सजे दस्तरख्वान, इमाम हसन की नज़र का एहतमाम

बिडौली (शामली)।बिडौली सादात में रविवार देर शाम शिया समुदाय द्वारा नवासे-ए-रसूल हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम की याद में अकीदत और एहतराम के साथ दस्तरख्वान सजाकर नज़र का एहतमाम किया गया। इस मौके पर पूरे गांव में रूहानी माहौल देखने को मिला, जहां लोगों ने रोज़ी में बरकत और कारोबार में तरक़्क़ी की दुआओं के साथ नज़र व नियाज़ अदा की।

शिया समुदाय के लोगों का मानना है कि नज़र के एहतमाम से अल्लाह तआला रोज़ी में बढ़ोतरी और जीवन में बरकत अता फरमाते हैं। इसी अकीदे के तहत घर-घर दस्तरख्वान सजाए गए और एक से बढ़कर एक लज़ीज़ पकवान तैयार कर मेहमानों की दावत की गई। दस्तरख्वान सजने के बाद आसपास के लोगों और मेहमानों को आमंत्रित किया गया, जहां सबने मिलकर नज़र में शिरकत की।

गांव में अकीदत, भाईचारे और आपसी मोहब्बत की मिसाल पेश करते हुए लोग एक-दूसरे के घरों में नज़र में शरीक हुए। इस दौरान मेहमानों ने इमाम हसन अलैहिस्सलाम के वसीले से रोज़ी में बरकत, अमन-ओ-सुकून और खुशहाली की दुआ मांगी। पूरे आयोजन में सादगी, तहज़ीब और रूहानियत साफ झलकती रही।

इस नज़र के एहतमाम में सैय्यद हसन रज़ा, साजिद शाह, खालिद शाह, सलीम शाह सहित अन्य अकीदतमंदों ने सक्रिय भूमिका निभाई और मेहमाननवाज़ी का बेहतरीन नमूना पेश किया।


“समझो भारत” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए
बिडौली, ज़िला शामली (उत्तर प्रदेश) से
पत्रकार: शाकिर अली की खास रिपोर्ट

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