अररिया (बिहार) – सुपारी किलिंग के एक हैरतअंगेज़ केस में पुलिस ने खुलासा किया है कि UP के बहराइच की रहने वाली शिक्षिका शिवानी की हत्या दरअसल गलत पहचान के कारण कर दी गई।
हत्यारों का टारगेट कोई और महिला टीचर थी, लेकिन संयोग ऐसा बना कि दोनों ही एक ही स्कूल में पढ़ाती थीं और दोनों की स्कूटी का रंग लाल था। इसी कंफ्यूज़न ने एक निर्दोष की जान ले ली।
कैसे हुई गलती?
बिहार के अररिया इलाके में स्थित स्कूल में दो महिला शिक्षक—
- हुस्न आरा द्वारा निशाना बनाई गई महिला (पति शाकिर की गर्लफ्रेंड)
- उत्तर प्रदेश की शिवानी (निर्दोष पीड़िता)
—दोनों एक ही रंग की स्कूटी चलाती थीं।
जिस दिन शूटर्स स्कूल के पास पहुंचे, टारगेट बनने वाली महिला छुट्टी पर थी।
शिवानी उसी रंग की स्कूटी पर स्कूल पहुंच रही थीं, और शूटर्स ने उन्हें ही निशाना बना लिया।
हत्या की सुपारी किसने दी?
पुलिस जांच में बड़ा खुलासा हुआ कि
हुस्न आरा नाम की महिला ने अपने पति शाकिर की कथित गर्लफ्रेंड की हत्या के लिए 3 लाख रुपये में सुपारी दी थी।
इस काम को अंजाम देने के लिए
- मारूफ
- सुहैल
नाम के शूटर्स को लिया गया था।
तीनों गिरफ्तार, सुपारी की रकम बरामद
बिहार पुलिस की कार्रवाई में
- हुस्न आरा
- मारूफ (शूटर)
- सुहैल (शूटर)
को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस ने सुपारी में दी गई रकम के सबूत भी अपने कब्जे में लिए हैं।
एक निर्दोष शिक्षक जेल जाने से बच गया
शुरुआती शक स्कूल के ही शिक्षक रणजीत पर गया था।
परिवार ने उनके खिलाफ FIR भी दर्ज कराई।
लेकिन पुलिस की गहन जांच में रणजीत पूरी तरह बेकसूर पाए गए।
पुलिस ने समय रहते सच्चाई सामने लाकर एक निर्दोष को जेल जाने से बचा लिया—जो विभाग की सक्रियता और जिम्मेदारी का मजबूत उदाहरण है।
दिल दहलाने वाली कहानी, बड़ा सबक
यह घटना न केवल एक खतरनाक आपराधिक साजिश का खुलासा है, बल्कि यह भी बताती है कि
कभी-कभी संकरी जानकारी, जल्दबाज़ी और गलत पहचान कितनी बड़ी त्रासदी बन जाती है।
एक निर्दोष युवा शिक्षिका सिर्फ इसलिए मारी गई क्योंकि उसकी स्कूटी का रंग किसी दूसरे की तरह था।
रिपोर्टर
ज़मीर आलम
अररिया, बिहार
राष्ट्रीय समाचार पत्रिका “समझो भारत” के लिए विशेष रिपोर्ट
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