वीर बाल दिवस: सेंट आरसी कान्वेंट स्कूल पिंडौरा में साहिबजादों के शौर्य को नमन

झिंझाना (शामली)देशभर में वीर बाल दिवस के रूप में मनाए जाने वाले इस गौरवशाली अवसर पर सेंट आरसी कान्वेंट स्कूल, पिंडौरा में शौर्य, बलिदान और आत्मसम्मान से ओत-प्रोत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विद्यालय परिसर में विद्यार्थियों और स्टाफ ने एकजुट होकर इतिहास के उन अमर बाल वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनका साहस आज भी देश को प्रेरणा देता है।

कार्यक्रम का उद्देश्य सिखों के दसवें गुरु के छोटे साहिबजादों— और —के अद्वितीय बलिदान को स्मरण करना था। इन बाल वीरों ने बहुत कम उम्र में धर्म, सत्य और मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देकर इतिहास में अमिट स्थान बनाया।

विद्यालय की प्रधानाचार्य मोनिका चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि वीर बाल दिवस नई पीढ़ी को साहस, सत्यनिष्ठा और आत्मसम्मान का पाठ पढ़ाता है। साहिबजादों का बलिदान यह सिखाता है कि सच्चाई के मार्ग पर अडिग रहकर कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना किया जा सकता है।
वहीं विद्यालय प्रबंधक देवेंद्र कुमार तोमर ने कहा कि मुगल शासन के अत्याचारों के विरुद्ध संघर्ष करते हुए गुरु गोविंद सिंह जी को अपने साहिबजादों का बलिदान देना पड़ा। यह त्याग न केवल सिख इतिहास बल्कि भारतीय संस्कृति के लिए भी गौरव का विषय है, जो हमें देशप्रेम और आत्मसम्मान की प्रेरणा देता है।

कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों को वीर साहिबजादों के जीवन पर आधारित प्रेरणादायक फिल्म भी दिखाई गई, जिससे बच्चों में देशभक्ति और नैतिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ी। उपस्थित शिक्षकों—नसीम अहमद, सुभाष कुमार, लोकेंद्र कुमार, महावीर प्रसाद, शिखा गोयल, कंचन शर्मा, निकुंज देशवाल, सोनिया चौधरी और सुशील कुमार—ने भी साहिबजादों के बलिदान पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

यह आयोजन न केवल एक स्मरण था, बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए यह संदेश भी कि राष्ट्र, धर्म और मानवता की रक्षा के लिए साहस और बलिदान का मार्ग ही सच्ची वीरता है।


“समझो भारत” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
झिंझाना, शामली (उत्तर प्रदेश) से
पत्रकार: शाकिर अली 
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