो मीटर (ब्लड़ प्रेशर मापने की मशीन) व रोबोटिक कार मैकिंग कार्यशाला’’ उद्घाटन के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि श्रीमती मीनू संगल ने व्यक्त किये तथा माॅ सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया ।
        हरिद्वार की विज्ञान तकनीकि फाउण्डेंशन आॅफ इण्डिया के मैनेजर श्री कशिश व उनकी 11 इंजीनियर्स की टीम मनीष कुमार, शुभमपाल, आर0 रवि, आकाश लोधी, अमित शर्मा, सुमित कुमार आदि के द्वारा कक्षा-8 व कक्षा-9 के छात्र/छात्राओं को स्फिग्मोमेनोमीटर (ब्लड़ प्रेशर मापने की मशीन) व रोबोटिक कार बनाना सिखाया गया व इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी। उन्होंने छात्रों को स्फिग्मोमेनोमीटर बनाते हुए बताया कि स्फिग्मोमेनोमीटर वह यंत्र है
जिसके द्वारा धमनी के रक्तचाप को निर्धारण किया जाता है। आज मानव जगत में सबसे ज्यादा समस्या बी0पी0 (ब्लड़ प्रेशर) की है जो कि एक भयंकर रूप धारण कर चुकी है आज हर परिवार में कोई ना कोई ब्लड़प्रेशर की बीमारी से ग्रसित है। इसकी जाॅच करने वाला उपकरण ही स्फिग्मोमेनोमीटर (ब्लड़ प्रेशर मापने की मशीन) कहते है। यह मशीन कैसे कार्य करती है और डाॅक्टर इसके द्वारा कैसे ब्लड़ प्रेशर नापते है और यह कब हाई व कब लौ होता है और किस प्रकार नार्मल होता है।
इसके अतिरिक्त कक्षा-9 के छात्र/छात्राओं को रोबोटिक कार बनाना सिखाया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने स्वयं इलैक्ट्रिक मीटर, बी.पी., डी.पी., डी.टी. स्विच की मदद से एक वर्किग वायर रोबोट कार का निर्माण किया। अपने द्वारा निर्माण की गयी रोबोट कार को वर्क करते देख सभी छात्र/छात्राओं ने ज्ञान वृद्धि के साथ-साथ रोमांच का अनुभव किया।

स्फिग्मोमेनोमीटर व रोबोटिक कार विज्ञान कार्यशाला सत्र स्कूल प्रधानाचार्य श्री आदित्य कुमार के दिशा निर्देशन में सम्पन्न किया गया। उन्होंने छात्र/छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज जो हाई ब्लड़ प्रेशर की समस्या निरन्तर बढ़ती जा रही है जो कि एक विकराल रूप धारण कर चुकी है। इस समस्या की जानकारी बच्चों में पढ़ाई के साथ-साथ होना जरूरी हो गया है।
          इस अवसर पर आर.पी.एस मलिक, अरविन्द चैधरी, फैजान, मनीष, शुभम कौशिक, शेखर कपूर, उषा आर्या, नीलम, प्रतिभा शर्मा, सुधांजलि, अनिता वत्स, सीमा, कविता संगल, निशा शर्मा आदि अध्यापक/अध्यापिकाएं उपस्थित रहे।

_नोट:- न्यूज एम.एस.वल्र्ड व जेपीजी इमेज व फोटो स्कूल की ई-मेल द्वारा भेज दिए गए है।_
                              _प्रधानाचार्य_

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