फिर चर्चा में आया शामली अपहरण कांड, डिप्टी एसपी ने जारी की ऑडियो, इकलौते बेटे का आज तक इंतजार



दीपक कुमार / सलीम फारूकी दस्तक टाइम्स शामली

यूपी के शामली जनपद में करीब आठ साल पहले शहर का सबसे चर्चित अनसुलझा अपहरण कांड एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इस घटना के दौरान शामली कोतवाली में इंस्पेक्टर पद पर तैनात रहे और वर्तमान में एसटीएफ नोएडा में तैनात डिप्टी एसपी ने इस घटना से जुड़ी एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल की है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि इसमें अपहरणकर्ताओं और संयम के परिजनों के बीच फिरौती को लेकर हुई बातचीत मौजूद है।

एसटीएफ के डिप्टी एसपी विनोद सिरोही ने फोन पर बताया कि वे शामली के अनमोल अपहरणकांड के बाद 2011 में शामली कोतवाली में प्रभारी निरीक्षक के पद पर तैनात थे। उस समय उन्होंने इस केस की जांच की थी। उस समय की ऑडियो और अन्य दस्तावेज उनके पास सुरक्षित हैं। जिस समय अपहरण हुआ था, उस समय सोशल मीडिया व्हाट्सएप नहीं था। उस समय जांच में यह बात आई थी कि बदमाशों ने जितनी बार भी बात की, उसकी लोकेशन शामली क्षेत्र में ही पाई गई थी। इस आधार पर उनका मानना है कि अपहरण में शामिल बदमाश शामली समेत आसपास के जनपद के हो सकते हैं। आवाज से बदमाश की पहचान हो जाए तो इससे केस के खुलासे में मदद मिल सकती है।

ये था पूरा मामला
शहर के मोहल्ला गांधीगंज निवासी घी व्यापारी मनोज गोयल के पुत्र अनमोल उर्फ संयम का 15 अप्रैल 2011 की शाम करीब साढ़े पांच बजे घर से ट्यूशन जाते समय अपहरण कर लिया था। रात में करीब साढ़े आठ बजे फिरौती के लिए परिजनों के पास फोन आया। उस समय अनमोल इंटर का छात्र था। पुलिस ने इस मामले में शहर के एक व्यापारी को पकड़ा था, लेकिन अपहृत छात्र और अपहरणकर्ताओं का पता नहीं चल सका था। पीड़ित परिजनों ने पुलिस से निराश होकर हाईकोर्ट में सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के आदेश पर सितंबर 2014 को केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। सीबीआई ने केस की जांच की, लेकिन जब कोई सुराग हाथ नहीं लगा तो करीब दो साल बाद अपहरणकर्ताओं की जानकारी देने पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित करते हुए शहर में पोस्टर चस्पा किए थे, लेकिन आज तक अपहृत छात्र का कोई सुराग नहीं लग सका है। अब एसटीएफ ने भी अपने स्तर से फिर से जांच शुरू कर दी थी।

ऑडियो के साथ जारी हुआ ये मैसेज
ऑडियो के साथ एसटीएफ के डिप्टी एसपी विनोद सिरोही की तरफ से जारी मैसेज में लिखा है कि संयम शामली का अप्रैल 2011 में फिरौती के लिए अपहरण हुआ। अब व्हाट्सएप है और आवाज को शेयर कर सकते हैं। आवाज पहुंचाने वाले नए अपराधी भी हो सकते हैं। एकदम नौसिखिया मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत समीपवर्ती मेरठ के हर कस्बे शहर और गांव में सेंड कीजिए ये आवाज। अपराधियों को सजा दिलवाविए। अपने पिता का अकेला पुत्र, जो आज तक नहीं लौटा। ये आवाज बदमाशों की है, पहचाने। इनाम भी नाम भी गुप्त रखा जाएगा। डिप्टी एसपी ने अपना मोबाइल नंबर 8218986277 भी दिया है यदि कोई पहचानें तो उनके नंबर पर भी सूचना दे सकता है।

परिजनों को आज भी वापसी का इंतजार
अनमोल का अपहरण हुए आठ साल हो गए। उसके माता-पिता को आज भी उसके सकुशल लौटने का इंतजार है। पिता मनोज और मां मीनू का कहना है कि उनका बेटा एक दिन जरूर लौटेगा। वे बेटे की सकुशल बरामदगी और अपराधियों को सजा दिलाने के लिए कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्हें भगवान पर पूरा भरोसा है कि एक दिन उन्हें न्याय जरूर मिलेगा। पांच सितंबर को अनमोल का जन्म दिन था, उस दिन वह परिजनों को बहुत याद आया।

अपहर्ताओं ने 29 बार कॉल की पर अनमोल से नहीं कराई बात
व्यापारी मनोज गोयल ने बताया कि अपहरण की घटना के ढ़ाई माह बाद 30 जून तक अपहरणकर्ताओं ने अधिकतर अनमोल के मोबाइल फोन से 5 से 7 मिनट तक करीब 29 बार बात की। उन्होंने हर बार अनमोल से बात कराने या उसका ऐसा कोई साक्ष्य देने को कहा, जिससे उन्हें यह संतुष्टि हो सके कि उनके पास उनका बेटा है, लेकिन अपहरणकर्ताओं ने एक बार भी बात नहीं कराई। मनोज गोयल के मुताबिक अपहरणकर्ताओं ने शुरुआत में 25 लाख की फिरौती मांगी थी, लेकिन बाद में बात 15 लाख तक आ गई थी। वे देने को तैयार भी हो गए थे, लेकिन इसके बाद भी उनका बेटा नहीं मिला।
सीबीआई के डेरा डालने की चर्चा रही
अनमोल अपहरण कांड से संबंधित ऑडियो सोशल मीडिया पर जारी होने के बाद शहर में सीबीआई टीम के आने और डेरा डालने की दिनभर चर्चा चलती रही, हालांकि अधिकारिक तौर पर सीबीआई टीम के आने की पुष्टि नहीं हुई। पीड़ित व्यापारी मनोज ने बताया उन्हें सीबीआई टीम के बारे में कोई जानकारी नहीं है। करीब डेढ़ साल से सीबीआई ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया। इससे पहले 15-20 बार सीबीआई के अधिकारियों ने आकर उनसे संपर्क कर केस के बारे में जानकारी ली थी।

अनमोल अपहरण कांड पर एक नजर
15 अप्रैल 2011 : छात्र का ट्यूशन जाते हुए अपहरण, रात को फिरौती का फोन आया। रिपोर्ट दर्ज।
सितंबर 2014 :  सीबीआई को जांच सौंपी गई।
2016 : सीबीआई ने अपहृत और अपहरणकर्ताओं का सुराग देने पर दो लाख का इनाम घोषित किया।
19 सितंबर 2019 : एसटीएफ के डिप्टी एसपी की तरफ से अपहरणकर्ताओं और परिजनों के बीच बातचीत की ऑडियो जारी हुई।

No comments:

Post a Comment