महाराजा सूरजमल के बलिदान दिवस पर शामली में आयोजन, वीरता और संस्कारों को याद करने का संदेश


शामली।
आज 25 दिसंबर को के राष्ट्रीय संरक्षक के कैंप कार्यालय, करनाल रोड पर के बलिदान दिवस के अवसर पर एक विचार गोष्ठी एवं श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बत्तीसा खाप के चौधरी सोकेन्द्र सिंह ने की।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रमेन्द्र सिंह नंबरदार ने कहा कि महाराजा सूरजमल अदम्य साहस और वीरता के प्रतीक थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में लगभग 80 युद्ध लड़े और सभी में विजय प्राप्त कर इतिहास रचा। भरतपुर रियासत कभी किसी के अधीन नहीं रही—यह उनकी दूरदर्शी रणनीति और नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में यह हमारा परम कर्तव्य है कि हम अपने बच्चों को अपने पूर्वजों के गौरवशाली इतिहास से अवगत कराएं, ताकि उनमें आत्मगौरव और संस्कार विकसित हो सकें।

वहीं, राष्ट्रीय महासचिव सचिन चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि आज के समय में परिवारों का विघटन तेजी से हो रहा है और समाज के लोग अपने-अपने दायरे में सिमटते जा रहे हैं, जो चिंताजनक है। यदि समाज के लोग मिल-बैठकर संवाद और समस्याओं का समाधान करें, तो न केवल समाज सशक्त होगा बल्कि दूसरों के सामने भी एक सकारात्मक नजीर पेश होगी। उन्होंने युवाओं से नशे से दूर रहने और रचनात्मक कार्यों में आगे आने की अपील की।

कार्यक्रम का संचालन देवराज पहलवान ने किया। इस अवसर पर रामसुख चौधरी, चंद्रशेखर, प्रवीण निर्वाल, अंकित टिटौली, पंकज सरोहा, प्रो. विकास चौधरी, राजवीर सिंह, यशपाल, प्रभात मलिक, धीर सिंह, सचिन सरोहा, ब्रजपाल सिंह, सतबीर मुछ सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सभी ने महाराजा सूरजमल के जीवन से प्रेरणा लेकर समाजहित में कार्य करने का संकल्प लिया।

“समझो भारत” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए शामली, उत्तर प्रदेश से पत्रकार सुरेन्द्र सिंह निर्वाल की खास रिपोर्ट।
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