मुज़फ्फरफुर विभाजनकारी नागरिकता संशोधन कानून व राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर और दिल्ली में छात्रों पर पुलिस फायरिंग तथा देशभर में आंदोलनकारियों पर पुलिस बर्बरता और महिलाओं पर बढ़ते जघन्य अपराधों के खिलाफ एआईडीएसओ, एआईडीवाईओ एवं एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) की ओर से संगठन के मोतीझील स्थित कार्यालय से प्रतिवाद जुलूस निकाला गया


मुजफ्फरपुर: से शिवशंकर झा की रिपोर्ट

   मुज़फ्फरफुर  विभाजनकारी नागरिकता संशोधन कानून व राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर और दिल्ली में छात्रों पर पुलिस फायरिंग तथा देशभर में आंदोलनकारियों पर पुलिस बर्बरता और महिलाओं पर बढ़ते जघन्य अपराधों के खिलाफ एआईडीएसओ, एआईडीवाईओ एवं एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) की ओर से संगठन के मोतीझील स्थित कार्यालय से प्रतिवाद जुलूस निकाला गया।


जो तिलक मैदान रोड, जवाहरलाल रोड होते हुए कल्याणी चौक पर पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया। कल्याणी चौक पर प्रतिवाद सभा को संबोधित करते हुए एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) के जिला सचिव अर्जुन कुमार ने कहा कि आज 16 दिसंबर निर्भया दिवस है। 7 वर्ष पहले इसी दिन दिल्ली में बर्बर गैंगरेप की शिकार मेडिकल की छात्रा निर्भया की मौत हो गई थी। जिसके खिलाफ पूरे देश भर में महिलाओं के साथ दुष्कर्म के दोषियों को फांसी देने, अश्लील सिनेमा-साहित्य व नशाखोरी पर रोक लगाने आदि मांगों को लेकर देशभर में आंदोलन हुए थे। उन सवालों को समाधान करने की दिशा में केन्द्र सरकार ने कोई  कदम नहीं उठाया। आज पूरे देश भर में हजारों बच्चियों एवं महिलाओं के साथ दुष्कर्म एवं उन्हें जिंदा जला देने की घटना से समाज स्तब्ध है

जबकि केंद्र की सरकार देश की धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को नष्ट करते हुए कुछ खास धर्म के प्रताड़ित लोगों को नागरिकता देने के नाम पर विभाजनकारी नागरिकता संशोधन कानून बनाई है एवं देश भर में एनआरसी लागू करने का प्रयास कर रही है। लेकिन पहले से ही राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के आधार पर शरणार्थियों को नागरिकता दी जा सकती है।

वास्तव में सरकार की यह नीति सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने का ही एक कुत्सित प्रयास है।  जिसका पूरे देश भर में विरोध हो रहा है सरकार एवं पुलिस लाठी गोली के बल पर लोगों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। जामिया विश्वविद्यालय में छात्रों पर गोली चलाया जा रहा है जहां दर्जनों छात्र पुलिस की गोली से घायल होकर जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं और इसी तरह पूरे देश भर में आंदोलनों का दमन चल रहा है।
       उन्होंने आम लोगों खासकर छात्र नौजवानों से धार्मिक सोच से ऊपर उठकर केंद्र सरकार की विभाजनकारी नीति का पुरजोर विरोध करने की अपील की।
        प्रतिवाद मार्च में एआईडीएसओ के राज्य सचिव विजय कुमार, मुजफ्फरपुर जिला अध्यक्ष शिवकुमार, जिला उपाध्यक्ष मो. अली अहमद, जिला सहसचिव राजन कुमार, तरन्नुम खातून, रोशन शर्मा, गुलशन परवीन, मो. आसिक शबनम परवीन, खुशबू कुमारी, रिंकी कुमारी, काजल कुमारी, अमोद कुमार, कुमोद कुमार सहनी, एआइडीवाइओ के जिला अध्यक्ष अरविंद कुमार,जिला सचिव लालबाबू राय, बिपीन ठाकुर एवं आशुतोष कुमार आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।

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