शिमला (हिमाचल प्रदेश):1920 में भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर द्वारा वंचितों की आवाज़ के रूप में स्थापित किए गए “मूकनायक” ने एक बार फिर इतिहास रच दिया। लगभग 105 वर्षों बाद, 14 दिसंबर 2025, रविवार को शिमला में आयोजित मूकनायक के द्वितीय राष्ट्रीय महा अधिवेशन में सामाजिक और औद्योगिक क्षेत्र की अग्रणी हस्ती विशाखा गायकवाड (पुणे) को “मूकनायक उद्योग रत्न अवार्ड” से सम्मानित किया गया।
शिमला के प्रख्यात गेयटी थिएटर में आयोजित इस भव्य अधिवेशन में देशभर से आए सैकड़ों साहित्यकारों, पत्रकारों, लेखकों, समाजसेवियों और विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। इसी मंच से विशाखा गायकवाड को यह सम्मान प्रदान किया गया।महिला सशक्तिकरण और स्वउद्योग की प्रेरक मिसाल
विशाखा गायकवाड देशभर में महिलाओं को स्वउद्योग के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं। उनके मार्गदर्शन में आज हजारों महिलाएं और पुरुष स्वरोजगार से जुड़कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं। उनका कार्य केवल रोजगार तक सीमित नहीं है, बल्कि आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता की मजबूत नींव तैयार कर रहा है।इस सामाजिक अभियान में उनके जीवनसाथी संदीप गायकवाड भी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। यह दंपति मिलकर सशक्त भारत के सपने को जमीन पर उतारने का निरंतर प्रयास कर रहा है।
राष्ट्र के लिए प्रेरणादायक संदेश
अपने संबोधन में वक्ताओं ने कहा कि विशाखा गायकवाड जैसे व्यक्तित्व आज के भारत के लिए प्रेरणा हैं। देशवासियों से अपील की गई कि वे उनके मार्गदर्शन को अपनाकर स्वयं को और राष्ट्र को सक्षम बनाने में योगदान दें।
इस सम्मान के बाद देशभर में खुशी की लहर है और लाखों लोग विशाखा गायकवाड को इस उपलब्धि के लिए निरंतर हार्दिक बधाइयाँ दे रहे हैं।
“समझो भारत” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए
शिमला, हिमाचल प्रदेश से
ब्यूरो चीफ: रामलाल यादव की खास रिपोर्ट
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